डेस्क: देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा डेली ट्रांजैक्शन के लिए यूपीआई का इस्तेमाल करता है। यूपीआई के जरिए अब न सिर्फ दुकानों पर पेमेंट की जा सकती है, बल्कि कई जरूरी काम भी आसानी से निपटाए जा सकते हैं। देश की दूसरी सबसे बड़ी यूपीआई पेमेंट कंपनी गूगल पे कई सर्विस के लिए यूजर्स से कन्वीनियंस फीस वसूल रही है। लेकिन ऐसा देखने को मिला है कि गूगल पे के ज्यादातर यूजर्स अलग-अलग सर्विस के लिए वसूले जा रहे कन्वीनियंस फीस को लेकर अनजान हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल पे ने अपने यूजर्स से उन सेवाओं के लिए फीस वसूली है, जो पहले बिल्कुल फ्री थीं।

इन सेवाओं के लिए अलग से देने होंगे पैसे

रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल पे ने यूजर्स से बिजली का बिल, गैस का बिल जैसी पेमेंट के लिए कन्वीनियंस फीस वसूला है। हालांकि, ये वसूली तब की गई है जब यूजर ने क्रेडिट कार्ड से इन बिल का पेमेंट किया है। क्रेडिट या डेबिट कार्ड से बिजली और गैस का बिल भरने वाले यूजर्स से अब फीस लिया जा रहा है। बताते चलें कि यूपीआई पेमेंट कंपनियां मोबाइल रिचार्ज के लिए पहले से ही फीस वसूल रही हैं। गूगल पे के अलावा फोनपे और पेटीएम भी ग्राहकों से फीस ले रही हैं। ये फीस ट्रांजैक्शन वैल्यू का 0.5% से 1% तक हो सकता है। इतना ही नहीं, इस सेवाओं के लिए जीएसटी भी चुकाना पड़ रहा है।

कार्ड से पेमेंट करने पर ही देनी होगी फीस

गूगल पे कई तरह के बिल पेमेंट की सुविधा देता है। हालांकि, इस प्लेटफॉर्म पर कई पेमेंट के लिए कार्ड से पेमेंट करने का ऑप्शन नहीं मिलता है। अगर गूगल पे यूजर अपने क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के जरिए बिल का पेमेंट करते हैं तो उन्हें फीस का भी भुगतान करना होगा। हालांकि, अगर वे डायरेक्ट यूपीआई लिंक्ड बैंक खाते से पेमेंट करते हैं तो उन्हें फीस नहीं देनी होगी। बताते चलें कि भारत में यूपीआई सेवाएं देने वाली प्रमुख कंपनियों की लिस्ट में फोनपे पहले स्थान पर है, जिसके बाद कुल 47.8 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है। गूगल पे 37 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर है।

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