नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में केंद्रीय कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कृषि कानून को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके बाद 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों कानूनों को आधिकारिक रूप से वापस लिए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और इसके लिए सरकार बिल लेकर आएगी।बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 नवंबर को राष्ट्र को संबोधित करते हुए नए कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी. इसके साथ ही पीएम मोदी ने कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों से अपने घर वापस जाने की अपील की थी और एमएसपी को प्रभावी व पारदर्शी बनाने के लिए कमेटी के गठन का ऐलान किया था।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था, ‘एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए, ऐसे सभी विषयों पर, भविष्य को ध्यान में रखते हुए, निर्णय लेने के लिए, एक कमेटी का गठन किया जाएगा।इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि होंगे, किसान होंगे, कृषि वैज्ञानिक होंगे, कृषि अर्थशास्त्री होंगे।’

पीएम मोदी द्वारा कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद भी किसान संगठनों ने प्रदर्शन वापस नहीं लेने का फैसला किया था और कहा था कि वे प्रदर्शन तबतक जारी रखेंगे, जबतक संसद की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती।अब सवाल है कि मोदी कैबिनेट से कृषि कानूनों की वापसी के प्रस्ताव को मंजूरी के बाद किसान आंदोलन खत्म होगा।

नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक साल से ज्यादा समय से किसानों का प्रदर्शनचल रहा है और किसान दिल्ली की सीमाओं पर टिके हुए हैं।इससे पहले सरकार ने कानूनों में बदलाव की घोषणा की थी। इसको लेकर सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हुई थी, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया।

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