अंबिकापुर।जैसा की हमने आपको पूर्व में ही बताया था की हमारे द्वारा लगातार कृषि विभाग के अफसरों के द्वारा किये गए तमाम भ्रष्टाचार की पोल परत दर परत खोलते रहेंगे इस मुहीम में हम लोग दरिमा के ग्राम पंचायत मोतीपुर पहुंच गए जहाँ पर कृषि विभाग के जल ग्रहण परियोजना के माध्यम से ग्राम मोतीपुर ग्राम पंचायत मोतीपुर  नाला में तटबंध का कार्य वर्ष 2021-22 में बनवाया गया था जो विभाग के अफसरों एवं निर्माण कार्य में लगे लोगों के भ्रष्टाचारी नियत के भेट चढ़ गया।


आपको जानकारी के लिए बता दे की शासन की योजनाओं को चपत लगाते हुए शासन से प्राप्त तमाम योजनाओं में मिले आवंटन की राशि को कृषि विभाग के जिसमे उप संचालक कृषि कार्यालय के अधीनस्थ कार्यालयों के द्वारा जो निर्माण कार्य कराया गया वह आज की स्थिति में धारासाईं हैं। अधिकारी अंबिकापुर के आपसी मिलीभगत एवं अपने दलाली रूपी रवैया के कारण ग्रामीणों के हक़ में बड़े ही आसानी से डांका डालने में सफल हो जा रहे हैं जिसका महत्पूर्ण कारण विभाग के आला अफसरों एवं जिला के मुखिया की निष्क्रियता हैं। जिससे तटबंध बनाने के फलस्वरूप किसानो को जो लाभ मिलना चाहिए था लेकिन कृषि विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों एवं उनके दलाल रूपी कार्य करने वाले लोगों की भ्रष्ट नीति के कारण तटबंध निर्माण होने के 2 माह के पश्चात से ही किसानों को लाभ की जगह उनके सिर पर सिर दर्द बनकर यह आफत रूपी तटबंध जमीदोज हो गई। इस प्रकार के भ्रस्ट अधिकारीयों को अगर हौसला बुलंद होने का कारण जानना हैं तो वजी सबसे बड़ा कारण विभाग के आला अफसरों एवं जिला के मुखिया की निष्क्रियता इन भ्रष्ट अधिकारीयों का हौसला बुलंद कर देती हैं जिसके कारण यह बड़े आसानी से भ्रष्टाचार कर विभाग में अपनी दबंगई दिखाते हैं।


मिली जानकारी के अनुसार कार्यालय उप संचालक कृषि अंबिकापुर के अधीनस्थ विभागों के द्वारा  ग्राम पंचायत मोतीपुर तटबंध बनवाया गया था जिसकी हालत वहां मौक़े पर मौजूद ग्रामीणों एवं सरपंच पति से जानकारी चाही गई तो ग्रामीणों ने बताया की यह तटबंध अपने निर्माण होने के समय से ठीक दो माह में ही धराशाई  हो गया उसके बाद विभाग के अफसर उस गाँव में जाने की हिमाकत नहीं कर पाए। कृषि विभाग के उप संचालक कार्यालय के अधीनस्थ विभागों द्वारा ग्राम मोतीपुर में बनवाया गया तटबंध भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। लाखो की लागत से बनने वाले इस तटबंध निर्माण कार्य मे गुणवत्ता का पालन नही किया गया। कृषि विभाग के अंतर्गत आने वाले इस विभाग के अधिकारी एवं कृषि विभाग के जवाबदार अफसरों ने इस तटबंध की पूरी गुणवत्ता को ताक पर रखकर तटबंध का निर्माण करा दिया।जिसको लेकर ग्रामीणों को मिलने वाले लाभ से वंचित होना पड़ा जिससे ग्रामीणों में काफ़ी आक्रोश व्याप्त हैं। इस तरह के घटिया निर्माण कार्य के कारण विभाग के कार्यशैली पर सवाल खड़ा होना लाजमी है, लोगो ने विभाग द्वारा कराये गए घटिया तटबंध निर्माण कार्य मे अनियमितता बरतने का बड़ा आरोप लगाया हैं। जिसके बाद विभाग के द्वारा कराये गए घटिया तटबंध निर्माण की जांच किसी भी जल संसाधन विभाग के ईमानदार कार्यपालन अभियंता एवं टीम गठन कर के जाँच होनी चाहिए जिससे इन तमाम भ्रष्ट अधिकारीयों पर कठोर कार्यवाही हो सके। मिली जानकारी के अनुसार यह तमाम मामला ग्राम पंचायत मोतीपुर का है। जहाँ मिट्टी कटाव से बचाव हेतु तटबंध का कार्य विभाग द्वारा करवाया गया जिसके घटिया स्तर के निर्माण एवं काफ़ी मात्रा में अनियमितता के कारण निर्माण पूरा होने के मात्र दो महीने में ही जमीदोज हो गया उसके बाद विभाग अपने करतूतों से मुँह फेर लिया और भ्रष्टाचार के माध्यम से प्राप्त अवैध रकम का जम कर बंदरबाट किया गया।


अजीब विडंबना हैं जिस विभाग के अधिकारीयों का मासिक वेतन महज 50000 से 70000 हजार ही होगा वह अफसर बड़ी- बड़ी गाड़िया आलिशान मकान पुरे ठाठ बाट के साथ मेंटेन कर रहे हैं कई अधिकारी तो ऐसे हैं जो 30 लाख से लेकर 55 लाख तक की गाड़िया अपने भ्रष्टाचार के माध्यम से कमाए गए राशि के बलबूते अपनी रहिसी दिखाने से पीछे नहीं हटते, इस प्रकार के अधिकारीयों के ऊपर आय से अधिक संपत्ति का मामला भी हो सकता हैं जिकी कड़ाई से जाँच करवाने से कई भ्रस्ट अधिकारीयों का चेहरा सामने आ जायेगा। जल्द ही हम आपको अगले अंक में दूसरे ग्राम पंचायत के जमीदोज हुए तटबंध के बारे में बताएँगे कैसे अधिकारीयों ने अपने मिली भगत के कारण ग्रामीणों को मिलने वाले लाभ से वंचित अपने निजी स्वार्थ के कारण रखा।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!