सीतापुर/रूपेश गुप्ता:-विगत कई वर्षों नहर के रूप में खेतों की सिंचाई करने वाला पंडित मुड़ा पर कब्जे को लेकर किसान काफी आक्रोशित है। किसानों ने इस कब्जे के विरुद्ध मोर्चा खोलते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष एवं पार्षदों के नेतृत्व में तहसीलदार के नाम कार्यालय में ज्ञापन सौंप कब्जे पर रोकथाम करते हुए वैधानिक कार्रवाई की माँग की है।किसानों का कहना है कि पंडित मुड़ा की रजिस्ट्री नगर पंचायत के नाम है किंतु राजस्व अभिलेख में नगर पंचायत के नाम रिकॉर्ड दुरुस्त नही है।जिसकी वजह से ऐसे हालात निर्मित होते है भविष्य में ऐसी स्थिति दुबारा निर्मित न हो इसके लिए उन्होंने पंडित मुड़ा को राजस्व अभिलेख में नगर पंचायत के नाम दर्ज करने की माँग की है।
लोग पंडित मुड़ा को नहर के रूप में खेतों को सिंचित करने के उपयोग में लेते रहे है पंडित मुड़ा नहर ग्राम पंचायत ढेलसरा समेत सीतापुर,केशला,भिठुवा के हजारों एकड़ खेतो की सिंचाई करने का एकमात्र साधन है जिसके भरोषे किसान किसान अपने खेतों में धान की फसल उगाते है।चूंकि पंडित मुड़ा नीजि स्वामित्व की भूमि पर बनी हुई थी जिसे बाद में सार्वजनिक उपयोग हेतु तात्कालीन ग्राम पंचायत एवं मौजूदा नगर पंचायत ने भूस्वामी से 3 अक्टूबर 1972 को खरीदते हुए रजिस्ट्री अपने नाम करा लिया था।किंतु राजस्व अभिलेख दुरुस्त नही होने की वजह से आज भी पंडित मुड़ा की जमीन मूल स्वामी के वारिसों के नाम दर्ज है।जिसकी वजह से भू-स्वामी ने पूर्व में भी पंडित मुड़ा को बेचने का प्रयास किया किंतु किसानों का आक्रोश एवं नगर पंचायत की आपत्ति के वजह से वो सफल नही हो सके थे।अब जबकि क्षेत्रीय विधायक एवं खाद्यमंत्री अमरजीत भगत के प्रयासों से पंडित मुड़ा से होते हुए पक्की सड़क बनने वाली है।जिसकी वजह से उस क्षेत्र के जमीनों की पूछ परख बढ़ गई है लोग वहाँ जमीन तलाशने लगे है।भूस्वामी ने इस मौके का फायदा उठाया और अपने नाम दर्ज पंडित मुड़ा की जमीन बेच डाली।खरीदी-बिक्री के बाद जब वहाँ जेसीबी मशीन से भूमि समतलीकरण का कार्य कराया जाने लगा तब किसानों के कान खड़े हो गए।उन्होंने जब सच्चाई के बारे में पता लगाया तब पता चला कि पंडित मुड़ा का एक बड़ा हिस्सा बिक चुका है और खरीददार वहाँ कब्जा करने जेसीबी से भूमि समतल करा रहे हैं।पंडित मुड़ा के भरोषे धान की खेती करने वाले केशला वार्ड क्र-7 के किसान यह जानकर आक्रोशित हो उठे और पार्षद के नेतृत्व में नपं कार्यालय जा पहुँचे।जहाँ उन्होंने अध्यक्ष प्रेमदान कुजूर को सारी वस्तुस्थिति से अवगत कराया और उनके नेतृत्व में तहसीलदार के नाम तहसील कार्यालय में ज्ञापन सौंपा।सौपे गए में ज्ञापन में किसानों ने पंडित मुड़ा की भूमि की खरीदी बिक्री रद्द करने एवं रजिस्ट्री के आधार पर पंडित मुड़ा की जमीन नगर पंचायत के नाम करने की माँग की है।इस दौरान वार्ड पार्षद राजेश कंदरा एवं पार्षद विक्की नामदेव ने शपथ पत्र प्रस्तुत करते हुए पंडित मुड़ा में कराए जा रहे कार्य को अवैध बता स्थगन आदेश जारी करने की माँग की है।वही उन्होंने कहा है कि उक्त भूमि दो दशक पहले ही तात्कालिक ग्राम पंचायत एवं मौजूदा नगर द्वारा खरीद ली गई है।जिसके आधार पर उक्त भूमि को राजस्व अभिलेख में नगर पंचायत के नाम दर्ज किया जाए।ज्ञापन सौपने के दौरान पार्षद भोला मिंज भूपेंद्र सिंह रमिया बाई कपिल पैंकरा मनहर राम अनुक साय शिवसंकर दास प्रमोद कुमार दिलेश तिग्गा शिवलाल दिलेश्वर यादव सबजान अली सुखराम विफ़ना राम नंदलाल भागीरथी गणेश दास कलम सिंह परन पैंकरा नरेश कपिल संजय नोहर साय समेत काफी संख्या में किसान उपस्थित थे।
इस विषय पर तहसीलदार शशिकांत दुबे ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत पर हो रहे कब्जे पर रोक लगाते हुए स्टे दे दिया गया है ईश्तहार जारी कर आपत्ति कर्ताओं से जमीन सम्बंधित कागजात मंगाया गया जिसकी जाँच कर उचित कार्यवाही की जाएगी।