नई दिल्ली। बाढ़, बारिश और भूस्खलन से देश के कई हिस्सों में हर साल तबाही आती है। सैकड़ों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। इस साल भी केरल, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में प्रकृति का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। यह प्राकृतिक आपदाएं लोगों के जेहन में हमेशा के लिए बस जाती हैं। आज बात करेंगे बाढ़ की उन आठ घटनाओं की… जिन्होंने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
2013 में उत्तराखंड के केदानाथ में बादल फटने से जल प्रलय आया था। चौराबाड़ी झील में बादल फटने से बाद बहकर आए भारी मलबे और विशाल पत्थरों ने तबाही मचाई थी। इस भीषण प्राकृतिक आपदा में 4700 तीर्थ यात्रियों के शव मिले थे। वहीं पांच हजार से अधिक लापता थे।
2014 में पुणे के मालिन गांव में पहाड़ दरकने से भारी तबाही आई थी। यहां बाढ़ और भूस्खलन में करीब 151 लोगों की जान गई थी। पहाड़ टूटने की वजह से पूरा गांव ही मलबे में दब गया था। इस हादसे को अब 10 साल हो चुके हैं।
2014 में कश्मीर में बाढ़ ने अपना रौद्र रूप दिखाया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस आपदा में करीब 500 लोगों की जान गई थी। वहीं 10 लाख लोगों को विस्थापित होना पड़ा था। बाढ़ ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भी तबाही मचाई थी। झेलम नदी का पानी श्रीनगर में भर गया था। इसके अलावा नीलम और पूंछ नदियों में भी बाढ़ आई थी।
वायनाड में इस साल भू्स्खलन ने भारी तबाही मचाई। मगर इससे पहले 2018 में भी केरल ऐसी ही विपत्ति का सामना कर चुका है। 2018 में केरल में सदी की सबसे भयानक बाढ़ आई थी। इस बाढ़ में 400 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। करीब दो लाख लोगों को विस्थापन का सामना करना पड़ा था। करीब 14 जिलों में बाढ़ का प्रकोप देखने को मिला था।
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में कुदरत ने एक दिसंबर 2015 को अपना भयावह रूप दिखाया था। दक्षिण भारत का यह शहर भारी बारिश में डूब गया था। चेन्नई में एक दिन में 494 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। यह पिछले एक सदी में हुई सबसे अधिक बारिश थी। बाढ़ में सैकड़ों लोग मारे गए थे।
पूर्वोत्रर के सबसे बड़े राज्य असम में हर साल बाढ़ से तबाही आती है। मगर 2012 की बाढ़ को कोई नहीं भूलता है। 26 जून 2012 को असम में भारी बारिश से प्रदेश के सभी 27 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए थे। बाढ़ में लगभग 120 लोगों की मौत हुई थी। वहीं 22 लाख लोग प्रभावित हुए थे।
26 जुलाई 2005 को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में आई बाढ़ को कौन भूल सकता है? बाढ़ ने पूरे मुंबई में कोहराम मचाया था। बाढ़ में करीब एक हजार लोगों की जान गई थी। बाढ़ से हजारों लोग प्रभावित हुए थे।
इसी साल 30 जुलाई की रात केरल के वायनाड जिले में दो भूस्खलन में चार गांव पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं। अब तक इस आपदा में 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। 200 से अधिक लोग घायल हैं। 74 शवों की पहचान नहीं हो सकी है। अब भी लोगों के शव मलबे में दबे मिल रहे हैं।