कोरबा: छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान प्रदेश है और बारिश की शुरुआत होते ही किसान अपने खेती के कार्य में व्यस्त हो जाते हैं। कृषि कार्य में लगे किसान मजदूरों की मदद भी कृषि कार्य में लेते हैं। यहां तक तो बात सामान्य लेकिन कृषि कार्य में रोपाई का कार्य खत्म होने के बाद कृषि कार्य में लगे लोगों का सम्मान किसान के द्वारा सपरिवार किया गया।
बारिश की शुरुआत होते ही किसान अपने खेती के कार्य में व्यस्त हैं। इसी तरह कोरबा जिले के नकटीखार में किसान अजीत दास महंत अपने खेतों में धान के पौधे का रोपाई कार्य मे करवा रहे थे। रोपाई का कार्य पूर्ण होने के बाद किसान अजीत दास महंत ने अपने पूरे परिवार के सदस्यों के साथ रोपाई कार्य मे लगी महिलाओं को साड़ी भेंट कर उनका सत्कार किया गया। खेतो में कार्य करने के बाद सम्मान प्राप्त करने वाली महिलाओं ने किसान अजीत दास और उनके परिवार के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त किए।
अजीत दास महन्त का कहना है कि छ्त्तीसगढ एक कृषि प्रधान राज्य है, जिसे धान का कटोरा कहा जाता है। वर्तमान समय मे कृषि कार्य करने वाले किसान बीते समय के हिसाब से खेती को महत्व नहीं देना चाहते अधिकांश लोग शहरी रोजगार को बेहतर विकल्प मानते हुए काम करते है।
यही कारण है आज कृषि कार्य के लिए लोगों की महात्वाकांक्षा कम होती जा रही है जबकि वास्तव में अनाज के उपज का कोई दूसरा विकल्प नही है, किसान फसल को उगाने के लिए दिन रात मेहनत करता है और इस कठिन मेहनत के बाद अनाज पैदा होता है और इसी अनाज से हमारे पेट की आग को शांति मिलती है।
सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि खेती का कार्य करने वाले मजदूर व विशेष रूप से महिलाएं जो खेती रोपा लगाने में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं जिन्हें ज्यादा कुछ तो नहीं दे सकते लेकिन उनका सत्कार अवश्य कर सकते है और इसी भाव से आज प्रेम स्वरूप साड़ी भेंट कर उनके बेहतर कार्य के लिए आज सपरिवार आभार प्रकट करते हैं साथ ही आज मेरे परमपूज्य पिता स्व. श्री झाड़ूदास जी व पुरखों का आशीर्वाद है जो शुरू से ही खेती किसानी का कार्य करते आ रहे हैं आज के समय मे हमको खेती करने की प्रेरणा देते हैं। खेतों में कार्य करने वाले लोगों का किया गया यह सम्मान समाज में प्रशंसनीय है ।