बलरामपुर:बलरामपुर जिले में ऑनलाइन ठगी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए बसंतपुर पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। यह गिरोह नकली पुलिस बनकर व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए लोगों को डराता और ठगी करता था। 

कैसे करते थे ठगी?

इस गिरोह के शातिर अपराधी पुलिस की वर्दी में वीडियो कॉल कर खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर लोगों को झूठे रेप केस में फंसाने की धमकी देते थे। इसी तरह बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर निवासी जानकी प्रसाद कुशवाहा से 70 हजार रुपये की ठगी की गई। गिरोह के सदस्य नकली पुलिस अधिकारी बनकर व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए लोगों को डराते थे। ये पहले से तैयार झूठी कहानियों और बच्चों के रोने-चिल्लाने की आवाजों का इस्तेमाल कर लोगों को ठगते थे। आरोपी दूसरे लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल कर पैसे ट्रांसफर करवाते और फिर उन खातों से रकम निकाल लेते थे।

पुलिस ने बताया कि जानकी प्रसाद कुशवाहा, निवासी वाड्रफनगर, ने 02 नवंबर 2024 को थाना बसंतपुर में शिकायत दर्ज कराई थी। उनके अनुसार, एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप वीडियो कॉल आया, जिसमें कॉलर पुलिस की वर्दी में था और खुद को सीबीआई देहरादून का अधिकारी बता रहा था।कॉलर ने पीड़ित को धमकाते हुए कहा कि उनके बेटे पर रेप का झूठा आरोप है और उसे बचाने के लिए 50,000 रुपये देने होंगे। वीडियो कॉल में एक बच्चे के रोने और मारपीट की आवाजें सुनाई गईं, जिससे पीड़ित डर गए और दो बार में 70,000 रुपये आरोपियों के बताए अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। जिसके शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर के निर्देशन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विश्व दीपक त्रिपाठी के मार्गदर्शन में एक विशेष टीम गठित की गई।तकनीकी और मैन्युअल जांच के आधार पर पुलिस टीम उत्तर प्रदेश के बरेली पहुंची, जहां शाकिब खान (गिरोह का सरगना), निवासी गोटिया मोहल्ला, बरेली, यूपीरिफाकत हुसैन, निवासी गोटिया मोहल्ला, बरेली, यूपी रिजवान अहमद, निवासी रहपुरा चौधरी, बरेली, यूपीतीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार आरोपी शाकिब खान और रिफाकत हुसैन के खिलाफ बरेली साइबर पुलिस में भी अलग-अलग ठगी के मामले दर्ज हैं।तीनों आरोपियों को  को न्यायालय में पेश कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया।

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