जांच में भ्रष्टाचार की पुष्टि पर कार्यवाही का इंतजार  

मनेन्द्रगढ़: छत्तीसगढ़ राज्य के मनेन्द्रगढ़ जिले में भ्रष्टाचार कैंसर का रूप ले चुका है इस कैंसर का कारण कांग्रेस के ही जिला प्रवक्ता सौरभ मिश्रा है जिला प्रवक्ता के संरक्षण में इनके पिता के द्वारा एकलव्य आदिवासी विद्यालय  के सामग्री खरीदी में व्यापक भ्रष्टाचार किया गया है इस मामले की जांच पूर्व में की गई थी जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद द्वारिका प्रसाद मिश्रा पर आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है । भ्रष्टाचार के इस पूरे मामले को सौरव मिश्रा के द्वारा जिला प्रशासन पर राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है जिस कारण से जांच के 2 साल बाद भी अब तक द्वारिका प्रसाद मिश्रा पर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है ।

यह पूरा मामला अविभाजित कोरिया जिले के खड़गवां का है जहां कोरोना से पहले और करोना के समय जमकर खरीदी के नाम पर भ्रष्टाचार हुआ है, जिसकी जांच भी 2 साल पहले शुरू हुई थी पर अचानक जांच भी ठंडे बस्ते में चली गई, यह घोटाला या भ्रष्टाचार  कोरिया जिले के समय हुआ था और जांच भी उसी समय शुरू हुई थी पर अंततः राजनीतिक प्रभाव में यह जांच ना जाने कहां अटक गई और किसके टेबल पर यह जांच वाली फाइल धूल खा रही है इसका पता नहीं, पर सूत्रों का मानना है कि जांच प्रतिवेदन में भ्रष्टाचार होने की पुष्टि हो गई थी और भ्रष्टाचार के पीछे किसका हाथ था यह भी नाम सामने आ चुका है , सूत्रों के अनुसार से यह जानकारी मिल रही है कि अब कार्यवाही के लिए मनेन्द्रगढ़ जिले के कलेक्टर के पास फाइल पड़ी हुई है,जिला प्रवक्ता सौरभ मिश्रा के भ्रष्टाचारी पिता पर कार्यवाही होगी या नहीं यह समय के गर्त में है पर इतने बड़े भ्रष्टाचार पर यदि कार्यवाही नहीं होती है तो इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि वर्तमान सरकार भ्रष्टाचार करने वालों को संरक्षण दे रही है।  


ज्ञात हो की एकलव्य आदिवासी विद्यालय सरकार की आदिवासी बच्चों के लिए एक महत्वाकांक्षी विद्यालय योजना है जहा कांग्रेस प्रवक्ता सौरभ मिश्रा के पिता द्वारिका प्रसाद मिश्रा के द्वारा आदिवासी छात्रों को सुविधा सहित शिक्षा प्रदान करने के मामले में भ्रष्टाचार किया गया है वह भी तब जब विद्यालय बंद था और देश वैश्विक महामारी से गुजर रहा था। वर्ष 2018 से वर्ष 2021 तक इस विद्यालय में खरीदी मामले में जमकर भ्रष्टाचार हुआ और जमकर खरीदी की गई जबकि विद्यालय में छात्र उपस्थित ही नहीं थे विद्यालय बंद था। तत्कालीन प्राचार्य जो विकासखंड शिक्षा अधिकारी का भी दायित्व सम्हाल रहे थे उन्ही के कार्यकाल का पूरा मामला है जो जांच में भी भ्रष्टाचार किया गया इस बात की पुष्टि हुई है। तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी सह प्राचार्य एकलव्य आदिवासी विद्यालय ने खरीदी में जमकर भ्रष्टाचार किया और अपनी राजनीतिक पहुंच से आज तक वह पूरे मामले में बेदाग बचे हुए हैं जबकि जितनी जांच हुई है उतनी ही उन्हे दोषी साबित करने के लिए काफी है जिसमे विद्यालय के कर्मचारियों का भी बयान दर्ज है।


जांच के 2 साल बाद भी क्यों नहीं हुई कार्यवाही? :=
आदिवासी छात्र छात्राओं के लिए एकलव्य आवासीय विद्यालय शासन की महत्वाकांक्षी योजना है,वहीं इस महत्वाकांक्षी योजना में ही जिम्मेदार सेंध लगाने से बाज नहीं आ रहें हैं और भ्रष्टाचार कर अपनी जेब भर रहें हैं यह कहीं से आदिवासी समुदाय के छात्र छात्राओं के हित में नहीं है। एकलव्य आवासीय विद्यालय पोड़ीडीह में हुए भ्रष्टाचार की जांच पूरी हुए दो वर्ष बीत चुके हैं फिर भी मामले में कोई कार्यवाही अब तक नहीं हुई है और कार्यवाही क्यों नहीं हुई इसको लेकर सवाल खड़े हो रहें हैं। क्या कार्यवाही होगी या मामले को दबा दिया जाएगा यह भी सवाल अब खड़े हो रहें हैं।


