रायपुर: बस्तर नक्सलवाद के लिए मशहूर है लेकिन छत्तसीगढ़ यह खूबसूरत इलाका जल्द ही देश का सबसे लंबा कैंटिलिवर स्काई वॉक (कांच के पुल) के लिए जाना जाएगा। यहां इंद्रावती नदी पर स्थित चित्रकोट जल प्रपात पर इस पुल बनेगा, जिसका सैलानी लुत्फ उठा सकेंगे। करीब सौ फीट की ऊंचाई से वाटर फॉल और जंगल की खूबसूरती को निहारने का यह नजारा बेहद दिलचस्प होगा।

इससे बस्तर के नेचर एडवेंचर को बढ़ावा मिलेगा। सात करोड़ से यह पुल बनेगा। इस ब्रिज का निर्माण बिहार के राजगीर में बने स्काई वॉक ग्लास ब्रिज की तर्ज पर होगा जो चीन के हांगझोऊ प्रांत में बने कांच के पुल की तर्ज पर बना है। इस पुल पर एक साथ पचास लोग सैर कर सकेंगे। यह पुल स्टील के स्ट्रक्चर से बनेगा जिसमें पांच सौ टन स्टील का उपयोग होगा। इस ब्रिज के ऊपर चढ़ने से ऐसा लगेगा जैसे आप हवा में चल रहे हैं। यह पुल डेढ़ सौ फीट लंबा होगा।

इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे अधिकारियों के अनुसार चित्रकोट जल प्रपात पर नदी के उस पार तिरथा गांव की तरह स्काई ब्रिज बनेगा। यहीं पर जिला प्रशासन हाट बाजार, फ्लवार गार्डन व सैलानियों के लिए रिसार्ट पर काम कर रहा है। महेंद्र कंपनी का भी यही पर 25 एकड़ में रिसार्ट प्रस्तावित है।

चित्रकोट जलप्रपात जगदलपुर से चालीस किमी और रायपुर से 273 किमी दूर है। यह बारिश के दिनों में लालिमा लिए हुए होता है तो चांदनी रात में यह बिल्कुल सफेद दिखाई देता है। झरने की ऊंचाई 95 फीट है। यह भारत का सबसे चौड़ा झरना है जो मानसून के मौसम में लगभग 900 फीट की चौड़ाई तक पहुंचता है। अपनी चौड़ाई और घोड़े के नाल की आकार के कारण यह भारत के नियाग्रा फाल्स के नाम से भी जाना है। इस जल प्रपात में सात धराएं गिरती हैं। देश के विभिन्न इलाकों के अलावा विदेशी सैलानी भी यहां घूमने आते हैं। स्काई ब्रिज में हर दिन करीब पांच हजार लोग सैर करेंगे।

केरल के इडुक्की में वागामोन पर अभी देश का सबसे लंबा कैंटिलीवर स्काईवॉक ग्लास ब्रिज है। यह पुल चालीस मीटर लंबा है। यह पुल 120 फीट लंबा और जमीन से डेढ़ सौ फीट ऊंचा है। इसके बाद बिहार के राजगीर का ग्लास ब्रिज देश का दूसरा इस तरह का ब्रिज है। यह ब्रिज तीस मीटर लंबा है।

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