बिलासपुर: छत्तीसगढ़ का पारंपरिक लोक पर्व तीजा (हरितालिका तीज ) सोमवार यानी आज से प्रारंभ हो रहा है। आज शाम महिलाएं घर-घर जाकर कडु भात खाएंगी। जिसके बाद 24 घंटे का निर्जला उपवास रखेंगे। कडु भात खाने से पहले बिलासपुर के तिलहर बाजार में करेले का भाव डबल हो गया है। जुलाई महीने में जहां एक किलो करेले का भाव 30 से 35 रुपए भाव बिका तो वही आज सुबह 60 से 70 रुपए तक पहुंच गया।
भाद्रपद शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि मंगलवार को है, जिसे हरितालिका व्रत कहा जाता है। इस तिथि पर सुहागवती महिलाएं और युवतीयां निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव-पार्वती का पूजन करेंगी। सुहागिनें पति की लम्बी उम्र की कामना करेंगी तो युवतीयां अच्छे पति के लिए व्रत करेंगी। इस व्रत के महत्व को देखते हुए लोग इसकी तैयारियों मेें जुट जाते हैं। इसमें महिलाएं तीजा मनाने अपने-अपने साधनों बसों और ट्रेन से अपने मायके पहुंच रही हैं। यही कारण है कि आज ट्रेन और बसों में भीड़ है।
अधिकांश ट्रेनों के रद्द होने के कारण महिलाएं निजी वाहन आटो से भी अपने मायके पहुंच रहे हैं। हरितालिका व्रत के लिए आज सोमवार को करू भात खाएंगी। इसके दूसरे दिन 24 घंटे के निर्जला व्रत करेंगी। सोलह श्रृंगार में भगवान शिव का पूजन कर कथा सुनेंगी। आज देर शाम तक महिलाएं एक-दूसरे के घर जाकर करू भात की परंपरा को पूरी करेंगी।
बाजार में तिजहारिन की भीड़
तीजा पर्व को लेकर महिलाओं में इस साल खासा उत्साह है। बाजार में जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है। कोविड-19 महामारी के कारण विगत दो वर्षों से बाजार में ज्यादा चहल-पहल नहीं था लेकिन इस साल महिलाओं का उत्साह देखते ही बन रही है। खासकर ज्वेलरी और रेडीमेड साड़ी की दुकानों में भीड़ अधिक है।
करेला का है विशेष महत्व
हरितालिका तीज में करेले की सब्जी का बहुत महत्व होता है जिसे देखते हुए इस वक्त बाजारों में करेला का भाव बढ़ा है। व्रत के दौरान सुहागिन महिलाएं और युवतियां इस व्रत को करते समय इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। एक बार हरितालिका तीज का व्रत शुरू करने के बाद इसे जीवनभर रखना पड़ता हैं। इस व्रत में सोने की मनाही होती हैं, इस व्रत में महिलाओं को रतजगा करना होता हैं।