There will be changes in Congress but Sonia Gandhi will lead the party, know what decisions were taken and on which issues the brainstorming took place
नई दिल्ली, एजेंसियां: पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस कार्य समिति यानी सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई। बैठक में हार के कारणों की समीक्षा के साथ ही भविष्य की रणनीति पर मंथन हुआ। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा, हरीश रावत, मल्लिकार्जुन खड़गे और अंबिका सोनी समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। बैठक में नेताओं ने पार्टी में सुधार की अपील की। हालांकि उनका यह भी मत था कि फिलहाल सोनिया गांधी ही पार्टी की बागडोर संभालें।
राहुल करें पार्टी का नेतृत्व
पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक बैठक में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर भी चर्चा हुई। विधानसभा चुनाव में क्या गलतियां हुईं। बैठक में इस बारे में गुलाम नबी आजाद और दिग्विजय सिंह समेत वरिष्ठ नेताओं ने दिए कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि कांग्रेस का हर कार्यकर्ता चाहता है कि राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व करें। संगठनात्मक चुनाव हों। अगले अध्यक्ष का फैसला इन चुनावों से ही होगा।
संगठन को मजबूत करने की अपील
पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक केसी वेणुगोपाल ने बताया कि बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष से गुजारिश की गई कि वे पार्टी के भीतर तुरंत सुधारात्मक उपाय करें और संगठन को फिर से मजबूत करें। वहीं पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति का हर एक सदस्य चाहता है कि संगठनात्मक चुनाव होने तक सोनिया गांधी पार्टी का मार्गदर्शन करें।
चिंतन शिविर का होगा आयोजन
पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक केसी वेणुगोपाल ने बताया कि बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष से गुजारिश की गई कि वे पार्टी के भीतर तुरंत सुधारात्मक उपाय करें और संगठन को फिर से मजबूत करें। वहीं पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति का हर एक सदस्य चाहता है कि संगठनात्मक चुनाव होने तक सोनिया गांधी पार्टी का मार्गदर्शन करें।
चिंतन शिविर का होगा आयोजन
पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सीडब्ल्यूसी ने सर्वसम्मति से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताया। संसद के बजट सत्र के तुरंत बाद कांग्रेस चिंतन शिविर का आयोजन करेगी। हालांकि इससे पहले एकबार फिर सीडब्ल्यूसी की बैठक होगी।
जरूरी बदलाव के लिए सोनिया गांधी तैयार
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक लगभग पांच घंटे तक चली बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी नेताओं की बात सुनी। उन्होंने कहा कि वह पार्टी को मजबूत करने के लिए सभी जरूरी बदलाव करने को तैयार हैं। बैठक में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने सुझाव दिया कि पार्टी उनके राज्य में ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन करे।
सोनिया गांधी ही करेंगी पार्टी का नेतृत्व
बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सदस्यों ने पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में सुधार की बात कही। वहीं बैठक के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे एएनआइ के संवाददाता से कहा कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ही कांग्रेस का नेतृत्व करेंगी। भविष्य में पार्टी के फैसले वही लेंगी। हम सभी को उनके नेतृत्व पर भरोसा है।
भावी रणनीति पर भी मंथन
बैठक के बारे में जानकारी देते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के गोवा प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने कहा कि सोनिया गांधी पार्टी की अध्यक्ष बनी रहेंगी। पांच राज्यों के चुनाव नतीजों पर हमने विस्तृत चर्चा की। चीजों को कैसे आगे बढ़ाया जाए और आगामी चुनावों की तैयारी कैसे करें। इन मुद्दों पर भी बातचीत हुई।
थरूर ने फिर उठाई सुधार की आवाज