क्या आदिवासी आवासीय विद्यालय भ्रष्टाचार मामले में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि लेंगे संज्ञान,क्या कार्यवाही की करेंगे अनुशंसा?

सवाल यह भी है की जिस आवासीय आदिवासी विद्यालय में यह भ्रष्टाचार हुआ है वह मनेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आता है और वर्तमान में वहां सत्ताधारी दल के ही विधायक हैं जो क्षेत्र के लिए बातें भी करते हैं। आदिवासी समुदाय हित की बात भी वह प्रमुखता से करते हैं ,क्या वह इस मामले में जो पोड़ीडीह आवासीय एकलव्य विद्यालय का मामला है भ्रष्टाचार का मामला है में वह संज्ञान लेंगे कार्यवाही की अनुशंसा करेंगे यह देखने वाली बात होगी।

बच्चों को प्रदाय कि जा रही सुविधाओं की जांच करने पर निम्न तथ्य सामने आए

सूत्रों से मिले दस्तावेजों के अनुसार दिनांक 20/11/2021 को छात्रावास (बालक) का निरीक्षण करने पर पाया गया छात्रों के कमरे में पुराने गददे, पुरानी मटमैली चादरे बिछी है, कमरे अस्वच्छ व दुर्गंधयुक्त थे शौचालयों में स्वच्छता नही थी, वाश बेसिंग का ड्रेनेज पाईप गायब था। पूरा छात्रावास परिसर मूत्र के दुर्गंध से भरा हुआ था। स्टाफ से पूछने पर बताया गया की एक ही सफाई कर्मचारी है उसे भी अन्य कार्य में लगा दिया जाता है। कुल 310 गददों की खरीदी विगत 5 वर्षो की गई है। जबकि भौतिक सत्यापन में केवल 196 नये गददे प्राप्त हुए। बालक छात्रावास एक कक्ष में तीन बैड में 5 बच्चे रह रहे थे, जिसमे से एक बच्चे ने गददा ना होने की शिकायत की। छात्रो के समूह जो 6 वी 7 वी से 8 वी कक्षा के थे फटी पुरानी फुटबॉल से खेल रहे थे, टी.वी. देखने की सुविधा नही है। बच्चे केवल आउटडोर गेम खेलते दिखाई दिये जबकी कैरम, चेस, जैसी सामग्री क्रय की गई है।

जांच रिपोर्ट के अनुसार खरीदी में यह थी कमिया

सूत्रों से मिले दस्तावेजों के अनुसार उपरोक्त जांच के दौरान जांच अधिकारियों के समक्ष दिनांक 23/11/2021 को एकलव्य आवासीय विद्यालय के अधिकारी / कर्मचारी एवं क्रय समिति के सदस्यों का बयान लिया गया है, जिसमे रामप्रसाद सिंह निवासी खड़गवां जिला कोरिया (छ.ग.) मुल पद शिक्षक एल.बी. वर्तमान पद बालक छात्रावास अधीक्षक एकलव्य आवासीय विद्यालय पोडीडीह के द्वारा बयान दिया गया है कि कार्यालय कलेक्टर ( आदिवासी विकास) जिला कोरिया (छ.ग.) के आदेश क्रमांक. 1565 बैकुन्ठपुर दिनांक 27/10/2021 के द्वारा दिनांक 02/11/2021 को तत्कालीक अधीक्षक विक्रम गिरी से प्रभार प्राप्त किया, तत्कालीन अधीक्षक विक्रम गिरी द्वारा प्रभार में कोई भी पंजी जैसे स्टाक पंजी, मेस पंजी, उपस्थिति पंजी नही दिया गया है। मेरे प्रभार ग्रहण के पश्चात बालक छात्रावास का मूल्यांकन करने पर पता चला है कि ऑटोमेटिक शू पालिसर मषीन तथा ईंग ब्रायलर मशीन नही पाया गया, साथ ही शौचालय का दरवाजा, पाईप, नल, बेसिन एवं सावर खराब है एवं बालक छात्रावास को पोतवाने की आवश्यकता है। लोहे के रैक एवं अलमारी सभी कमरे में नही है। पीने के पानी फिल्टर खराब है।

