भोपाल। सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के एक अस्पताल में एक महिला अपने 5 वर्षीय बेटे का शव ले जा रही है, जिसकी मौत हो गई। महिला को परिवार के दो अन्य सदस्यों के साथ सरकारी अस्पताल के बाहर देखा गया। लड़के की पहचान ऋषि पंड्रे के रूप में हुई।

परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि लड़के की मृत्यु इसलिए हुई क्योंकि उसे समय पर इलाज नहीं दिया गया। मृतक लड़के के मामा पवन बरकड़े ने आरोप लगाया कि बुधवार को बरगी में सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य सुविधा में उनके भतीजे के इलाज के लिए कोई डाक्टर या अन्य जिम्मेदार कर्मचारी नहीं था।

हालांकि, प्रशासन ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि अस्पताल लाए जाने से पहले लड़के की मृत्यु हो गई थी। प्रशासन ने यह भी दावा किया कि चिकित्सा अधिकारी डॉ. लोकेश ने लड़के की जांच की और उसे मृत घोषित कर दिया। यह भी कहा गया कि लड़का हाल ही में झुलस गया था और एक स्थानीय चिकित्सक द्वारा उसका इलाज किया गया था। बाद में उन्हें तेज बुखार और अन्य जटिलताएं हो गईं और उन्हें सरकार द्वारा संचालित अस्पताल लाया गया।

जबलपुर के जिला कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी ने मामले में संज्ञान लिया और मामले की जांच के आदेश दिए थे। इस मामले में और अधिक स्पष्ट करते हुए कलेक्टर कार्यालय ने कहा, माता-पिता बच्चे को मृत अवस्था में बरगी अस्पताल ले आए। तथ्यों के आधार पर लड़का पहले ही जल चुका था और स्थानीय स्तर पर 10 दिनों से उसका इलाज चल रहा था। डाक्टरों ने लड़के को देखा और उसे मृत पाया।

इस बीच इसी जिले में एक अन्य मामले में गुरुवार को एक नवजात बच्चे का सिर व हाथ बाजार क्षेत्र में पड़ा मिला। सरकार द्वारा संचालित नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सफाई कर्मियों ने शरीर के अंगों को आंशिक रूप से कपड़े में लिपटे हुए देखा।

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