अम्बिकेश गुप्ता
कुसमी। लोकसभा चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान को लेकर जागरुकता अभियान प्रशासन द्वारा लगातार चलाया जा रहा है. इसी बिच छत्तीसगढ़ – झारखण्ड की सीमा से लगे बलरामपुर जिला के कुसमी विकास खंड अंतर्गत ग्राम पंचायत कुरडीह के कुल पांच गांव के ग्रामीणों ने अपनी मुलभुत सुविधाओं सहित अन्य मांगों को लेकर चुनाव बहिष्कार किए जाने का शुर उठा दिया हैं. तथा जनप्रतिनिधियों पर नाराजगी भी व्यक्त की हैं।
ज्ञात हो की कुसमी के ग्राम पंचायत कुरडीह के गांव चंचल चुआं, पिआरटोली, जोड़ाडुमर, मुड़कम, घुईपानी के ग्रामीणों ने मूलभूत सुविधाओं से वंचित होकर तथा गांव में कुछ भी विकास कार्य नहीं किए जाने पर लोकसभा चुनाव में वोट नहीं कर बहिष्कार करने का फैसला लिया हैं. जिन्होंने ग्राम पंचायत कुरडीह में 24 अप्रैल को वोट नहीं करने का नारा लगाकर अपनी मांगो को मिडिया के समक्ष रखी हैं.गांव के ग्रामीण लगातार वोट के बहिष्कार को लेकर अड़े हुवें हैं. जिन्हे अभी तक संतुष्ट जनक जवाब प्रशासन द्वारा नहीं दिया गया हैं. इससे वें स्वम सहित गांव को उपेक्षित रखें जाने को लेकर नाराज हैं.
शनिवार को ग्राउंड जीरो पर जानकारी मिली की कुछ अधिकारी ग्राम पंचायत में बीते दिनों 25 अप्रैल को ग्रामीणों को बिना सूचना दिए आये थें. तथा बहिष्कार में शामिल गांव के ग्रामीणों से बिना कुछ जानकारी लिए कुरडीह ग्राम पंचायत से लगे बाहरी ग्राम पंचायत के ग्रामीणों का वीडियोग्राफ़ी के जरिए खाना पूर्ति कर चले गए. ग्रामीणों ने यह भी बताया हैं की कुछ शासकीय कर्मचारियों के अगुवाई में विकास की मांग के लिए उठे मुद्दे को दर किनार करने का प्रयास किया जा रहा हैं. जिनके चुनाव नेतृत्व में ही खाना पूर्ति कार्यवाही की गई हैं. जो ग्रामीणों के साथ छलावा हैं
ग्रामीणों ने कहा….
उक्त ग्राम पंचायत के राजू पहाड़ी, हल्कू पहाड़ी, वासुदेव यादव, सुदामा दीप नारायण, प्रेमलाल, देव कुमार,अखिलेश, विजय, महेंद्र, अरविंद, विष्णु, ललन यादव, रामकिशुन, रजन्ति कोरवा , रामपतिया, गुलबाजी, कुशमनी, सुखमनिया, नंदबासों, मेन्वंती, प्रियंका यादव, पाडे कोरवा, राजू कोरवा, बुधन कोरवा, राजेश कोरवा, मनोज नगेसिया, शीतलु नगेसिया सहित कई दर्जन ग्रामीणों ने कहा है कि हम सभी लम्बे समय से अपनी मांग के लिए कई वर्षों से गुहार लगाते रहे हैं लेकिन हमारे ग्राम पंचायत में विकास का कोई कार्य नहीं किये जाने से समस्याओं का उत्पीड़न हमें सहन करना पड़ रहा हैं।
बहिष्कार का कारण…
ग्रामीणों ने यह भी याद दिलाया हैं की पहले सभी कई बार मांग रख चुके हैं. 9 जुलाई सन् 2021 में जन चौपाल लगाकर समस्या सुनी गई थी. इसके बाद भी किसी प्रकार का विकास कार्य नहीं किया गया. जिस जन चौपाल में उस समय के तत्कालीन विधायक सहित अधिकारी गण उपस्थित थें. वोटिंग के समय केवल जनप्रतिनिधि व अधिकारी आकर आश्वासन हमें देते गए लेकिन विकास के नाम पर यहां कुछ भी नहीं हुआ. जिस कारण से हम सभी इस बार वोट का बहिष्कार कर रहे हैं। उक्त पांच गांव के ग्रामीणों ने यह भी बताया कि उनकी मुख्य मांगे सड़क, बिजली व पानी हैं. इसके अलावा उन्हें लंबी दूरी तय कर अपना मत देने के लिए पैदल मतदान केंद्र जंगलो के रास्ते कुरडीह जाना पड़ता हैं. नजदीक में मतदान केंद्र बनाये जाने का मांग रखा हैं. आज तक पक्की सड़क नहीं बन सका हैं. साथ ही नल – जल योजना के तहत निर्मित हर घरों में पहुंचाये जाने वाला पानी विस्तार नल फेल हैं. जिसका लाभ भी उन्हें नहीं मिल सका हैं. आज भी दूषित पानी पिने को ग्रामीण मजबूर हैं. तथा करीब 10 वर्ष पहले सौर ऊर्जा से चलने वाला बिजली का लाभ गांव के ग्रामीणों को मिला था जो कई वर्षों से खराब पड़ा हुआ हैं।मामलें में कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी बलरामपुर रिमीजीयुस एक्का ने कहा मामला संज्ञान में हैं।