अनिल कुमार साहू निवासी अखराडांड मूल पद शिक्षक एल0बी0 वर्तमान पद उप प्राचार्य एकलव्य आवासीय विद्यालय पोंडीडीह के द्वारा बयान दिया गया है कि वर्ष 2018-2019 क्रय पंजी को कभी भी मेरे द्वारा नहीं देखा गया है। वर्ष 2021 के क्रय समिति में सदस्य था। लेकिन मेरे द्वारा कभी भी बैठक में भाग नही लिया गया एवं मेरे जानकारी में बैठक आयोजित नही की गयी थी। क्रय पंजी में द्वारिका प्रसाद मिश्रा पूर्व प्राचार्य के कहने पर सभी रजिस्टर में मेरे द्वारा हस्ताक्षर किया गया। पूर्व प्राचार्य सुश्री बी0बडा तत्कालीन विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी खडगवां के कार्यकाल में कभी भी क्रय समिति का बैठक नही किया गया। इस संस्था में एग बॉयलर मशीन एवं शू-पालीसर मशीन कभी नहीं देखा, बच्चों को केवल 101 सेट युनिफार्म 01 नग टावेल एवं चादर प्रदाय किया गया जाता है।

अनिल सिंह पिता भीख सिंह सरपंच ग्राम पंचायत पोडीडीह जनपद पंचायत खड़गवां द्वारा बयान दिया गया है कि एकलव्य आवासीय विद्यालय पोंडीडीह में क्रय समिति का गठन किया गया है, इस बात की जानकारी मुझे नही थी, न ही क्रय समिति में सदस्य हूँ की जानकारी थी। द्वारिका प्रसाद मिश्रा पूर्व प्राचार्य एकलव्य आवासीय विद्यालय पोंडीडीह के द्वारा बुलाकर सभी रजिस्टर एवं लिफाफा में हस्ताक्षर यह कहकर कराया गया कि जो भी सामग्री आया है, उसका सत्यापन किया जाना है। रजिस्टर में व्यय करने की राशि दर्ज नहीं की गयी थी।

महिपाल पिता मोहर साय निवासी मंगोरा वर्तमान में एकलव्य आवासीय विद्यालय पोड़ीडीह में रसोइया के पद पर पदस्थ है का कथन है कि मेरी पुत्री अंजली कक्षा 8 वीं में एकलव्य विद्यालय में अध्ययनरत है। एकलव्य आवासीय विद्यालय में क्रय समिति का गठन हुआ है या मैं क्रय समिति का सदस्य हूँ कि जानकारी मुझे नही है। तत्कालीन प्राचार्य द्वारिका प्रसाद मिश्रा कहने पर पर क्रय समिति के रजिस्टर में हस्ताक्षर किया हूँ .

राम भजन पिता शिवमंगल सिह निवासी पोड़ीडीह वर्तमान में एकलव्य आवासीय विद्यालय पोड़ीडीह में चौकीदार का कार्य करता हूँ । मेरी पुत्री कु.कविता कक्षा 10 वीं में अध्ययनरत है। एकलव्य विद्यालय में क्रय समिति बनाया गया है एवं मैं उसका सदस्य हूँ कि जानकारी मुझे नही है। क्रय समिति के रजिस्टर में दिनांक 20/09/2018 को मेरा हस्ताक्षर किया गया है जो कि मेरा हस्ताक्षर नही हैं। (संलग्न- पृष्ठ कमांक 51८.) उपरोक्त जांच से संबंधित यह दस्तावेज लगे है जांच प्रतिवेदन में बिल व्हाउचर पंजी की प्रतिलिपि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 तक (ए) 2017-18 संलग्न पृष्ठ ए 19 से 33 (बी) 2018-19 संलग्न पृष्ठ ए 34 से2019-20 पृष्ठ ए 52 से संलग्न (डी) 2020-21 संलग्न पृष्ठ ए 100 से (ई) 2021-22 पृष्ठ ए 146 से 176 संलग्न केशबुक पंजी की प्रतिलिपि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 तक (ए) 2017-18 संलग्न पृष्ठ ए.177 से 186 (ब) 2018-19 संलग्न पृष्ठ के 187 से 194 तक (स) 2019-20 संलग्न पृष्ठ क्र. 195 से 212 तक (डी) 2020-21 संलग्न पृष्ठ ए 213 से 232। (ई) 2021-22 संलग्न पृष्ठ ए 233 से 240 हैं।

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