सूरजपुर: जिले के नगरीय क्षेत्र एवं अंदरूनी गांवों को सौर ऊर्जा से रौशन किया जा रहा है। जिला प्रशासन के मार्ग दर्शन में क्रेडा विभाग द्वारा जिले के विभिन्न स्थानों में 40 नग सोलर हाईमास्ट लाईट लगायी जा चुकी है। जिसकी ऊंचाई 9 मीटर है, जिससे 40 मीटर दूर तक सड़क में रोशनी की फैलाव होगा। जिससे शहर एवं ग्रामों के चौक-चौराहें व अन्य स्थलों की सुंदरता और बढ़ जाएगी। अब सोलर हाईमास्ट लगने से रात्रि में दुधिया रोशनी होने सेे ग्रामीण जनता के जीवन स्तर में व्यापक सुधार हो रहा है। शेष अभी भी कई स्थलों में सोलर हाईमास्ट संयंत्र स्थापना कार्य प्रगति पर है। ग्रामों, कस्बों, निकायों व शहरों के प्रमुख चौक-चौराहों पर प्रकाश व्यवस्था के लिए सौर चलित आकर्षक हाईमास्ट संयंत्रों की स्थापना की जा रही है। जिससे सूरज की रोशनी से शहरों एवं ग्रामों में रात का अंधेरो को दूर किया जा सके।
सूरजपुर शहर के पालिका क्षेत्र में भी सामुदायिक स्थलों पर रोशनी के लिए सोलर हाईमास्ट लाइट लगाई गई है। शहर के विभिन्न स्थानों पर सोलर हाईमास्ट लाइट लग जाने से नगर पालिका का चौक चौराहों और सामुदायिक स्थलों पर प्रकाश व्यवस्था हेतु बिजली खपत भी कम हो रहा है। क्रेडा विभाग के अनुसार प्रत्येक सोलर हाईमास्ट की ऊंचाई 09 मीटर है। इसमें 30-30 वाट क्षमता की 06 एलईडी लाइटें लगाई जा रही है। साथ ही 900 वाट क्षमता के सोलर पैनल प्रत्येक हाईमास्ट पर लगाये जा रहें हैं। जिसमें 06 नग लीथीयम आयन बैटरी भी है जो सूर्य के प्रकाश से सौर पैनल और चार्ज कंट्रोलर के माध्यम से चार्ज होती है।
सोलर हाईमास्ट संयंत्र के पैनल सूर्य के प्रकाश से विद्युत उत्पादन कर सुबह से शाम तक बैटरी चार्ज करेगा। जैसे ही शाम को सूर्य अस्त होगा, वैसे ही सोलर हाई मास संयंत्र की एलईडी लाइटें अपने आप जलने लगेंगे और सुबह सूर्य की किरणें सोलर पैनल पर पड़ते ही हाईमास्ट बंद हो जाएगा। इस उपक्रम से बिजली की बचत होगी। जिन ग्रामों में सोलर हाईमास संयंत्रों की स्थापना पूरी हो गई, वहां ग्रामीणजन काफी खुश हैं। वे बताते हैं कि जब संयंत्र नहीं लगे थे, तब रात के अंधेरे में एक स्थान से दूसरे स्थान आने-जाने में असहज महसूस करते थे। अब इन हाईमास्ट संयंत्रों की स्थापना से वे आसानी से भयमुक्त होकर आवागमन कर पाते हैं। उनका यह भी कहना है कि सौर संयंत्रों से पर्याप्त रौशनी की वजह से अब चौक चौराहों में व्यावसायिक गतिविधियां रात तक संचालित होती हैं। इससे दैनिक उपयोग की आवश्यकताएं पूरी हो जाती हैं और क्षेत्रवासियों के जीवन स्तर में लगातार सुधार हो रहा है। अब तक इस कार्य योजना अंतर्गत लगाए गए 40 नग सोलर हाई मास से पर्यावरण पर भी अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। इससे प्रतिवर्ष कार्बन उत्सर्जन में भी कमी होगी। इस तरह ये संयंत्र ना केवल प्रकाशीय सुविधाओं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होंगे।