बिलासपुर: बिलासपुर लगातार भूमाफियाओं पर शिकंजा कसने वाले पुलिस अधीक्षक दीपक झा को भारी तो नही पड़ गया।पुलिस अधीक्षक दीपक झा का ज्यादा दिन नही हुआ बिलासपुर आये और आते ही जन समस्याओं पर कड़ी कार्यवाही उनके द्वारा शुरू कर दिया गया था। आमजनता की समस्या तुरन्त सुनी जाने लगी,हर थाने में आमजनता की बात सुनी जाने लगी थी।भूमाफियाओं द्वारा अवैध कब्जा,फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से शासकीय भूमि को हथियाने वालो पर बड़ी कार्यवाही करने वाले एसपी आमजनता में अपनी अलग जगह बना रहे थे वही भूमाफियाओं के आँखों मे गड़ने भी लगे थे लगातार कार्यवाही से हड़कम्प मच गया था।

दबे जुबान ही सही पर आम लोगों में पुलिस अधीक्षक बिलासपुर द्वारा की जाने वाली कार्यवाहियाँ चर्चा का विषय बन चुकी थी शहर के प्रभुत्व वर्ग,बिलासपुर के समूचे पत्रकार जगत, शहर के मुख्य चौक चौराहों और चाय की गुमटियों में यह चर्चा आम हो चली थी कि पुलिस अधीक्षक दीपक झा को इसका भुगतान तबादला के रूप में सहना पड़ेगा।हाल ही में मोपका चिल्हाटी में शासकीय जमीन को अवैध रूप से दस्तावेजों में छेड़छाड़ करने वाले सलाखों के पीछे पहुंचने लगे थे। ऐसे लोगो को जेल की हवा खिलाने वाले एसपी की शहर में भारी प्रशंसा हो रही थी।सालों से शिकायतों पर धूल खा रही फाइलों को दीपक झा एसपी ने संज्ञान लेकर उन पर अंकुश लगाना शुरू ही किया था कि लगभग पांच माह पूर्व आये दीपक झा पुलिस अधीक्षक को हटा दिया गया।

ऐसे में राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल का यह बयान महत्वपूर्ण हो जाता है।राजस्व मंत्री ने कहाकि जमीन संबंधी मामले में पुलिस को जांच का अधिकार नहीं, इसके लिए राजस्व विभाग का पूरा अमला है।इसके बाद भी पुलिस द्वारा जांच जारी रखी गई और भूमाफियों पर कार्यवाही होती रही।सवाल ये खड़ा होता है जब पुलिस हरकत में आई तब ही राजस्व मंत्री का बयान आना सन्देह पैदा करता है।

राजस्व मामलों पर राजस्व अधिकारियों को भारी मात्रा में शिकायते की गई थी लेकिन कार्यवाही के नाम पर न ही कोई जांच की गई यदि जांच की गई होती तो पुलिस को कार्यवाही नही करनी पड़ती। बल्कि ऐसे बयान से राजस्व अधिकारियों का ही हौसला बुलन्द होता है। कही जांच की आंच राजस्व अधिकारियों तक तो नही पहुँच रही थीसभी के चहेते तत्कालिन तहसीलदार नारायण प्रसाद गबेल पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में एसीबी ने एफआईआर दर्ज की है जिसकी जांच अभी भी चल रही है। विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन मामलों में एफ आई आर दर्ज हुई है या होने वाली थी ये सभी मामले उनके कार्यकाल के है।
वर्तमान में गबेल का बीजापुर तबादला हो चुका है।

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