कुसमी/ अंबिकेश गुप्ता: बलरामपुर जिला के जनपद पंचायत कुसमी अंतर्गत ग्राम पंचायत कंजिया में राज विद्या केंद्र के सदस्यों ने आपसी जनसहयोग कर वर्ष 2020 से बैठक हाल का भवन निर्माण शुरू किया हैं. जिस अधूरे व पूर्व से बनाए जा रहें भवन को दिखाकर विधायक मद से आठ लाख की राशि स्वीकृत होने के बाद विधायक प्रतिनिधि व मंडी अध्यक्ष द्वारा छल पूर्वक चार लाख रूपये अग्रिम राशि आहरण किए जाने के मामलें में गुरुवार 27 जुलाई को जाँच टीम के द्वारा उपस्थित राज विद्या केंद्र के सदस्यों का ब्यान लिया गया.

गठित जाँच टीम में शामिल जनपद पंचायत कुसमी के प्रभारी सिईओ सह पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अभिषेक पाण्डेय, शंकरगढ़ के आरईएस एसडीओ जानू राम सोनवानी व कुसमी जनपद पंचायत के करारोपण अधिकारी महेश राम बुनकर उक्त तीनों सदस्यों ने गुरुवार को राज विद्या केंद्र के कूछ पदाधिकारियों से पंचनामा तैयार कर ब्यान लिया. तथा पंचनामा की एक कॉपी तक राज विद्या केंद्र के लोगों को नहीं दी गई. बल्कि जाँच टीम ने संतुष्टी जनक जांच का एक कागज तैयार कर केंद्र के लोगों से बकायदा हस्ताक्षर कराई गई व वीडियो ग्राफ़ी में भी बातों को प्रस्तुत करा कर ब्यान रिकॉर्ड किया गया.

निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत, पर निर्माण कर्ता ठेकेदार विधायक प्रतिनिधि व मंडी अध्यक्ष

राज विद्या केंद्र के बगल में सामुदायिक भवन निर्माण कार्य के लिए विधायक मद से स्वीकृत करा कर जनपद पंचायत कुसमी द्वारा ग्राम पंचायत कंजिया को एजेंसी बनाया गया हैं ग्राम पंचायत कंजिया एजेंसी होने के बाद भी पंचायत के सरपंच व सचिव द्वारा कार्य नहीं कराया गया बल्कि विधायक प्रतिनिधि राशिद आलम व मंडी अध्यक्ष बालेश्वर राम ने कुट रचना पूर्वक स्वम् अघोषित ठेकेदार बनकर कार्य किये जाने के नाम पर स्वम् के कागजो में संचालित अविष्कार मार्केटिंग के नाम की फर्म पर शासन – सत्ता का दबाव बनाकर छल पूर्वक बिना कार्य के चार लाख रूपये अग्रिम राशि निकाल लिया. जिस ओर जाँच न कर मामलें में लीपापोती किए जाने की बात सामने आ रहीं हैं। साथ ही इस मामलें का शुरुआत से खबर प्रकाशन करने वाले पत्रकारों से भी जाँच अधिकारी गोल-मोल जवाब देकर जानकारी उपलब्ध नहीं करा रहें हैं. इससे स्पष्ट हैं की जाँचकर्ता अधिकारी व्यक्तिगत लाभ दिलाने अपने मूल पद के अलावा कुसमी का प्रभारी सीईओ बनकर बैठें हैं. ऐसे में उच्च अधिकारीयों को संज्ञान लेना चाहिए ?

