नई दिल्ली। संसद में एक बार फिर राम सेतु का जिक्र हुआ। सरकार ने संसद में बताया कि राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कहीं।

अपने जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि राम सेतु को राष्ट्रीय महत्व का घोषित करने का कोई प्रस्ताव फिलहाल लंबित नहीं है। उनसे पूछा गया था कि क्या देश में राम सेतु जैसे समुद्र में स्थित या डूबे हुए स्थलों को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का अनुरोध भारत सरकार के पास लंबित है।उन्होंने कहा कि स्मारकों और स्थलों की घोषणा प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष (एएमएएसआर) अधिनियम, 1958 की धारा 4 के तहत की जाती है। केंद्र सरकार दो महीने का समय देकर किसी भी प्राचीन स्मारक को राष्ट्रीय महत्व का घोषित करने के अपने इरादे की अधिसूचना जारी करती है।

सरकार ने सोमवार को संसद में बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने 1976-2023 तक विदेशों से 357 पुरावशेष (एंटीक्विटीज) प्राप्त किए हैं। इसमें से 344 पुरावशेष 2014 के बाद प्राप्त किए गए हैं। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

सरकार ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि प्रधानमंत्री संग्रहालय परियोजना के लिए आवंटित बजट 340.33 करोड़ रुपये में से 30 नवंबर तक 305.36 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने भारत के प्रधानमंत्रियों पर आधारित संग्रहालय की मुख्य विशेषताओं और इस परियोजना के लिए आवंटित बजट से किए गए कुल सरकारी खर्च के बारे में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन माननीय प्रधान मंत्री द्वारा 14 अप्रैल, 2022 को किया गया था।

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