32 सीटर बस में क्षमता से अधिक करीब 45 बच्चे थे सवार
अंबिकापुर/बलरामपुर।राजपुर-अंबिकापुर मुख्य मार्ग एनएच 343 चांची के पास ओवरटेक कर स्कूल बस बच्चों को उठा रही थी, पीछे से ट्रक ने मारी टक्कर, अनियंत्रित होकर बस पलट गई। मौके पर चीख पुकार मच गई, वाहन चालकों ने तत्काल बरियों चौकी प्रभारी अमित सिंह बघेल को सूचना दी। सूचना उपरांत मौके पर तत्काल पुकिसकर्मी पहुंचे, पुकिसकर्मी व ग्रामीणों की मदद से 6 बच्चों को बरियों प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व 35 बच्चों को एम्बुलेंस व पुलिस वाहन से राजपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 16 घायल बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेजा गया। 2 बच्चों की स्थिति गंभीर देख मेडिकल कॉलेज रेफर किया। सूचना उपरांत मौके पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एसडीएम चेतन साहू व चौकी प्रभारी अमित सिंह बघेल हुंचे।
राजपुर के खुखरी गांव में निजी स्कूल बाल भारती पब्लिक स्कूल संचालित है प्रत्येक दिन की भांति बस क्रमांक सीजी 30 बी 4754 के चालक ग्राम खोडरो निवासी 45 वर्षीय रमेश बेक पिता सिबुल बेक आसपास के गांवों से 32 सीटर बस में क्षमता से अधिक करीब 45 छात्र-छात्राओं को लेकर स्कूल जा रहा था। बस चालक ओवरटेक कर स्कूली बच्चों को उठा रहा था। सुबह करीब 9 बजे चाची के पास पीछे से ट्रक क्रमांक सीजी 15 डीएच 9931 का चालक ग्राम बरदरी जिला गढ़वा निवासी 20 वर्षीय रोहित यादव पिता अमृत यादव ने पीछे से टक्कर मार दी, स्कूल बस सड़क पर पलट गई। मौके पर चीख पुकार मच गई। पुलिस ने ट्रक चालक के विरुद्ध धारा 279, 337 पंजीबद्ध किया।
घायल व रेफर छात्र-छात्राओं के नाम
मरियानुस (5), मरियम (10), संतानुस (6), रौनक (5), सभी मदनेश्वर, आंचल (6) बरियों, सुजल तिवारी (11) करंजी को उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ केंद्र बरियों पहुंचाया गया। करीब 35 छात्र-छात्राओं को राजपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उपचार के लिए पहुंचाया गया। जिनमे शिवेन्द्र सांडिल्य (14) बघिमा, प्रशान्त जायसवाल (10) बरियों, बिटटू (5), बरियों, साधना जायसवाल (12), आकाश पोर्ते (11), सोहन लकड़ा चरगढ़ (9), अनुराग केरकेट्टा (16) चरगढ़, तनु पैंकरा (6), पडनिया, शालीन (7) बघिमा, सृष्टि (9) मदनेश्वरपुर, चन्द्रिका (7) बघिमा, विकास यादव (9) करजी, दीपक एक्का (7) मदनेश्वर, संजय लकड़ा (10) चन्द्रगढ़ को समान्य चोट लगी प्राथमिक उपचार के बाद परिजनों ने अपने घर ले गए। रमेश पिता रामापति यादव (12) चंद्रगढ़ व शिल्पी पैकरा पिता यदुवंशी सिधमा को मेडिकल कॉलेज रेफर किया।
बलरामपुर जिले में छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आंख मूंदकर निजी स्कूलों का मान्यता बाटी जा रही है। प्राइवेट स्कूल के नाम पर अनाप-शनाप फीस लेकर शिक्षा विभाग के द्वारा धज्जियां उड़ाई जा रही है। स्कूल अव्यवस्था के बीच संचालित हो रही है। राजपुर विकासखंड अंतर्गत 59 वैध- अवैध रूप से स्कूल संचालित है, स्कूल बसों में सीसी टीवी तक नही है।
