एसडीएम शशि चौधरी द्वारा कहा जाता है कि मैं चाहे दिन में बुलाउं या रात में 12 बजे तुम लोगों का आना पड़ेगा, मैं जो कहूंगा वो करना पड़ेगा
बलरामपुर।बलरामपुर जिले के राजपुर राजस्व के अंतर्गत सिंगचोरा व ककना के दो महिला पटवारी ने एसडीएम से प्रताड़ित होकर आत्मदाह की चेतावनी देते हुए सात बिंदुओं पर छत्तीसगढ़ महिला आयोग, जिलाध्यक्ष राजस्व पटवारी संघ,मुख्यमंत्री, मानव अधिकार आयोग, आर्थिक अपराध एवं अन्वेषण ब्यूरो, मुख्य सचिव, आयुक्त सरगुजा संभाग, पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज, कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप एसडीएम शशि चौधरी के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए जिले से बाहर हटाने की मांग की है। वही महिला पटवारी ने 50 हज़ार रुपए मांगने का भी आरोप लगाया है।
दो महिला पटवारी ने एसडीएम पर लगाया गंभीर आरोप पढ़िए…?
01. राजपुर राजस्व के ग्राम पंचायत सिंगचोरा हल्का नम्बर 05 की पटवारी बीना भगत व ग्राम पंचायत ककना हल्का नम्बर 27 की पटवारी अनुमति पैकरा ने एसडीएम शशि चौधरी के ऊपर 07 बिंदुओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि एसडीएम शशि चौधरी 11 जुलाई 2022 को पदभार ग्रहण किए एवं पदभार ग्रहण दिवस को ही पहले मीटिंग में ही देर रात्रि तक महिला पटवारियों का भी बैठक लिए एवं पहले बैठक में ही अभद्रता पूर्वक महिला पटवारियों के साथ बर्ताव करते हुए मीटिंग लिया गया।
02. बीना भगत तहसील कार्यालय राजपुर में पटवारी के पद पर पदस्थ है। तहसील राजपुर के राजस्व निरीक्षक मंडल- राजपुर अंतर्गत पटवारी हल्का नंबर- 05 ग्राम सिंगचोरा में माह जून के अंतिम सप्ताह में प्रभार प्राप्त कर पदस्थ थी। एसडीएम शशि चौधरी द्वारा अपने मंशा अनुरूप न्यायालयीन प्रकरणों में अपने व्यक्तिगत हितों की पूर्ति हेतु किसी व्यक्ति विशेष पक्षकार को अनुचित लाभ दिलाने हेतु अपने मंशा अनुरूप गलत प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु बारम्बार दबाव बनाया जा रहा था। एसडीएम शशि चौधरी के मंशानुरूप न्यायालयीन प्रकरणों में प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने पर अपने समीक्षा बैठक में पटवारी के साथ अभद्रता पूर्वक अपशब्दों का प्रयोग करते हुये कार्यालय में संलग्न करने हेतु धमकी दिया गया एवं यह भी कहा गया कि कलेक्टर मेरे इसारे पर काम करते हैं मैं जो चाहूंगा वो कर दूंगा। जिसके कुछ दिवस उपरान्त कार्यालय कलेक्टर (भू-अभिलेख शाखा) बलरामपुर से सर्वे कार्य करने हेतु आदेशित करा दिया गया और सर्वे कार्य हेतु आदेशित सभी राजस्व निरीक्षकों एवं पटवारियों को बुलाकर कहा गया कि तुम लोगों का सर्वे में ड्यूटी लगवा दिया हूँ तुम लोग सर्वे का कार्य करो।
