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बलरामपुर: भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिव्यांग एवं बुजुर्गों के लिए होम वोटिंग की सुविधा प्रारंभ की गई है। ऐसे दिव्यांग मतदाता जो 40 प्रतिशत से अधिक शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं व ऐसे मतदाता जिनकी आयु 85 वर्ष से अधिक है जो मतदान केन्द्रों में मतदान करने जाने के लिए असक्षम हैं उनके लिए यह निर्वाचन आयोग होम वोटिंग की सुविधा प्रदान की गई है। शारीरिक रूप से दिव्यांग व बुजुर्ग मतदाता होम वोटिंग के माध्यम से अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र के निर्माण में अपनी सहभागिता निभा रहे हैं। निर्वाचन आयोग की इस अभिनव पहल से विधानसभा 08-सामरी के खजुरियाडीह की नवलसिया व चलगली के हबीबुद्दीन के अलावा 85 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग मतदाता तथा दिव्यांग मतदाताओं ने बड़ी ही सरलता से अपने घर पर ही होम वोटिंग के माध्यम से मतदान कर मजबूत लोकतंत्र के निर्माण में अपना योगदान दिया।

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिले के सामरी विकासखण्ड अंतर्गत स्थित गांव खजुरियाडीह में एक ही बुजुर्ग व दिव्यांग महिला मतदाता  नवलसिया को होम वोटिंग की सुविधा प्रदान करने के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय के द्वारा मतदान दल का गठन किया गया। अलसुबह मतदान अधिकारियों की टीम ने घने जंगलों और दुर्गम रास्तों से चलते हुए अपने मत पेटी के साथ बुजुर्ग महिला के यहां पहुंची। ताकि बुजुर्ग महिला अपने घर से मताधिकार का उपयोग कर सके।

बुजुर्ग महिला  नवलसिया शारीरिक रूप से दिव्यांग भी है जिसके कारण वे चलने-फिरने में असमर्थ हैं। लेकिन वे अपने मताधिकार का उपयोग करने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रही थी की कब उनके हाथों में लोकतंत्र की स्याही चढ़ेगी। उन्होंने मतदान अधिकारियो से बात चीत के दौरान बताया कि मुझे लगा था कि इस बार मैं मतदान नही कर पाऊंगी लेकिन बुजुर्ग मतदाताओं के लिए  उनके घर से ही मतदान करने की सुविधा दी गई है, मुझे बहुत खुशी हो रही कि मैंने अपने मत का उपयोग किया है। उन्होंने आगामी लोकसभा निर्वाचन में सभी मतदाताओं से अपील की है कि अपनी जिम्मेदारी समझ अपने मत का प्रयोग अवश्य करें, हम आम नागरिकों का वोट ही लोकतंत्र की शक्ति है। मतदान से एक अच्छे और पसंदीदा व्यक्ति को चुन सकते हैं। सभी मतदाता अपने मत का प्रयोग कर 07 मई को होने वाले लोकतंत्र के पर्व में भागीदारी बने साथ-साथ अपने आसपास के मतदाताओं को भी मतदान के लिए प्रेरित करें।

जिले के सबसे बुजुर्ग मतदाता ने किया अपने मताधिकार का प्रयोग शंकरगढ़ विकासखण्ड के मतदान केन्द्र क्रमांक 203-चलगली के रहने वाले मतदाता श्री हबीबुद्दीन जिनकी उम्र 106 वर्ष है, वे जिले के सबसे बुजुर्ग मतदाता हैं। जिन्होंने मतदान कर युवाओं के लिए मिशाल पेश की है। वे कहते हैं कि कुछ करने की चाह हो तो किसी भी परिस्थिति से इंसान कर गुजर जाता है ठीक वैसे ही मतदान करने उन्होंने अपनी उम्र को पिछे छोड़ते हुए पूरेहौसले एवं उत्साह से अपना मत दिया। वे कहते हैं कि मेरे जैसा बूढ़ा इंसान मतदान कर सकता है तो हमारे सक्षम एवं युवा मतदाता मतदान क्यों नहीं कर सकते। उन्हें एक सशक्त लोकतंत्र बनाने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। उन्होंने सभी मतदाताओ कों समझदारी से वोट देने की सलाह दी और कहा कि लोगों को अपने प्रतिनिधियों को चुनने का मौका पांच साल में केवल एक बार मिलता है, वोट देना उनका अधिकार है, हर एक वोट का अपना अलग महत्व है इसके मूल्य को पहचानते हुए सभी लोग लोकतंत्र के इस महापर्व में वोट देकर अपनी भूमिका निभाएं। इस बात को कहते हुए वे बहुत खुश थे कि इस उम्र में भी वे लोकतंत्र प्रक्रिया का हिस्सा बने हैं।

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