सूरजपुर:  शासकीय रेवती रमण मिश्रा स्नातकोत्तर महाविद्यालय सूरजपुर तथा शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय सूरजपुर के संयुक्त तत्वावधान में ’’जनजातीय समाज का ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान’’ विषय पर कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में किरण केराम, मुख्य वक्ता के रूप में  राम लखन पैकरा, विशिष्ट अतिथि के रूप में  संत सिंह, अजय इंगोले, शांति सिंह तथा  किरण खेस ने सारगर्भित विचार प्रकट किए। कार्यक्रम की शुरुआत राजकीय गीत तथा जनजातीय  विभूतियों के छायाचित्र में माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इस कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन देते हुए संस्था के प्राचार्य डॉक्टर एच एन दुबे ने जनजातीय समाज के ऐतिहासिक योगदान विषय पर व्यापक प्रकाश डाला। इसके उपरांत मुख्य वक्ता  राम लखन पैकरा तथा  अजय इंगोले जी ने जनजाति समाज के ऐतिहासिक, सामाजिक, आध्यात्मिक तथा आर्थिक योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। इतिहास में दर्ज जनजातीय समाज के अनेक वीर पुरुषों के देशभक्ति, त्याग, बलिदान, समर्पण के उच्च मानवीय गुणों को आत्मसात करने के लिए छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया। इस मौके पर विद्यार्थियों ने जनजाति समाज में प्रचलित कर्मा नृत्य एवं सुआ नृत्य का मनमोहक मंचन किया । साथ ही विद्यार्थियों द्वारा जनजाति समाज में प्रचलित विभिन्न प्रकार के व्यंजन जैसे फरा, तीखुर, गुलगुला ,भजिया, खुरमी का स्टाल के माध्यम से प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने प्रतिभागी विद्यार्थियों को पुरस्कृत करके उनका प्रोत्साहन किया। कार्यक्रम का सफल  संचालन डॉक्टर रश्मि पांडे ने किया। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष यशवंत सिंह ने उपस्थित विद्यार्थियों को आदिवासी समाज के वीर नायकों के गुणों को अनुकरण करने के लिए प्रेरित करते हुए आभार प्रदर्शन किया। राष्ट्रगान के गायन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

इस मौके पर शासकीय कन्या महाविद्यालय सूरजपुर के प्राचार्य बृजलाल साहू एवं दोनों महाविद्यालय के प्राध्यापक प्रतिभा कश्यप, डॉ अखिलेश द्विवेदी, डॉ विकेश झा, टी आर राहंगडाले , डॉ विनोद कुमार साहू, दीपचंद एक्का, अनिल चक्रधारी ,रोहित सेठ, पुनीत गुप्ता तथा कार्यक्रम के संयोजक द्वय आनंद कुमार पैकरा एवं दिग्विजय सिंह ,सह संयोजक द्वय डॉक्टर सलीम किस्पोट्टा तथा सुश्री पूजांजली भगत सहित  समस्त अधिकारी , कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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