कुसमी। विकासखंड कुसमी में गणतंत्र दिवस पर बुधवार को राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया, जिसको दिन अस्त होने के पूर्व ही उतारना था। लेकिन जिम्मेदार उतारना भूल गए और तिरंगा तेज हवा और अंधेरे के बीच देर रात तक फहरता रहा। ग्रामीणों की नजर जब देर रात तक फहरते तिरंगे पर पड़ी। इसे देखकर शोर-गुल के बीच तिरंगा को उतारा गया।
गणतंत्र दिवस पर बुधवार को सुबह विकासखंड कुसमी अंतर्गत ग्राम जिरहुल के हरिजनपारा आँगनबाड़ी केंद्र में कार्यकर्ता गायत्री पैकरा द्वारा ध्वजारोहण किया गया। नियमानुसार ध्वजारोहण पश्चात सूर्यास्त के पूर्व राष्ट्रीय ध्वज को उतारा जाना चाहिए, परंतु यहां पर ध्वजारोहण करने वाले इस नियम को भूल गए। जिसका परिणाम यह रहा कि राष्ट्रीय ध्वज सूर्यास्त के बाद भी उतारा नहीं गया। देर रात तक राष्ट्रीय ध्वज लहराता रहा। ग्रामीणों की नजर जब राष्ट्रीय ध्वज को फहरे हुए देखा तो सभी को घोर आश्चर्य हुआ। थोड़ी ही देर में लोगों को समझ आ गया कि गणतंत्र दिवस के दौरान फहराया गया राष्ट्रीय ध्वज उतारा ही नहीं गया है। इस दौरान ग्रामीणों ने मोबाइल से इसका वीडियो बनाकर शेयर भी किया। देर रात ग्रामीणों ने लहराते राष्ट्रीय ध्वज को उतार लिया गया।
यह है भारतीय ध्वज संहिता
गौरतलब हो कि भारतीय ध्वज संहिता में देश की राष्ट्रीय ध्वज (झंडा) को लेकर स्पष्ट नियम बनाए गए हैं,जिसमें राष्ट्रीय ध्वज का साइज, कपड़ा, स्थान से लेकर अन्य सभी नियम हैं। इन्हीं नियमें ध्वजारोहण के समय को लेकर भी स्पष्ट किया गया है कि सरकारी भवन पर झंडा रविवार और अन्य छुट्टियों के दिनों में भी सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराया जाता है। केवल विशेष अवसरों पर इसे रात को भी फहराया जा सकता है। परंतु घोर लापरवाही के चलते नगर में देश के गणतंत्र दिवस जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान हो गया।
ध्वजारोहण पश्चात लेफवाटोली घर वापस चली गई थी। सूर्यास्त के पूर्व राष्ट्रीय ध्वज को उतारने की जिम्मेदारी पड़ोसी को दिया गया था। परंतु वह भूल गया। जिसकी वजह से राष्ट्रीय ध्वज उतारा नहीं जा सका।
गायत्री पैकरा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता।
कल आँगनबाड़ी कार्यकर्ता को बुलाकर जानकारी ली जाएगी।
फूलजेंसिया कुजुर, परियोजना अधिकारी, महिला बाल विकास।