सीतापुर/रूपेश गुप्ता: इंदिरा गाॅधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, मैनपाट-सीतापुर एवं एकलव्य विश्वविद्यालय, दमोह (म.प्र.) के संयुक्त तत्वाधान में एवं चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय कृषि विपरण संस्थान, जयपुर के वित्तीय सहयोग से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम- “कृषि में उद्यमिता विकास की संभावनाये“ विषय पर 02 जनवरी से 04 जनवरी.2024 तक केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. संदीप शर्मा के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ एकलव्य विश्वविद्यालय, दमोह के कुलपति डाॅ. पवन कुमार जैन के द्वारा किया गया।
इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के अलग-अलग ग्रामों से कुल 60 ग्रामीण युवाओं और स्व-सहायता समुह की माहिलओं ने पंजीयन करवाया। तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वौरान कृषि के क्षेत्र में उद्यमिता विकास की संभावनाओं के बारे में अनेक व्याख्यान कृषि विज्ञानिकों के द्वारा दिया गया। कार्यक्रम समापन के अवसर पर एकलव्य विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. पवन कुमार जैन अतिथि एवं राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, अम्बिकापुर के अधिष्ठता डाॅ. एस.के. सिन्हा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहें । डाॅ. जैन ने प्रशिक्षणर्थीयो को सम्बोधित करते हुए कहा की कृषि के क्षेत्र में कृषक, कृषि उत्पाद का मुल्य संर्वधन एवं प्रंसकरण के क्षेत्र में आपार संभावनाए है।
डाॅ. जैन ने तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र, मैनपाट-सीतापुर की सहाराना किया एवं सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।विशिष्ट अतिथि डाॅ. एस. के. सिन्हा द्वारा प्रषिक्षणार्थी को संबोधित करते हुए कहा की कृषि में नवोन्मेसी तकनिकों का उपयोग कर कृषि लगात को कम करके अधिक लाभ कमाया जा सकता है।
उक्त तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में केन्द्र के वैज्ञानिक प्रदीप कुमार लकड़ा, डाॅ. सी.पी. राहंगडाले, डाॅ. पुष्पेंद्र सिंह, डाॅ. सूरज चन्द्र पंकज, संतोष साहु एवं राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, अम्बिकापुर के वैज्ञानिक डाॅ. रांजित कुमार एवं डाॅ. आरयमा भारती के द्वारा कृषि में उद्यमिता विकास की संभावनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक व्याख्यान दिया।