सूरजपुर: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिला मुख्यालय के समीप रामनगर गांव है. इस गांव में लगभग एक दशक से शासकीय हाई स्कूल का संचालन किया जाता है. लेकिन यहां की शिक्षा व्यवस्था कुछ ठीक नहीं है. शिक्षकों की मनमानी ज्यादातर सामने आती रहती है. वहीं अब तो हद ही हो गई है. शैक्षणिक सत्र 2022-23 में 10वीं पासआउट हुए बच्चे अपना ट्रांसफर सर्टिफिकेट स्कूल प्रबंधन से मांग रहे है. लेकिन प्रबंधन देने से इनकार कर रहा है. प्रबंधन की ओर से बच्चों को यह कहा जा रह है कि इस वर्ष से यहीं 11 वी कक्षाएं लगेंगी. यहीं पढ़ाई करना. लेकिन बच्चे इस स्कूल के टीचरों की मनमानी से परेशान हैं।

दरअसल, रामनगर गांव में संचालित हाई स्कूल प्रबंधन की मनमानी सर चढ़कर बोल रही है. यहां 10वीं पास हुए बच्चे टीसी लेकर दुसरे स्कूल में पढ़ाई करना चाहते है. लेकिन प्रबंधन उन्हें टीसी नहीं दे रहा है. बच्चों का कहना है कि टीसी मांगने पर प्रिंसिपल मैडम द्वारा उन्हें टीसी नहीं दिया जा रहा है. क्योंकि इस वर्ष से यहां 11वीं की कक्षाएं शुरू हो रही है. और सिर्फ कृषि संकाय की कक्षाएं लगेंगी. लेकिन जो बच्चे कॉमर्स, आर्ट्स या अन्य संकाय से पढ़ना चाहते हैं उनका क्या? ये भी बड़ा सवाल बना हुआ है. इधर प्रिंसिपल मैडम टीसी नहीं देने की बात पर अड़ी हुई है. प्रिंसिपल सुषमा बखला का कहना है कि ऊपर से मौखिक रूप से आदेश है कि अभी टीसी किसी को नहीं देना है.

हाई स्कूल प्राचार्य सुषमा बखला का कहना है कि शासकीय हाई स्कूल रामनगर में स्कूल दो हजार एक से संचालित हो रही है इस वर्ष 2023- 24 में हायर सेकेंडरी कक्षा ग्यारहवीं कृषि संकाय को मान्यता मिल गई है किंतु आदेश प्राप्त नहीं हुआ 2023 में कूल 60 में कुल 31 बच्चे उत्तीर्ण हो गए हैं उन्हें स्थानांतरण प्रमाण पत्र प्रदान नहीं किया गया है ताकि शासकीय हाई सेकेंडरी स्कूल रामनगर में कृषि संकाय लेकर पढ़ाई कर सकें।

वहीं हमने जब 10वीं पासआउट छात्र-छात्राओं से बात कि तो उनका कहना है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा टीसी देने से मना कर दिया गया. ये कहा गया कि 11वीं कि कक्षाएं यहीं लगने वाली है. यहीं पढ़ाई करना. इन छात्राओं ने बताया कि ये लोग इसलिए इस स्कूल में नहीं पढ़ना चाहते क्योंकि यहां टीचर नहीं है. सभी टीचर टाइम से नहीं आते है. और जल्दी चले जाते है. पढ़ाई ठीक से नहीं होता है. इसलिए टीसी कटवाना चाहते है. वहीं छात्राओं ने बताया कि वे कॉमर्स संकाय से पढ़ाई करना चाहते है. लेकिन यहां उस विषय की पढ़ाई ही नहीं होगी. इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन टीसी नहीं दे रहा है.

इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी ललित पटेल से जानकारी लेने का प्रयास किया गया. लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया.

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