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बलरामपुर: बलरामपुर जिले के राजपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में अधूरे कार्य को पूर्ण दिखाकर एसडीओ, सब इंजीनियर, सरपंच व सचिव शासकीय राशि को बंदरबाट करने में लगे हुए हैं। ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत कोटागहना, लहसुनपाठ व बेलकोना पंचायत में देखने को मिला। एसडीएम ने राशि वसूल कर जनपद पंचायत को सुपुर्द किया।
एसडीएम शशि कुमार चौधरी ने बताया कि ग्राम पंचायत कोटागहना में सन 2016-17 में आंगनबाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुआ था। तात्कालीन सरपंच व सचिव के द्वारा मूल्यांकन से ज्यादा राशि 163429 रुपए अधूरे कार्य को पूर्ण दिखाकर राशि आहरण किया था। तात्कालीन सरपंच सीता देवी व सचिव से राशि वसूल कर जनपद पंचायत को सुपुर्द किया। इसी तरह ग्राम पंचायत लहसुनपाठ व बेलकोना से वसूल किया गया।
ग्राम पंचायतों में 14 व 15वां वित्त राशि का बंदरबांट
जनप्रतिनिधियों ने बताया कि राजपुर जनपद पंचायत के कुछ पंचायतों में अधिकांश राजनीतिक सत्ताधारी सचिव एक ही स्थान पर कई सालों से पड़े हुए है। सचिव का वेतन माह में करीब 25 हज़ार रुपए है मगर मीटिंग में सचिव 18 से 20 लाख रुपए के वाहन में पहुंचते हैं। वही इनके बच्चे बाहर मेडिकल पढ़ाई कर रहे हैं जिसका खर्च साल में करीब 5 लाख रुपए होता है। कई जगह मकान व जमीन खरीद कर रखे हुए है। आज एक सचिव माह में 25 हजार रुपए वेतन पाने वाले करोड़ो की आसामी बन बैठे है। जनप्रतिनिधियों ने ऐसे सचिव के ऊपर निष्पक्ष जांच कर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।