03. एसडीएम शशि चौधरी द्वारा सर्वे कार्य में आने वाले परेशानियों को मौखिक रूप से अवगत कराया गया वर्तमान में बरसात का मौसम है और सभी भूमि पर कृषकों द्वारा-फसल लगा लिया गया है, और फसल खड़ा है, जिससे वर्तमान मे सर्वे कार्य किया जाना संभव नहीं है। साथ ही मुझे तथा सर्वे कार्य हेतु आदेशित राजस्व निरीक्षक एवं अन्य पटवारियों को भी सर्वे का अनुभव नहीं होने के कारण एक अनुभवी अधिकारी- कर्मचारी के मार्गदर्शन में सर्वे का कार्य कराने हेतु निवेदन किया गया। तब एसडीएम शशि चौधरी द्वारा अभद्रता पूर्वक गाली गलौज करते हुए कहा गया कि मैं कुछ नहीं जानता हूं तुम लोग चाहे जैसे काम करना है, वैसे करो मुझे प्रतिदिवस का दैनिक प्रगति रिपोर्ट शाम तक चाहिए। इस प्रकार से प्रताड़ना प्रारम्भ कर दिया गया और पटवारी को व्यक्तिगत रूप से बेवजह प्रताड़ित किया जाने लगा।जब ग्राम में सर्वे के लिये उपस्थित होती थी, तब उसे फोन कर कार्यालय बुलाया जाता था और कहा जाता था कि तत्काल पहुंचो। अन्यथा तुम्हारे विरूद्ध कार्यवाही कर दूंगा। फसल खड़े होने के कारण सर्वे कार्य में समस्या बताने उपरान्त एसडीएम शशि चौधरी द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया एवं समक्ष में जवाब देने हेतु बुलाकर बेवजह भद्दी भद्दी गालियां दिया जा रहा था, तथा निरन्तर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु मानसिक रूप से दबाव बनाया जा रहा था। साथ में यह भी कहकर निरन्तर डराया/धमकाया जा रहा था कि मैं टेक्निकल रूप से बहुत स्ट्रांग हूं। तुम लोग मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हो। मैं तुमलोगों के विरूद्ध डी. जांच बैठा दूंगा, तुमलोगों का नौकरी खा जाउंगा। सर्विस रिकार्ड और सेवा पुस्तिका खराब कर दूंगा। तथा यह भी कहा जाता था कि कलेक्टर साहब मेरे इशारे पर चलते हैं। मैं जैसा बोलता हूं वैसा करो उसी में तुम लोगों का भलाई है। इन सब समस्याओं को अवगत कराने उपरान्त भी शशि चौधरी द्वारा कोई उचित पहल नहीं किए जाने एवं लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने पर मेरे द्वारा कलेक्टर बलरामपुर के नाम पर पत्र लिखकर समक्ष में उपस्थित होकर कलेक्टर बलरामपुर को अवगत कराया गया। सर्वे कार्य हेतु एक अनुभवी अधिकारी- कर्मचारी को आदेशित किया जाए, जिसके मार्गदर्शन में सर्वे का कार्य समय पर पूर्ण किया जा सके। किन्तु कलेक्टर बलरामपुर को अवगत कराने उपरान्त भी आज दिवस तक अनुभवी अधिकारी- कर्मचारी उपलब्ध नहीं कराया गया न ही सर्वे कार्य के संबंध में कोई कार्यशाला के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया गया। वर्तमान में एसडीएम द्वारा निरन्तर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
04. पटवार बीना भगत को महिला कर्मचारी होने के बावजूद तथा उक्त हल्का में पटवारी के पदस्थापना होने के बावजूद तहसील मुख्यालय राजपुर से लगभग 45 किलोमीटर दूर ग्राम तोनी में स्थित धान खरीदी केन्द्र में ड्यूटी लगाया गया है। और लाईव लोकेशन सेन्ड करने हेतु कहा गया है। साथ ही अनुमति पैकरा हल्का 27 ग्राम ककना को भी कार्यालय अटैच करते हुए मुख्यालय ग्राम ककना से लगभग 70 किलो मीटर दूर धान खरीदी केन्द्र तोनी में ड्यूटी लगाया गया है। उक्त दोनों महिला पटवारी हैं, और महिला होने के बावजूद भी इन्हें अत्यन्त दूर ड्यूटी लगाकर प्रताड़ित किया जा रहा है।
