बलरामपुर: उप संचालक पशु सेवाएं ने जानकारी दी है कि पशुधन विभाग द्वारा कृत्रिम गर्भाधान हेतु नवाचार प्रारंभ किया जा रहा है। इस नवाचार से देशी बकरियों के कृत्रिम गर्भाधान से अच्छी व उन्नत नस्ल के बकरियां पैदा होगी जिससे ग्रामीणों के आय में वृद्धि होगी। जिले में बकरा-बकरियों की संख्या लगभग 2.50 लाख है, परन्तु सभी देशी नस्ल की ही है। देशी नस्ल के बकरे-बकरियों में वृद्धि, दुग्ध उत्पादन एवं मांस उत्पादन काफी कम एवं खर्चीला होता है। जबकि उन्नत नस्ल जैसे सिरोही, बारबेरी, जमनापारी आदि नस्ल के बकरे-बकरियों में दुग्ध व मांस उत्पादन एवं वृद्धि कम समय में देशी नस्ल से लगभग 03 गुना अधिक होता है। इन सभी को देखते हुए जिले में भी देशी नस्ल के बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान द्वारा विभिन्न उन्नत नस्ल जैसे सिरोही, बारबेरी, जमनापारी आदि के सीमेन डालकर अच्छे नस्ल के बकरे-बकरियों का उत्पादन कराने हेतु प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्नत नस्ल के सीमेन बकरी प्रजनन प्रक्षेत्र हरिद्वार एवं मथुरा (उ.प्र.) से मंगाया जा रहा है। जिसे स्ट्रा के माध्यम से लिक्विड नाइट्रोजन कंटेनर में बलरामपुर में रखा गया है।

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