अनुविभागीय अधिकारी अपने बचने के लिए दे रहे  सफाई, विकलांग को कार्यालय का सालों लगवाया चक्कर

बलरामपुर।संचार टुडे सीजीएमपी न्यूज़ में ‘‘विकलांग की भूमि पर दबंगों का कब्जा, भूमि बटवारा के लिए कलेक्टर, एसडीएम को ज्ञापन सौंप कार्यालय का चक्कर लगा रहा’’ शीर्षक नामक समाचार प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद अफसरो में हड़कंप मचा हुआ है अफसर अपने बचने के लिए सफाई दे रहे हैं।

प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्व एवं दाण्डिक प्रकरणों का अवलोकन किया गया जिसके आधार पर आवेदक जीवन लाल यादव पिता वासुदेव यादव द्वारा छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 44 के तहत एक अपील आवेदन न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (रा.) शंकरगढ़ के समक्ष दिनांक 08 मई 2023 को प्रस्तुत किया गया है जिसमें अपीलार्थी द्वारा कुल 06 व्यक्तियों को अनावेदक/उत्तरवादी के रूप में योजित किया गया है। प्रकरण में सभी उत्तरवादियों को नोटिस जारी कर प्रकरण में विधिवत सुनवाई की जा रही है। अफ़सर अपने बचने के सफाई देते हुए कहा विधानसभा निर्वाचन 2023 एवं लोकसभा निर्वाचन 2024 में पीठासीन अधिकारियों के निर्वाचन कार्य में व्यस्त रहने के कारण प्रकरण में नियमित सुनवाई नहीं की जा सकी है। वर्तमान में प्रकरण की नियमित सुनवाई की जा रही है जिसमें आगामी सुनवाई तिथि 14 जून 2024 नियत है। वहीं आवेदक जीवन लाल यादव पिता वासुदेव यादव द्वारा एक आवेदन पत्र अंतर्गत धारा 145,146 दण्ड प्रक्रिया संहिता के अधीन अनुविभागीय दण्डाधिकारी शंकरगढ़ के समक्ष प्रस्तुत किये जाने पर अनावेदकगण को नोटिस जारी किया गया है एवं हल्का पटवारी को जांच प्रतिवेदन हेतु ज्ञापन जारी किया गया है। आवेदक जीवन लाल यादव पिता वासुदेव यादव समान वाद भूमि पर दो भिन्न-भिन्न प्रकरण प्रस्तुत किया गया है। जिसमें एक प्रकरण छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 44 के तहत एवं दूसरा प्रकरण दण्ड प्रक्रिया 1973 की धारा 145, 146 के तहत प्रस्तुत किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी शंकरगढ़ ने सफाई देते हुए कहा कि आवेदक द्वारा समय-समय पर कार्यालय में उपस्थित होकर उक्त प्रकरणों में नियम व प्रक्रिया के विपरीत आदेश पारित करने का दबाव बनाया जाता है। आवेदक की मंशानुरूप कार्य नहीं होने पर, वरिष्ठ कार्यालय में झूठा शिकायत पत्र प्रस्तुत किया जाता है। साथ ही अनुविभागीय अधिकारी ने बताया कि आवेदक जीवन लाल यादव की भूमि का बंटवारा 1984 में हो चुका है, आवेदक रिकॉर्ड अनुसार अपनी भूमि पर काबिज काश्त है। आवेदक का कहना है, कि मुझे बंटवारे में कम जमीन मिला है, इसलिए बंटवारा निरस्त कराने के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व न्यायालय शंकरगढ़ में प्रकरण लंबित है। आगामी तिथियों में लंबित प्रकरण पर कार्यवाही की जायेगी।

आश्चर्य की बात यह है कि आवेदक 08 मई 2023 को अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया है कार्यालय के द्वारा  विकलांग को सालों घुमाया गाय इसके बाद विकलांग कलेक्टर के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया है।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!