05. पटवारी बीना भगत को एसडीएम शशि चौधरी द्वारा न्यायालयीन प्रकरणों के पक्षकारों को पैसे लेन देन हेतु चर्चा करने हेतु कहा जाता है एवं बड़ी रकम उगाही करने हेतु कहा जाता है। तथा पटवारी द्वारा पक्षकारों से चर्चा करने एवं बड़ी रकम लेने देन हेतु मना करने पर पटवारी को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। ऐसे ही अन्य सभी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों- पटवारियों को पक्षकारों से बड़ी रकम उगाही करने हेतु निर्देशित किया जाता है।
06. पटवारी अनुमति पैकरा हल्का 27 ग्राम ककना में पदस्थ होकर अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन कर रही थी। उसी दौरान एसडीएम शशि चौधरी जुलाई माह में राजपुर में अपना एसडीएम के रूप में पदभार ग्रहण करने के तत्काल अनुमति पैकरा को एसडीएम शशि चौधरी द्वारा अपने मंशा अनुरूप न्यायालयीन प्रकरणों में अपने व्यक्तिगत हितों की पूर्ति हेतु किसी व्यक्ति विशेष पक्षकार को अनुचित लाभ दिलाने हेतु अपने मंशा अनुरूप गलत प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु बारम्बार दबाव बनाया जा रहा था, जब शशि चौधरी के मंशानरूप न्यायालयीन प्रकरणों में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया तब शशि चौधरी द्वारा पटवारी अनुमति पैकरा को यह कहकर प्रताड़ित किया जाने लगा कि तुम अम्बिकापुर के नजदीक हल्के में हो, और काम नहीं करते हो। तुमको मेरे अनुसार काम करना पड़ेगा। मैं तुम्हे तोनी भेण्डरी हल्का -01, 02 में भेज दूंगा। फिर तुम वहीं रहना। इस बात को लगातार कह कहकर मानसिक रूप से पटवारी अनुमति पैकरा को लगातार अपने पद का दुरूपयोग करते हुए प्रताड़ित किया जाने लगा। अनुमति पैकरा द्वारा जब निवेदन किया गया कि सर मुझे उतना दूर हल्के में मत भेजिए, यदि हटाना ही है तो आस-पास के किसी भी हल्के में दे दिजिए। मैं एक महिला कर्मचारी हूं और मुझे आने-जाने में एवं दूर ड्यूटी करने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। तब एसडीएम शशि चौधरी द्वारा मौके का फायदा एवं मजबूरी का फायदा उठाते हुए पटवारी अनुमति पैकरा से 50 हजार रूपए का मांग किया गया। तथा अनुमति पैकरा द्वारा 40 हजार रूपए किसी प्रकार से व्यवस्था कर प्रदान किया गया। पटवारी अनुमति पैकरा से अपने पद का दुरूपयोग करते हुए 40 हजार रूपए लिए जाने बावजूद भी लगभग 15 दिवस बाद पुनः पटवारी अनुमति पैकरा को प्रताड़ित करना प्रारम्भ कर दिया गया कि तुम्हें तोनी -भेण्डरी भेज दूंगा। जब पटवारी द्वारा निवेदन किया गया कि सर मेरे द्वारा किसी प्रकार से व्यवस्था कर आपको आपके कहे अनुसार राशि उपलब्ध करा दिया गया है, उसके बावजूद अब तो मत भेजिए, कुछ तो मजबूरी को समझिए तो एसडीएम शशि चौधरी द्वारा अभद्रता पूर्वक भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए नौकरी खा जाने, सीआर. खराब कर देने, डी. चलाने एवं सर्विस बुक लाल स्याही से रंग देने का धमकी दिया गया। जिससे प्रार्थी आहत होकर चुपचाप वापस घर चली गई। तद्पश्चात् कुछ दिवस बाद एसडीएम शशि चौधरी द्वारा समीक्षा बैठक में अभद्रता पूर्वक नाराजगी व्यक्त करते हुए मुझे यह भी कहा गया कि तुम बड़े-बड़े नामी बिल्डर्स के ब्रान्ड एम्बेसडर्स हो जिससे मुझे भरी सभा कक्ष में लज्जित होना पड़ा एवं मेरे मान-सम्मान को क्षति हुआ है।
