आशीष कुमार गुप्ता
बतौली/ सेदम: सरगुजा जिले के बतौली जनपद में  बर्खास्त  पंचायत सचिव की दबंगई से 2 ग्राम पंचायत बिलासपुर और तरागी के  कामकाज  पूर्ण रूप से बंद हो गए हैं जिससे शासकीय योजना का लाभ भी ग्रामीण जनों को नहीं मिल पा रहा है।


बतौली  जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी  लक्ष्मी नारायण सिदार भी  पंचायत सचिव राजलता धुर्वे के दबंगई से बेबस और लाचार हो गए हैं जिन्हें मजबूरीवश दोनों ग्राम पंचायत में नव पदस्थ सचिवों को  नवीन तरीके से समस्त लेखा संधारण करने निर्देशित किया गया है और ग्राम पंचायत में संचालित  सभी  योजनाओं से संबंधित 14 वा वित्त, 15वां वित सहित मूलभूत खाता के नई पासबुक और नए चेक बुक निकालने हेतु सचिवों को निर्देशित किया गया है ताकि ग्राम पंचायत के कार्य सही तरीके से संचालन किया जा सके।



गौरतलब है कि  पंचायत सचिव राजलता धुर्वे को जनपद सीईओ और जनपद पंचायत में पदस्थ सहायक ग्रेड दो के अधिकारियों के बदौलत जनपद पंचायत बतौली के ग्राम पंचायत बिलासपुर और ग्राम पंचायत तरागी का सचिव बनाया गया था जिससे  सचिव के पास दोनों ग्राम पंचायत का प्रभार था। जिन्हें पूर्व भ्रष्टाचार के मामले में सरगुजा जिले के ग्राम पंचायत डिगमा में  किए गए 40 लाख रुपए के गबन मामले में  सचिव न्यायालय संचनालय पंचायत छत्तीसगढ़ शासन द्वारा दो माह पूर्व बर्खास्त कर दिया गया था जिसका आदेश जनपद पंचायत बतौली के लेखा विभाग में 15 दिवस पूर्व ही आ गया था अधिकारियों के समक्ष ऊंची पहुंच के कारण  बर्खास्त कि मामले को जनपद पंचायत बतौली में दबाए रखा गया जहाँ जिला अधिकारियों द्वारा प्रेशर देने के बाद आनन- फानन में बतौली लेखा विभाग के  अधिकारियों द्वारा ग्राम पंचायत बिलासपुर और ग्राम पंचायत तरागी से रिलीव कर  तत्काल दोनों  ग्राम पंचायत में  नव पदस्त सचिवों को ग्राम पंचायत का प्रभार सौपा  गया। लेकिन बर्खास्त सचिव  राजलता धुर्वे पर मेहरबान सचिव ईसथापना विभाग बतौली के  अधिकारी  सचिव  से ग्राम पंचायत से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज सहित चेक बुक पासबुक लेना उचित नहीं समझा जिसके परिणाम स्वरूप दोनों ग्राम पंचायत बिलासपुर और तरागी में शासकीय काम के संचालन में दोनों नव सदस्य सचिवों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। और  परिणाम स्वरूप नए तरीके से संधारण करने पासबुक, चेक बुक हेतु  लेने हेतु बैंकों के चक्कर भी लगाने पड़ रहे हैं जनपद सीईओ के लाचारी का ही परिणाम है कि बर्खास्त सचिव को सात दिवस का मौका देने के बाद भी आज तक पूरे दस्तावेज नव पदस्थ सचिव को नहीं सौपा गया है।

सरगुजा जिले के भ्रष्टाचार मामले में  बर्खास्त राजलता  धुर्वे सचिव धांधली करने में अव्वल

सरगुजा जिले के ग्राम पंचायत डिगमा में 2021 में सचिव राजलता धुर्वे को भ्रष्टाचार मामले में आईएएस   जिला पंचायत सी ई ओ कुलदीप शर्मा और तत्कालिक जनपद सीईओ अंबिकापुर द्वारा  भ्रष्टाचार जांच प्रमाणिक पाए जाने पर सामान्य सभा के अनुमोदन उपरांत सचिव  राजलता धुर्वे को  सचिव पद से तत्काल बर्खास्त कर दिया गया था लेकिन महिला सचिव की दबंगई के कारण और अधिकारियों की मेहरबानी से जनपद पंचायत बतौली में एक ग्राम पंचायत की जगह 2 ग्राम पंचायत बिलासपुर और तरागी का सचिव का प्रभाव दे दिया गया। लेकिन ग्राम पंचायत बिलासपुर में भी तत्कालीन बर्खास्त सचिव द्वारा प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत 5 लाख 38 हजार, 15 में 20 से 3 लाख 90 हजार बोर खनन हेतु डेढ़ लाख रुपए शाहिद कल 10.78 लाख बिना काम की अवैध रूप से निकासी कर लिया गया है वही ग्राम पंचायत बिलासपुर में 57 लाख रुपए की लागत से  पुराने भवन का नवीनीकरण करते हुए स्वामी आत्मानंद स्कूल बनाया गया है जिसमें तत्कालीन कलेक्टर द्वारा भी कितनी बार तत्कालीन बर्खास्त सचिव को फटकार लगाई गई थीजबकि ग्राम पंचायत तरागी में रीपा  के तहत  एक करोड़ का कार्य किया गया जो सवालों के घेरे में है जबकि ग्राम पंचायत प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत स्वीकृत नाली निर्माण जो मुख्य मार्ग से होते हुए  मितानिन सुरमनिया के घर तक बनाना था उक्त नाली निर्माण को तरागी में नहीं  करते हुए  आश्रित ग्राम बिजापारा में पड़ोसी ग्राम पंचायत घुटरापारा के सरपंच से  नाली निर्माण करवाया गया जिसका ग्रामीणों ने विरोध भी किया था। ग्राम पंचायत तारागी में ही बने 10 लाख के सीसी रोड निर्माण भ्रष्टाचार का भेट चढ़ गया है। इन सब  भ्रष्टाचार कार्यों के बावजूद बर्खास्त  सचिव पहुंचपरस्त अधिकारियों की मेहरबानी से ग्राम पंचायत के दस्तावेजों को लेकर फरार है।


इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी लक्ष्मी नारायण सिदार ने बताया कि राजलता  धुर्वे सचिव को सात दिवस का समय दिया गया है जिन्हें कार्यालयीन पंजी सहित महत्वपूर्ण दस्तावेजों पासबुक चेक बुक का प्रभार नव पदस्थ सचिवों को सौंपने का नोटिस जारी किया गया है उक्त दिवस के अंदर प्रभार नहीं सौंप जाने पर आगे धारा 92 के तहत कार्रवाई करते हुए अनुविभागीय अधिकारी सीतापुर को पत्र प्रेषित किया जाएगा।

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