बलरामपुर।बलरामपुर जिले के राजपुर गांधी चौक पर छ.ग. श्रमजीवी पत्रकार कल्याण संघ ने 23 मार्च को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत को याद करते हुए बलरामपुर जिले के गांधी चौक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी थी।देश के इन्हीं तीन वीर सपूतों के सम्मान में हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है और इन स्वतंत्रता सेनानियों के शहादत को याद किया जाता है।

छ.ग. श्रमजीवी पत्रकार कल्याण संघ के जिलाध्यक्ष अनिल सोनी ने कहा कि 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को लाहौर जेल में फांसी दी गई थी। इससे पहले, इन तीनों को लाहौर कांस्पिरेसी केस में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें उन पर अंग्रेजी सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप था। इस मुकदमे के बाद, कोर्ट ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई, जिसे उन्होंने साहसिकता और देशभक्ति के साथ स्वीकार किया। इन तीनों के बलिदान ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक अहम मोड़ लाया और वे आज भी देशवासियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।उनका बलिदान भारतीय इतिहास में अमर रहेगा और वे आज भी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।

विश्वास कुमार गुप्ता ने कहा कि भारत के इतिहास में 23 मार्च का दिन बेहद अहम माना जाता है। यह दिन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के तीन महान क्रांतिकारी—भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। इन वीरों ने देश की आज़ादी के लिए न केवल अपने प्राणों की बलि दी, बल्कि अपने साहस और दृढ़ता से पूरे देश को प्रेरित किया। वीरों  ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी  और भारतीय इतिहास में अमर हो गए।


संतोष सिंह ने कहा कि 23 मार्च 1931 को इन तीनों क्रांतिकारियों को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी पर लटका दिया था। इसी दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है, ताकि देशवासी उनके बलिदान को याद कर सकें और उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतार सकें।

सुदामा राजवाड़े ने कहा कि भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का योगदान भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे अहम क्रांतिकारियों में से थे। इन्होंने न केवल अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष किया, बल्कि अपने विचारों के जरिए देश के युवाओं को प्रेरित भी किया। भगत सिंह ने अपने जीवन का उद्देश्य देश की आजादी को बनाया और कम उम्र में ही उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ कई ऐसे कदम उठाए, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला डाली थी।

गांधी चौक पर श्रद्धांजलि अर्पित के दौरान छ.ग. श्रमजीवी पत्रकार कल्याण संघ के जिलाध्यक्ष अनिल सोनी, विश्वास कुमार गुप्ता, सुदामा राजवाड़े, विकास यादव, अभिषेक सोनी, अनिल खलखो, संतोष सिंह, अशोक सोनी, महेंद्र गुप्ता, राहुल भारती, राहुल गुप्ता, संतोष सोनी, अरविंद अम्बष्ठ, मुकेश उपाध्याय आदि मौजूद थे।

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