अम्बिकापुर: बहुप्रतीक्षित 33 हज़ार शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर शिक्षक दिवस के दिन छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड एवं बीएड संघ के बैनर तले बड़ी संख्या में बीएड एवं डीएड प्रशिक्षित युवा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे। मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपे जाने वाले ज्ञापन के माध्यम से प्रशिक्षित डीएड एवं बीएड संघ जल्द से जल्द शिक्षक भर्ती की मांग करेगा। संघ नें चेतावनी दी है कि 15 सितंबर तक 33 हज़ार शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं होने पर आगामी 21 सितंबर को राजधानी रायपुर में उग्र आंदोलन किया जायेग।
कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड एवं बीएड संघ के सरगुजा जिलाध्यक्ष आदित्य कुमार बारीक नें बताया कि प्रदेश भर के लाखों डीएड एवं बीएड प्रशिक्षित अभ्यर्थीगण लंबे समय से शिक्षक भर्ती की प्रतीक्षा कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के घोषणा-पत्र में प्रदेश भर में 57 हज़ार शिक्षकों की भर्ती किये जाने का उल्लेख था। जिस पर भरोसा करते हुए हम सभी प्रशिक्षित बेरोजगारों नें बड़ी संख्या में भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान किया, जिसकी वजह से प्रदेश में भाजपा की बहुमत प्राप्त सरकार सकी। यही नहीं विधानसभा के प्रथम सत्र के दौरान तत्कालीन शिक्षा मंत्री माननीय बृजमोहन अग्रवाल जी नें वर्तमान शिक्षण-सत्र में 33 हज़ार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की थी, परन्तु आज तक इस भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं किये जाने से प्रदेश भर के लाखों प्रशिक्षित डीएड एवं बीएड अभ्यर्थीगण ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। रैली कलाकेंद्र मैदान से शुरू होकर घड़ी चौक पहुंचेगी जहां कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर 15 सितंबर तक शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू ना होने पर 21 सितंबर को राजधानी रायपुर में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी जाएगी। जिलाध्यक्ष नें सरगुजा जिले के समस्त प्रशिक्षित युवाओं से बड़ी से बड़ी संख्या में शामिल होने का आह्वान किया है।
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि लोकसभा चुनाव से पहले शिक्षक भर्ती का तोहफा प्रदेश के लाखों प्रशिक्षण प्राप्त रोजगार का इंतज़ार कर रहे युवाओं को मिल सकता है। तत्कालीन शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के विधानसभा में वर्तमान शिक्षण-सत्र में ही 33 हज़ार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा के बाद से प्रशिक्षित युवा अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गया था। लेकिन इसी बीच लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद तत्कालीन शिक्षा मंत्री लोकसभा चले गए और शिक्षा मंत्री के पद से भी स्तीफा दे दिया और शिक्षक भर्ती ठंडे बस्ते में चली गई। फिलहाल मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भारसाधक शिक्षा मंत्री हैं। इसी बीच शिक्षक भर्ती की मांग में तेजी आते देख सरकार ने बीच का रास्ता निकाला और युक्तियुक्तकरण के नाम पर प्रदेश के हज़ारों स्कूलों को बन्द करने का फैसला लिया जिससे प्रदेश में शिक्षकों की कमी परिलक्षित ना हो और शिक्षक भर्ती ना करना पड़े। लेकिन शिक्षक संगठनों के भारी विरोध के बाद शिक्षक संगठनों के साथ शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों ने द्विपक्षीय बैठक बुलाई जो बेनतीजा रही। इसके शिक्षक संगठन किसी भी हाल में युक्तियुक्तकरण करने की मांग को लेकर आगामी 9 सितंबर को प्रदेशव्यापी आंदोलन की तैयारियों में जुटे थे, इसी बीच सरकार ने ज़िम्मेदार अधिकारियों को युक्तियुक्तकरण के कार्य को स्थगित करने का आदेश दिया। छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड एवं बीएड संघ युक्तियुक्तकरण को स्थगित नहीं हमेशा के लिए समाप्त करने की मांग कर रहा है साथ हीं वर्तमान सेटअप के अनुसार ही शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर आक्रोशित है। संघ नें चेतावनी दी है कि शिक्षक भर्ती की मांग जल्द पूरी नही हुई तो आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।