नई दिल्ली. स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मौके पर लाल किले (Red Fort) से देश को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि ‘ये नया भारत (New India) है…आत्मविश्वास से भरा हुआ भारत है, ये संकल्पों को चरितार्थ करने के लिए जी-जान से जुटा हुआ भारत है. इसलिए ये भारत… न रुकता है, न थकता है, न हांफता है और न ही ये भारत हारता है. पीएम मोदी ने कहा कि मैं साफ-साफ देख रहा हूं कि कोविड के बाद एक नया ग्लोबल ऑर्डर, एक नया जियो- पॉलिटिकल इक्वेशन, बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. बदलते हुए विश्व को आकार देने में आज मेरे 140 करोड़ देशवासियों का सामर्थ्य नजर आ रहा है.’

पीएम मोदी ने कहा कि ‘हमारे देश में 25 साल से चर्चा हो रही थी कि नई संसद बने, लेकिन ये मोदी है…समय के पहले नई संसद बना के रख दिया. ये काम करने वाली सरकार है, निर्धारित लक्ष्यों के साथ काम करने वाली सरकार है. आज भारत पुरानी सोच, पुराने ढर्रे को छोड़ करके, लक्ष्यों को तय करके, लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए चल रहा है. जिसका शिलान्यास हमारी सरकार करती है, उसका उद्घाटन भी हम अपने कालखंड में ही करते हैं. देश में रेल आधुनिक हो रही है तो वंदे भारत ट्रेन भी आज देश के अंदर काम कर रही है.’

पीएम मोदी ने कहा कि ‘गांव-गांव पक्की सड़कें बन रही हैं तो इलेक्ट्रिक बसें, मेट्रो की रचना भी आज देश में हो रही है. आज गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंच रहा है. आज देश अनेक क्षमताओं को लेकर के आगे बढ़ रहा है. देश आधुनिकता की तरफ आगे बढ़ने के लिए काम कर रहा है. आज देश रीन्यूएबल एनर्जी और ग्रीन हाइड्रोजन के लिए काम कर रहा है. देश की स्पेस में क्षमता बढ़ रही है तो डीप सी मिशन में भी सफलता के साथ आगे चल रहा है.’ पीएम मोदी ने कहा कि युवा शक्ति पर मेरा भरोसा है, युवा शक्ति में सामर्थ्य है और हमारी नीतियां भी उसी युवा सामर्थ्य को और बल देने के लिए हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि ‘इसके साथ ही हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान भी तेजी से बढ़ रहा है. बैंकों से लेकर आंगनबाड़ियों तक, ऐसा कोई मंच नहीं है जिसमें महिलाएं योगदान न दे रही हों. अब मेरा सपना गांवों में 2 करोड़ लखपति दीदी बनाने का है. इसके लिए हमने एक नई योजना शुरू करने का फैसला किया है. जिसमें 15,000 महिला एसएचजी को ड्रोन चलाने और मरम्मत करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. यह ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाएगा और देश के कृषि-तकनीक क्षेत्र को मजबूत करेगा. जन औषधि केन्द्रों ने देश के सीनियर सिटिजन को, देश के मध्यमवर्गीय परिवार को एक नई ताकत दी है. इसकी सफलता को देखते हुए अब देश में 10 हजार जनऔषधि केन्द्र से बढ़ाकर 25 हजार जन औषधि केन्द्र बनाने का लक्ष्य रखा है.’

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