सूरजपुर: कलेक्टर संजय अग्रवाल के निर्देशानुसार एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत लीना कोसम के मार्गदर्शन में जिले के बसदेई ग्राम पंचायत में स्थापित रुरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) में बिहान योजना द्वारा गठित महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा रेशम धागाकरण गतिविधि प्रारम्भ की गयी है। इस हेतु रीपा बसदेई में रेशम धागाकरण निर्माण हेतु शेड का निर्माण कर 50 रीलिंग मशीन स्थापित किया गया है। महिलाओं को विभिन्न प्रशिक्षण एवं एक्सपोजर विजिट करा कर प्रशिक्षित किया गया है। रेशम की साड़ियाँ आज स्टेटस सिंबल बन गयी है इसलिए रेशम धागे का बाजार में पर्याप्त मांग है। महिलाओं द्वारा तैयार धागा रेशम बोर्ड द्वारा ही लगभग 6000 रुपये प्रति किलोग्राम के दर से क्रय कर लिया जाएगा। महिलाओं द्वारा प्रशिक्षण अवधि में ही लगभग 60000 रुपये से अधिक मूल्य का रेशम धागा तैयार कर लिया है।

जिले में ही होता है रेशम ककुन का उत्पादन

जिले के ग्राम पंचायत प्रेमनगर, पतरपाली, मदनेश्वरपुर, लोधीमा, ऊंचडीह, सिरसी, बैजनाथपुर एवं करकोटी में रेशम विभाग द्वारा तैयार शासकीय नर्सरी में 08 समूह से जुड़े 120 से अधिक परिवारों द्वारा अर्जुन एवं शहतूत के पौधों में रेशम कीट का पालन कर ककुन तैयार किया जा रहा है। रेशम कीट से ककुन तैयार कर प्रति परिवार 60000 से 75000 रुपये वार्षिक आय प्राप्त कर रहे हैं। जिले में प्रतिवर्ष 15 से 20 लाख ककुन उत्पादन कर विभाग के माध्यम से खरीदी कर बाहर के व्यापारियों को विक्रय कर दिया जाता था। अब जिले में ही रेशम धागाकरण इकाई स्थापित हो जाने से उत्पादित काकुन के बाहर विक्रय करने की आवश्यकता नहीं होगी एवं धागाकरण गतिविधि से स्थानीय परिवारों को रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त होगा।

रेशम धागाकरण गतिविधि सीखने के लिए कराया गया एक्सपोजर विजिट एवं प्रशिक्षण


रेशम धागा तैयार करने एवं कपड़े बुनाई की गतिविधि हेतु जिले के 10 महिलाओं को चिन्हांकित कर कोरबा जिले के कटघोरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत छुरी में आत्माराम कोसा बुनकर समिति का एक्सपोजर विजिट कराया गया। भ्रमण के दौरान महिलाओं ने काकुन से कोसा धागा निर्माण से लेकर हैंडलूम से साड़ी की बुनाई जैसी गतिविधियों का अवलोकन कर सीख प्राप्त किया। एक्सपोजर विजिट के उपरांत ग्राम पंचायत बसदेई की 15 महिलाओं को जिले में ही लाइवलिहूड़ कॉलेज में 20 दिवस का आवासीय प्रशिक्षण का आयोजन कराया गया। जिसमे महिलाओं को रेशम धागाकरण की प्रारम्भिक जानकारी प्रदाय की गयी। आवासीय प्रशिक्षण उपरांत महिलाओं के मांग पर उनके ग्राम में ही 30 महिलाओं की एक माह का प्रशिक्षण कराया गया।
रीपा बसदेई को रेशम क्लस्टर के रूप में विकसित करने की है योजना –


मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री लीना कोसम के द्वारा यह जानकारी दी गयी कि जीमे में ग्राम पंचायत बसदेई में रेशम धागाकरण की गतिविधि जो केवल 2 माह पहले केवल 15 परिवारों के साथ शुरू की गयी आज वह बढ़ कर 30 परिवारों तक पहुँच गयी है। महिलाओं के स्वस्फूर्त इस गतिविधि हेतु आगे आने से धीरे धीरे गतिविधि को बढ़ावा मिल रहा है। इनके उत्साह को देखते हुये गतिविधि आस पास के 4 से 5 ग्राम पंचायतों में बढ़ते हुये 200 से अधिक लोगो को रेशम धागाकरण की गतिविधि से जोड़ कर रीपा बसदेई को रेशम धागाकरण क्लस्टर के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है साथ ही रीपा केंद्र में प्रशिक्षण भवन तैयार किया जा रहा है जिससे जिले के अन्य ग्राम पंचायतों के लोगों को भी भविष्य में रेशम धागाकरण का प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा सके। भविष्य में जिले में रेशम धागा से साड़ियों के निर्माण हेतु प्रशिक्षण प्रदान कर ज्यादा से ज्यादा परिवारों को रोजगार से जोड़ने हेतु प्रयास किया जा रहा है।

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