नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत में सर्दी की दस्तक के साथ ही वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। कई शहरों में हवा जहरीली हो गई है। दिल्ली से सटा उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद लगातार दूसरे दिन देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। शुक्रवार को गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 384 दर्ज किया गया, जबकि एक दिन पहले यह 373 दर्ज किया गया था।

देश में नोएडा दूसरा और ग्रेटर नोएडा तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक हवा की गति कम होने के कारण प्रदूषक आबोहवा में बने हैं, जिससे हवा जहरीली हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में गुरुवार को AQI 333 था और शुक्रवार को सुबह साढ़े नौ बजे यह 346 दर्ज किया गया। दिल्ली के आनंद विहार केंद्र में यह 443 तक पहुंच गया।

उत्तर प्रदेश के कई शहरों में वायु प्रदूषण चिंताजनक स्थितियों में पहुंच गया है। इसे देखते हुए सभी नगर निकायों को पानी के छिड़काव का निर्देश दिया गया है। एंटी स्माग गन का इस्तेमाल करने को भी हिदायत दी गई है। लखनऊ व वाराण्गसी नगर निगम ने पानी का छिड़काव शुरू कर दिया है। इसमे पेड़ों के साथ सड़कों पर पानी का छिड़काव हो रहा है, लेकिन अभी यह कुछ क्षेत्र तक ही सीमित है।

छत्तीसगढ़ में प्रदूषण मंडल मुख्यालय ने जिला प्रशासन के सहयोग के नेतृत्व में पांच सदस्यीय संयुक्त टीम गठित की है, जो लोगों को पटाखों नहीं छोड़ने और प्रदूषण से बचने के लिए जागरूक कर रही है।

पंजाब के कई शहरों में वायु प्रदूषण खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन प्रो आदर्शपाल विग ने कहा कि पराली न जलाने के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों की टीमें लगातार कार्यरत हैं। इनमें प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के साथ-साथ कृषि विभाग, राजस्व विभाग मुख्य तौर पर शामिल हैं। इसके साथ ही पराली जलाने वाले किसानों को जुर्माने का प्रविधान भी है लेकिन यह कार्रवाई जिला प्रशासन ने करनी होती है। जुर्माना लगाने के बजाय किसानों को पराली न जलाने को लेकर ही सहमत करना हमारी मुख्य प्राथमिकता है।

शून्य से 50 के बीच एक्यूआइ को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ तथा 401 से 500 के बीच एक्यूआइ को ‘गंभीर’ माना जाता है।

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