कोरिया: कलेक्टर कुलदीप शर्मा की अध्यक्षता में जिला कलेक्टोरेट स्थित मंथन सभाकक्ष में आज महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति, जिला बाल संरक्षण समिति, सखी वन स्टॉप सेंटर के जिला स्तरीय समिति एवं उज्ज्वला संचालन अनुश्रवण समितियों की संयुक्त समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में विगत समीक्षा बैठक में लिए गए निर्णयों के पालन प्रतिवेदन के विषय में जानकारी ली गई। महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी अभिलाषा बेहार ने जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक में जिले में बाल श्रमिकों, अपशिष्ट संग्राहकों एवं भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के रेस्क्यू एवं पुनर्वास हेतु चलाए जा रहे अभियान के विषय मे चर्चा करते हुए बताया कि इस अवस्था मे बच्चे पाए जाने पर सीधे महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम से सम्पर्क किया जा सकता है, इसके लिए चाइल्ड हेल्पलाईन नम्बर 1098 है। इस दौरान चाइल्ड स्ट्रीट सिचुएशन वाले बच्चों का चिन्हांकन किए जाने पर चर्चा करते हुए बताया गया कि अब तक जिले में ऐसे 09 बच्चों का चिन्हांकन कर उनके संरक्षण, शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण सुविधाओं की व्यवस्था करने हेतु अभियान चलाया जा रहा है। जिला स्तरीय टास्कफोर्स समिति की बैठक में शिक्षा विभाग द्वारा शालाओं एवं कॉलेजों में लीगल साक्षरता क्लास और लीगल ऐड क्लिनिक की स्थापना किए जाने, सामुदायिक पुलिस, पुलिस मित्र, बाल मित्र, महिला मित्र जैसे सामुदायिक अवधारणा का विकास कर सूचना तंत्र का विकास करने, किशोर न्याय बोर्ड, पीडित क्षतिपूर्ति योजना के प्रचार-प्रसार पर चर्चा की गई। थाना स्तर पर गुमशुदा बालकों की पतासाजी किए जाने हेतु गुम इंसान सेल का निर्माण जिले के प्रत्येक थानों में किए जाने के विषय मे भी चर्चा की गई।
बैठक में सखी वन स्टॉप सेंटर के प्रकरणों की अद्यतन स्थिति, प्रचार-प्रसार की गतिविधि, भवन निर्माण हेतु जमीन चिन्हांकन, सीडब्ल्यू से आए नाबालिक बालिकाओं के आश्रय एवं सेंटर में महिला आरक्षकों की नियुक्ति आदि विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि अप्रैल 2017 से अब तक सेंटर में महिलाओं से सम्बंधित आए 1 हजार 277 प्रकरणों में से 1 हजार 236 का निराकरण किया जा चुका है। उज्ज्वला होम अनुश्रवण समिति की समीक्षा बैठक में पालन प्रतिवेदन में उज्जवला होम में प्राप्त प्रकरणों, उज्ज्वला होम में निवासरत हितग्राहियों के आधार कार्ड के सम्बंध में चर्चा, आश्रय प्राप्त विक्षिप्त महिलाओं को मनोचिकित्सालय सेंदरी बिलासपुर रेफर कराने आदि के संबंध में चर्चा की गई।