इस बीच कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि कांग्रेस देश का सबसे विश्वसनीय विपक्षी दल है। ऐसे में इसमें सुधार की जरूरत है। थरूर की यह टिप्पणी कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बीच आई है। थरूर पहले भी पार्टी में बदलाव की बात कर चुके हैं।
मनमोहन सिंह समेत ये नेता नहीं मौजूद
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) एवं तीन अन्य कांग्रेस नेता पार्टी कार्य समिति की बैठक में शामिल नहीं हुए। कांग्रेस नेता एके एंटनी बैठक में शामिल नहीं हो पाए क्योंकि उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पाजिटिव आई थी।
राहुल को अध्यक्ष बनाए जाने की मांग
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक से इतर राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने की मांग उठी। कुछ कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता पार्टी के मुख्यालय के नजदीक जमा होकर राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने के समर्थन में नारेबाजी की। इसमें दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नेता अलका लांबा, अनिल भारद्वाज समेत कई अन्य नेता शामिल थे। इन नेताओं ने राहुल गांधी के समर्थन में धरना भी दिया। अलका लांबा का कहना था कि कांग्रेस का आम कार्यकर्ता राहुल को अध्यक्ष के तौर पर देखना चाहता है।
गहलोत ने भी राहुल के पक्ष में बुलंद की आवाज
बैठक से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि चुनाव में हार-जीत होती रहती है। एक वक्त था जब भाजपा ने 542 में से केवल दो सीटें जीती थी। भाजपा धर्म की राजनीति करती हैं देशवासियों को यह बात देर-सबेर समझ में आएगी। हमारा रास्ता एकता और अखंडता का है। पीएम मोदी और केजरीवाल एक जैसा बोलते हैं। आग लगाना काफी आसान काम होता है लेकिन उसे बुझाना काफी मुश्किल होता है। राहुल गांधी को अध्यक्ष बनना चाहिए। इससे पार्टी एकजुट रहेगी…
असंतुष्ट गुट भी सक्रिय
इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस के असंतुष्ट गुट यानी जी-23 समूह के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई जिसमें भावी रणनीति पर मंथन हुआ। गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई इस बैठक में आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल और मनीष तिवारी जैसे दिग्गज शामिल हुए थे। इस बीच कांग्रेस पार्टी ने उन रिपोर्टों को फेक बताया जिसमें गांधी परिवार के सदस्यों के सभी संगठनात्मक पदों से इस्तीफा देने की बात कही गई थी।
चुनाव में हार पर हो सकते हैं कुछ इस्तीफे
पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में गांधी परिवार के सदस्यों द्वारा इस्तीफा देने की संभावना व्यक्त करने के लिए एक न्यूज चैनल के हवाले से जारी खबरों को गलत और शरारतपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि चुनावी हार को लेकर गांधी परिवार द्वारा पार्टी के पदों से इस्तीफा देने की की खबरें अनुचित और शरारतपूर्ण हैं। हालांकि सूत्रों की मानें तो बैठक में पांच राज्यों के चुनाव में खराब प्रदर्शन को लेकर चुनाव प्रबंधन से जुड़े कुछ लोग अपने इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं।
उठ रही आत्ममंथन की आवाजें
इस बीच पार्टी में आत्ममंथन की आवाजें बुलंद होने लगी हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने बीते दिन कहा था कि पार्टी हाईकमान को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सीख लेनी चाहिए। उनकी मजबूती क्या है हमको इसे देखना चाहिए। हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते हैं। वहीं शशि थरूर ने हाल ही में ट्वीट कर कहा था कि पार्टी को यदि प्रासंगिक बने रहना है तो संगठनात्मक नेतृत्व में बदलाव को टाला नहीं जा सकता है।
पहले भी उठ चुकी है आवाज
उल्लेखनीय है कि अगस्त 2020 में कांग्रेस के असंतुष्ट गुट यानी जी-23 समूह के नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में सक्रिय अध्यक्ष का चुनाव कराए जाने के साथ ही संगठन में आमूल-चूल बदलाव की मांग की थी। इन नेताओं ने पार्टी में सुधारात्मक कदम उठाए जाने का सुझाव दिया था। असंतुष्ट खेमे के नेताओं का मानना है कि पार्टी ने भले ही नेतृत्व ने संगठन चुनाव कराने का एलान कर दिया है लेकिन बाकी मसलों पर शीर्ष नेतृत्व की ओर से कोई पहल नहीं की गई है।