राजपुर विकासखंड में कई प्राइवेट स्कूल संचालकों के पास खुद का भवन तक नहीं हैं, अनुभवी शिक्षक भी नहीं है पुस्तकालय, खेल मैदान, प्रसाधन, फर्नीचर, विद्युत व्यवस्था, पेयजल, लैब या लाइब्रेरी जैसी सुविधाओं से स्कूल महरूम है। अधिकारियों की मेहरबानी की बदौलत बिना रोक-टोक के स्कूल से धड़ल्ले के साथ संचालित है।पालको से स्कूल में अनाप-शनाप शुल्क लिया जा रहा है। विद्यार्थियों को स्कूल से कापी, बेल्ट, मोजे, टाई खरीदने बाध्य कर रहे हैं। मानवाधिकार आयोग के निर्देश के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूलों के खिलाफ छापामार कार्रवाई करने का निर्णय नहीं लिया। बगैर देखे स्कूल का मान्यता को दे दिया गया है। मगर इस प्रकार के नियमों को सुविधाओं को अभाव में बच्चों का भविष्य अंधकार में होता नजर आ रहा है कई स्कूलो में बगैर बीएड, बीटीआई, डीएड के अनुभवी शिक्षकों के द्वारा छात्र-छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। स्कूल में छात्र -छात्राओं को बैठने से लेकर अन्य सुविधाओं का पूर्ण अभाव है। छोटे बच्चों के साथ 16 से 18 वर्ष के छात्र-छात्राओं को भी बैठा कर पढ़ाया जा रहा है। स्कूल में बच्चों के लिए बाथरूम, शौचालय, प्रयोगशाला, कंप्यूटर की व्यवस्था तक नहीं है। स्कूल में प्रतिमाह वाहन किराया व स्कूल फीस भी अनाप-शनाप लिया जा रहा है। इसके बाद भी स्कूल में पीने तक कि पानी की व्यवस्था नहीं है। कई स्कूल के सामने मेन सड़क है कभी भी बड़ी घटना घट सकती है.छोटे बच्चों के साथ कभी गंभीर घटनाओं की आशंका बनी रहती है। स्कूल का मान्यता शासन द्वारा निर्धारित मापदंड, पंजीयन, नवीनीकरण के लिए इसका पालन अधिकारियों द्वारा नहीं किया जा रहा है। जिससे शासन के द्वारा शिक्षा का अधिकार कानून की धज्जियां उड़ रही है। वर्तमान में शासन के द्वारा निजी मान्यता प्राप्त संस्थाओं में 25 प्रतिशत छात्रों को निशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराना है,जिसका पालन भी इनके द्वारा नहीं किया जा रहा है।
बस परिवहन के नाम पर लूट की जा रही है,स्कूल बसों में सीसी टीवी तक नही है
राजपुर विकासखण्ड में करीब 59 प्राइवेट स्कूल संचालित है स्कूल बस, छोटा हाथी, मारुति वैन में मवेसियों की तरह छात्र- छात्राओं को ठुस- ठुस कर ले जाया जा रहा है। शासन से भाड़ा भी निर्धारित नहीं है। अभिभावकों को लूटा जा रहा है, वाहनों में सीसी टीवी तक नहीं है।
छत्तीसगढ़ शासन का क्या है निर्देश
क्रमांक 01. संस्था की भूमि एवं भवन का स्वर की स्वामित्व.
क्रमांक 02. नहीं है तो खरीदी और निर्माण की कार्य योजना.
क्रमांक 03. 3 वर्ष के अंदर कार्य योजना का क्रियान्वयन आवश्यक.
क्रमांक 04. 2 एकड़ भूमि अनिवार्य. 1500 से अधिक छात्र पर 3 एकड़.
क्रमांक. 05. हाई स्कूल के न्यूतम तथा हायर सेकेंडरी के लिए 2600 स्क्वेयर फीट का भवन.
क्रमांक 06. प्राथमिक से हायर सेकेंडरी तक होने पर 40000 स्क्वायर फीट का भवन.
क्रमांक 07. प्राचार्य कक्ष, कार्यालय, स्टाफ रूम पुस्तकालय, प्रयोगशाला.
क्रमांक 08. हाई स्कूल के लिए सात कक्षायें जरूरी.
क्रमांक 09. प्रत्यक्ष सेक्शन के लिए अलग-अलग कक्ष.
क्रमांक 10. एक सेक्शन में अधिकतम 45 न्यूनतम 15 छात्र अनिवार्य.
क्रमांक 11. कार्यक्रमों के आयोजन के लिए बरामदा या हाल का होना जरूरी.
क्रमांक 12. संस्था के छात्र- छात्राओं के लिए अलग- अलग प्रसाधन की व्यवस्था.
क्रमांक 13 छात्र- छात्राओं के लिए फर्नीचर की व्यवस्था होनी चाहिए.
क्रमांक 14. बिजली वाले स्थानों पर बिजली और पंखे की व्यवस्था होनी चाहिए.
क्रमांक 15. खाते में इतना राशि हो कि शिक्षकों का 3 माह का वेतन दिया जा सके।
एसडीएम चेतन साहू ने कहा स्कूल बस में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाया गया था। संस्था प्रमुख और आरटीओ को नोटिस जारी किया जा रहा है। आगे की कार्रवाई की जाएगी।