कोरिया: महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य और पोषण को प्राथमिकता देते हुए जिले में एनीमिया मुक्त कोरिया अभियान चलाया जा रहा है। कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा के मार्गदर्शन में शुरू किए गए इस अभियान के तहत गर्भवती, शिशुवती महिलाओं और किशोरियों के हीमोग्लोबिन की जांच की जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य जिले में मातृ मृत्यु दर को कम करना है। गर्भावस्था के दौरान खून की कमी, प्रसव के पश्चात अधिक रक्त स्त्राव मातृ मृत्यु के प्रमुख कारण है। जब शरीर में आरबीसी की मात्रा कम होने लगती है, तो शरीर में ऑक्सीजन भी घटने लगती है और नया खून बनना बाधित हो जाता है। इसी समस्या को खून की कमी या एनीमिया या रक्ताल्पता भी कहा जाता है।

कलेक्टर श्री शर्मा ने मंगलवार को साप्ताहिक समयसीमा की बठक में एनीमिया मुक्त कोरिया अभियान की समीक्षा की। उन्होंने स्वास्थ्य एवं महिला व बाल विकास विभाग को आपसी समन्वय के साथ अभियान को सफल बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने महिला व बाल विकास विभाग अधिकारी को महिलाओं और किशोरियों के हीमोग्लोबिन सुधार के लिए पोषण आहार की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। अभियान में अब तक 45 हजार 363 महिलाओं की हीमोग्लोबिन जाँच की गई।

विकासखण्ड बैकुण्ठपुर में 10 हजार 135 महिलाओं, विकासखण्ड भरतपुर में 6 हजार 702, विकासखण्ड खड़गवां में 9 हजार 706, विकासखण्ड मनेन्द्रगढ़ में 11 हजार 621, विकासखण्ड सोनहत में 4 हजार 33 एवं चिरमिरी में 3 हजार 166 महिलाओं की जांच की गई है। यह अभियान लगातार जारी है। हीमोग्लोबिन जांच के साथ ही गंभीर रूप से हीमोग्लोबिन की कमी पाए जाने पर निःशुल्क चिकित्सकीय सुविधा देते हुए महिलाओं को आईवी आयरन सुक्रोस के डोज़ भी स्वास्थ्य केंद्रों में दिए जा रहे हैं।

इस अभियान में जिले के स्वास्थ्य संस्थाओं, आंगनबाड़ी केंद्रों तथा विद्यालयों में जाकर समस्त गर्भवती व शिशुवती माताओं एवं 15 से 18 वर्ष की किशोरी बालिकाओं की हीमोग्लोबिन जांच की जा रही है। अब तक जांच में 157 महिलाओं में 7 ग्राम से कम हीमोग्लोबिन पाया गया, वहीं 3 हजार 595 महिलाओं में 7 से 9 ग्राम के मध्य एवं 29 हजार 427 महिलाओं में 9 से 10.9 ग्राम तक पाया गया। जरूरतमंद 11 हजार 350 महिलाओं को आयरन एवं फोलिक ऐसिड की दवाइयां सहित 118 महिलाओं को आयरन सुक्रोज दिया जा रहा है।

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