कोरिया: विशेष केंद्रीय सहायता आदिवासी उपयोजना के क्रियान्वयन हेतु जारी नवीन विस्तृत दिशा निर्देशानुसार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा विद्यमान योजना को परिवर्तित कर जनजातीय बाहुल्य ग्रामों के महत्वपूर्ण योजना प्रारम्भ की गई है। जिस हेतु मंगलवार को जिला कलेक्टोरेट सभाकक्ष में कलेक्टर कुलदीप शर्मा की अध्यक्षता में बैठक आहूत की गई। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि योजना के तहत जनजातीय आदर्श ग्राम विकसित करने में सभी जनपद सीईओ की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। ग्रामों में कुआं व डबरी निर्माण, आंगनबाड़ी भवन, स्कूलों, प्रसव कक्ष निर्माण में सभी बेहतर व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को सभी स्कूलों को स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के तर्ज पर सर्वसुविधायुक्त बनाए जाने के निर्देश दिए। बैठक में श्री शर्मा ने आदर्श ग्रामों में सिंचाई व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, भूमि समतलीकरण, शौचालय जैसी आधारभूत एवं मूलभूत आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान देते हुए सभी व्यवस्थाएं सुदृढ किए जाने के निर्देश दिए हैं।
जिले के 28 ग्राम बनेंगे आदर्श जनजातीय ग्राम-
जिले में योजनांतर्गत 169 ग्रामों में से 28 ग्रामों को चिन्हांकित किया गया है। जिसमें विकासखण्ड भरतपुर के छिरहाटोला, डोंगरिटोला, उडाकि, करवा, डुढासी, कमर्जी, विकासखण्ड बैकुण्ठपुर के चरचा, रटगा, चिल्का, पुटाडांड, फूलपुर, विकासखण्ड सोनहत के अकलासराई, विकासखण्ड मनेन्द्रगढ़ के हस्तिनापुर, मुक्तियारपारा, बड़कापारा, भौता, बिहारपुर, डोमनपारा, विकासखण्ड खड़गवां के गणेशपुर, तमडांड, सैन्दा, धनपुर, कोतेया, मेन्ड्रा, जाधारी, भुकभुकी, करवा, मगौरा शामिल है।