कोरबा। होली के त्यौहार के दौरान वन विभाग वनों को आग से बचाने के लिये रात -रात भर ज‌द्दोजहद करता नजर आया क्योंकि पूरी आशंका होती है कि शिकार के लिये अथवा तेंदूपत्ता के लिये वन अधिकारियों को त्यौहार के मद्देनजर अनुपस्थित पाकर आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों द्वारा आग लगाई जायेगी।

इसी को ध्यान में रखते हुए 24 मार्च को वनमंडलाधिकारी कोरबा अरविंद के निर्देश पर वनमंडल के क्षेत्रीय वन अधिकारी लगातार गश्त पर थे।  इसी दौरान परिसर वन अधिकारी  गीता नेताम वन परिक्षेत्र करतला सूचना मिली कि लबेद ग्राम से लगे जंगल कक्ष क्र 1168 में पहाड़ पर आग लगी है। गीता नेताम ने अपने वरिष्ठ वन अधिकारियों को सूचित करते अपने सभी साथियों को एवं फायर वाचर्स को साथ लेकर स्वयं आग बुझाने के लिये रात्रि में ही लगभग 7.30 बजे पहुँच गयी। इघर सूचना पाकर वन परिक्षेत्र अधिकारी राजेश चौहान ने शासकीय वाहन से सभी फायर वाचर्स को एकत्र कर लाने के लिये अपने ड्राईवर को भेज कर मौके पर पहुँच गये। ग्राम चीताखोल में जहाँ पहाड़ के नीचे आग लगाने वालों को घेराबंदी करना था जो कि आग लगा कर पहाड़ से टार्च की रोशनी पर नीचे उत्तर रहे थे। उधर फायर वाचर्स जंगल की आग बुझाने के लिये जंगल में घुस गये। वन विभाग की गतिविधि को समझते हुए संदिग्ध लोग वन क्षेत्र से भागने लगे। वन परिक्षेत्र अधिकारी एवं स्टाफ ने भागते हुए दो संदिग्धों को पकड़ा।उनके थैलों की जाँच की गई तो जंगली सुअर का मांस लगभग आधा किलो, एक ताजा काटा गया कान तथा जंगली सुअर का थूथन बरामद किया गया। वनमंडलाधिकारी अरविंद पी.एम. के दिशानिर्देशन में फायर वाचर्स ने भी अपना काम किया तथा आग पर काबू पाया।

इस सफलता में वन परिक्षेत्र करतला राजेश चौहान के साथ वृत्त वन अधिकारी बरपाली बिरेश कुमार शुक्ला, वन अधिकारी  गीता नेताम, चंद्रशेखर सिंह कंवर, हरिनारायण बंजारे, कपिल कुमार कंवर, विजयेंद्र सिंह नेटी, विष्णु प्रसाद साहू, जगदीश खूंटे एवं सुकलाल सिंह कंवर के साथ सभी फायर वाचर्स का विशेष योगदान रहा। पकड़े गए संदिग्धों की सूचना पर आगे की कार्यवाही की जा रही है।

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