अंबिकापुर/बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के उत्तरी इलाके में इन दिनों हाथियों का उत्पात बढ़ गया है, हाथियों ने दो महिलाओं को कुचलकर मार डाला तो एक महिला और उसके बच्चे को घायल कर दिया। जिन्हें अस्पताल भर्ती कराया गया है। वहीं लगातार हाथियों के कुचलने से लोगों में वन विभाग के कर्मचारियों और अफसरों की कार्यप्रणाली को लेकर गुस्सा है।
हाथियों ने जशपुर जिले के तपकरा क्षेत्र स्थित गांव सागजोर में एक गर्भवती महिला को मार दिया। महिला नहाने गई थी और उसी दौरान जंगली हाथी ने कुचल दिया। सागजोर निवासी पूर्व उप सरपंच उपेंद्र कुमार नायक ने बताया कि इलाके में हाथी घूम रहे हैं, हम लोग हाथियों का निगरानी कर रहे थे लेकिन वन कर्मचारियों द्वारा कहा गया कि हाथी शाम चार बजे से पहले जंगल से नहीं निकलेंगे, हम निगरानी कर रहे हैं और गांव वालों को घर भेज दिया गया, इसके बाद जंगली हाथियों ने एक गर्भवती महिला को कुचल दिया। इस घटना के बाद लोगों में गुस्सा है। इसी तरह रायगढ़ के तमनार क्षेत्र में एक महिला महुआ चुनने के लिए जंगल गई थी, उसी समय महिला पर हाथी ने हमला कर दिया इससे उसकी मौत हो गई, जबकि महिला ने वहां से भागने की कोशिश की। इसी तरह सरगुजा जिले के उदयपुर इलाके में एक महिला अपने पति और बच्चे के साथ जंगल किनारे झोपडी बनाकर रह रहे थे जहां रात में हाथी आ धमका और झोपडी को तोड़ते हुए महिला को कुचल दिया इतना ही नहीं महिला का आठ माह का दूधमुहा बच्चा भी जख्मी हो गया। महिला अपने बच्चे को बचाने के चक्कर में वहां से जल्दी नहीं भाग सकी हालांकि हाथी झोपडी में रखे आनाज को खाने में जुट गया तो महिला बच गई और उसे बच्चे के साथ अस्पताल भर्ती कराया गया है।
सरगुजा संभाग में महुआ बीनने महिलाए बड़ी संख्या में अल सुबह जंगल चली जाती हैं और उसी दौरान उनका हाथियो से सामना हो जा रहा है वहीं जंगल में चारा पानी की कमी की वजह से हाथी जंगल से कभी भी जंगल से निकलकर बस्ती के आसपास पहुंच रहे हैं और ऐसी घटनाएं हों रहीं हैं। वहीं हाथियों की निगरानी के लिए पहले हाथियों के झुण्ड के मुखिया हाथी पर कालर आईडी लगाया गया था लेकिन वह सिस्टम भी फेल हो गया। बता दें कि अकेले सरगुजा संभाग में 110 हाथी इन दिनों घूम रहे हैं तो छत्तीसगढ़ में 300 से अधिक हाथी हैं। वहीं सरगुजा संभाग में हाथियों ने तीन साल में 100 से अधिक लोगों की जान ली है।