नई दिल्ली। कोर्स पूरा होने के बाद भी डिग्री, मार्कशीट और सर्टिफिकेट देने में देरी करने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नाखुशी जताई है। साथ ही इन सभी संस्थानों को यूजीसी रेगुलेशन की याद भी दिलाई है, जिसके तहत कोर्स के पूरा होने के 180 दिन के भीतर ही डिग्री देना जरूरी है। फिलहाल यूजीसी ने ऐसे सभी संस्थानों से छात्रों के हितों को देखते हुए उन्हें तत्काल एक प्रोविजनल डिग्री मुहैया कराने की सलाह दी है।

यूजीसी ने इस दौरान सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को चेताते हुए कहा कि यदि वह डिग्री देने के लिए तय की गई समय सीमा का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। यूजीसी ने यह कदम उस समय उठाया है, जब छात्रों की ओर से उन्हें इस संबंध में ढेरों शिकायत मिल रही हैं। जिसमें संस्थानों ने अलग कोर्सो में छात्रों को दाखिला तो दिया था। जिसकी परीक्षा भी हो गई, लेकिन उन्हें इसकी डिग्री देने में देरी की जा रही है।

छात्रों ने यूजीसी को भेजी अपनी शिकायत में कहा है कि डिग्री मिलने में देरी के चलते वह किसी भी दूसरे कोर्स में न तो दाखिला ले पा रहे है न ही नौकरी के लिए कहीं आवेदन कर पा रहे हैं। फिलहाल यूजीसी ने छात्रों की शिकायतों को गंभीरता से लिया है।


यूजीसी सचिव रजनीश जैन ने इस संबंध में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कालेजों के प्राचार्यों को सख्त पत्र लिखा है। जिसमें छात्रों की शिकायतों का भी जिक्र करते हुए कहा कि संस्थानों का यह रवैया ठीक नहीं है। यूजीसी रेगुलेशन के तहत किसी भी कोर्स के पूरा होने के 180 दिन के भीतर डिग्री अवार्ड कर दी जानी चाहिए। यूजीसी का कहना है कि छात्रों की ओर से इस संबंध में मिली सभी शिकायतों की वस्तुस्थिति की जानकारी भी ली जा रही है। जरूरी हुआ, तो वह ऐसे संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई भी करेंगे।

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