अन्य कार्य किए जाने प्रलोभन देकर मामलें को रफा – दफा किए जाने का प्रयास

स्वीकृत राशि से कोई भी निर्माण कार्य किया ही नहीं गया हैं. बल्कि मामला सामने आने के बाद इस मामलें को दबाने भरपूर प्रयास किया जा रहा हैं तरह – तरह का प्रलोभन देकर राज विद्या केंद्र के कूछ लोगों को बहला – फुसला कर मामला रफा – दफा करने के लिए दबाव बनाई जा रहीं हैं. राज विद्या केंद्र के सदस्यों द्वारा आवेदन में उल्लेख के अनुसार वर्ष 2022 के दिसंबर माह में विधायक से सहयोग मांगने के बाद निर्माणधीन बैठक हाल के लिए उन्हें करीब एक लाख पचास हजार रूपये का शेड सामग्री सामुदायिक भवन निर्माण किए जाने के पहले ही दिया गया था. जिसे जनसहयोग से केंद्र के सदस्यों ने फिटिंग किया हैं. अब उक्त मामलें के खुलासे बाद स्वीकृति के पहले से विधायक द्वारा सहयोग में दिए गए शेड समाग्री में अग्रिम राशि खपत किए जाने की काल्पनिक योजना बनाई जा रहीं हैं. इतना ही नहीं सामुदायिक भवन के नाम से स्वीकृत आदेश के विपरीत शौचालय निर्माण किए जाने की भी योजना बनाई जा रहीं हैं. ताकि मामलें के दोषियों को बचाया जा हों सकें. अब – तक दोषियों पर कार्यवाही लंबित हैं न ही किसी प्रकार का निर्माण कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत कंजिया द्वारा किया गया हैं. जाँच टीम के द्वारा दोषियों को बचाने नई योजना एक रणनीति के तहत बनाया जाना कई सवालों को जन्म दें रहा हैं. पूरा मामला उच्च स्तरीय जाँच का विषय बन गया हैं.

स्वीकृति के बाद कार्य हुवा ही नहीं और क्या कह गए जाँच दल के अध्यक्ष

गुरुवार को जाँच करने पहुचे जनपद पंचायत के प्रभारी सीईओ व जाँच दल के अध्यक्ष अभिषेक पाण्डेय ने मिडिया के सामने कैमरे में कहा जो शिकायत हुई थीं उसकी जाँच के लिए आये थें हमारे साथ एसडीओ साहब आये हैं जो काम हुवा हैं उसमे क्या तकनिकी स्टीमेट हैं जाँच रिपोर्ट तैयार कर जिला प्रशासन को भेजा जाएगा. इस ब्यान से समझा जा सकता हैं की जाँच दल के अध्यक्ष किस विचारधारा के साथ कार्य कर रहें हैं.

वहीं राज विद्या केंद्र के सदस्यों ने कहा आज जाँच करने आये थें. हमलोग का ब्यान लिए हैं. पंचनामा की एक प्रति कॉपी नहीं दी गई हैं.

जिस कुर्सी से अग्रिम चेक कटी उसी कुर्सी के अधिकारी को बनाया गया जाँच टीम का अध्यक्ष

जाँच टीम गठन किए जाने बाद लोगों में चर्चा हैं की राज विद्या केंद्र के सदस्यों द्वारा कलेक्टर को शिकायत के एक माह बाद जाँच टीम का गठन तो किया गया. पर इस ओर जाँच टीम में शियासती चाल नजर आ रहीं हैं. जाँच टीम गठन आदेश में जनपद पंचायत कुसमी के सीईओ को जाँच टीम का अध्यक्ष बनाया गया हैं जबकी कुसमी सीईओ द्वारा ही चेक काटने का आदेश जारी किया हैं यह बात अलग हैं की अधिकारी का नाम भले बदला हैं पर मामला तो जनपद सीईओ से जुडा हुवा ही हैं इस स्थिति में पूरी पारदर्शिता के साथ जाँच नहीं हों पाएगा. जाँच टीम किसी अलग विभाग से गठित किया जाने से ही राज विद्या केंद्र के सदस्यों को न्याय मिला पाएगा. जाँच में खानापूर्ति की तैयारी चल रहीं हैं तथा किसी तरह मामलें को दबाने का प्रयास किया जा रहा हैं. जो जनहित में बिल्कुल विपरीत हैं. राज विद्या केंद्र से हजारों लोग जुड़े हैं निष्पक्ष जाँच कर मामलें में दोषियों पर त्वरित कार्यवाही किया जाना चाहिए था.

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