07. पटवारी अनुमित पैकरा को एसडीएम शशि चौधरी द्वारा उक्त समीक्षा बैठक के दूसरे-तीसरे दिवस पदस्थापना स्थल हल्का -ककना से हटाकर एसडीएम कार्यालय अटैच कर दिया गया। और जब कोई बहाना नहीं मिला तब एसडीएम शशि चौधरी द्वारा तहसीलदार राजपुर मोहनलाल भारद्वाज द्वारा पारित ऑनलाईन नामांतरण आदेश के परिपालन में मेरे द्वारा किए गए अभिलेख दुरूस्त को बिना सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर के अभिलेख दुरूस्त किया जाना बताकर कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया एवं मौखिक रूप से कहा जा रहा है कि तुम बहुत बुरा फंस गई हो। तहसीलदार द्वारा पारित ऑनलाईन नामांतरण आदेश में तहसीलदार का हस्ताक्षर नहीं है, उसके बावजूद तुम कैसे नामांतरण का अभिलेख दुरुस्त कर दिए। मैं डी. बैठाउंगा और तुम्हारा नौकरी खा जाउंगा। जबकि वास्तविकता यह है कि तहसीलदार मोहन भारद्वाज द्वारा बगैर हस्ताक्षर किए ही ऑनलाईन भुईंया आई-डी में आदेश अपलोड किया गया था। जब मेरे द्वारा उक्त नामांतरण आदेश पूर्ण होने उपरान्त अपने पटवारी आई डी में देखा गया तो अभिलेख दुरूस्तगी हेतु उक्त नामांतरण उपलब्ध हो गया था। जिसके बाद पटवारी आई-डी में अभिलेख दुरूस्तगी हेतु उपलब्ध होने के कारण मेरे द्वारा अभिलेख दुरूस्त कर दिया गया। इतना ही नहीं इसके बाद पटवारी बीना भगत के साथ पटवारी अनुमति पैकरा को भी धान खरीदी केन्द्र जो तहसील मुख्यालय राजपुर से लगभग 45 किलोमीटर तथा ग्राम ककना मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहां ड्यूटी लगा दिया गया है। साथ ही अन्य महिला कर्मचारियों, पटवारियों को भी एसडीएम शशि चौधरी द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। इस प्रकार एसडीएम शशि चौधरी द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुये अपने अधीनस्थ महिला कर्मचारियों को मानसिक रूप से लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। एसडीएम शशि चौधरी का व्यवहार महिलाओं के प्रति अच्छा नहीं है तथा महिला कर्मचारियों के प्रताड़ता पर अंकुश लगाया जाना अति आवश्यक है। एसडीएम शशि चौधरी द्वारा यह भी कहा जाता है कि मैं चाहे दिन में बुलाउं या फिर रात में 12 बजे ही क्यों न बुलाउं तुम लोगों का आना पड़ेगा, और मैं जो कहूंगा वो करना पड़ेगा। अन्यथा नौकरी छोड़ दो एसडीएम शशि चौधरी द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुये महिलाओं के प्रति हैवानियत भरे कृत्य से अनुमति पैकरा पटवारी तहसील राजपुर मानसिक रूप से बहुत प्रताड़ित हो चुकी हूं एवं एसडीएम शशि चौधरी के विरूद्ध यथाशीघ्र उचित कार्यवाही नहीं किए जाने पर एसडीएम. कार्यालय राजपुर के सामने आत्मदाह करने हेतु मजबूर हूं।एसडीएम शशि चौधरी द्वारा महिला प्रार्थीगण के विरूद्ध किए जा रहे अत्याचार एवं प्रताड़ना से तत्काल मुक्त कराए जाने हेतु एसडीएम शशि चौधरी का स्थानान्तरण जिले से बाहर करते हुए एसडीएम शशि चौधरी के कृत्यों का पर्दाफाश करने हेतु उच्चस्तरीय विशेष जांच दल गठित कर जांच कराए जाने की मांग की है।
एसडीएम ने कहा कि दोनों महिला पटवारी के विरुद्ध विभागीय जांच चल रही है। इसी को लेकर शिकायत की गई हैं। महिला पटवारी के द्वारा लगाए गए आरोप निराधार व ग़लत है।