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मनरेगा में राजस्व जमीन पर काम कराने सोशल आडिट का है प्रावधान


स्टापडेम, तालाब, फेंसिंग पौधरोपण, मृदा संरक्षण के कराए जाते हैं काम, लोगों को पता न चले इसलिए ही पंचायतों को सूचना नहीं देते


40 लाख का तालाब बन रहा 5 लाख में, तालाब में मजदूरों के हक पर चल रही जेसीबी


कुसमी और शंकरगढ़ में वन विभाग द्वारा कैंपा योजना के तहत 40 लाख की लागत से ग्राम धनेशपुर  के छुराकोना और जारगिम के जुड़वानी में बनाया जा रहा तालाब, ग्रामीणों को पता नहीं


बलरामपुर।
बलरामपुर जिले के विकासखंडों में कैंपा मद से करोड़ों के कार्य कराए जाते हैं। हर साल 80 से 100 करोड़ के काम मंजूर होते हैं, लेकिन वन विभाग के अधिकारी सोशल आडिट ही नहीं कराते। मनरेगा की तरह कैंपा मद से राजस्व जमीन पर काम कराने पर सोशल आडिट का प्रावधान है। इसके लिए पंचायतों में समिति बनाने के साथ ही योजना की जानकारी देने का प्रावधान है। कैंपा (वनारोपण निधि प्रबंधन व योजना प्राधिकरण) के तहत क्षतिपूरक वनीकरण, जलग्रहण प्रबंधन क्षेत्र का उपचार, वन्य जीव प्रबंधन, वनों में आग लगने से रोकने के उपाय, वन में मृदा व आर्द्रता संरक्षण के कार्य कराए जाते हैं। इसके तहत नालों में स्टापडेम, बोल्डर चेक डेम, तालाब का निर्माण, पौधरोपण, फेंसिंग समेत अन्य कार्य होते हैं। जिले के विकासखंडों में करीब 80 से 100 करोड़ से स्टापडेम व बांध का निर्माण कराया जा रहा है। जिसका काम अधूरा है लेकिन एक भी स्थान पर सूचना पटल ही नहीं लगाया गया है। गांव में सीसी रोड, तालाब में भी कोई सूचना पटल और गांव में मजदूरी भुगतान को लेकर कोई सूचना बोर्ड नहीं बनाया गया है।

सोशल आडिट कराने का यह है प्रावधान


ग्राम सभा की बैठक लेकर जानकारी देना व 3 सदस्यों का चयन

कार्य की लागत, मापदंड, मजदूरी भुगतान की दर पढ़कर सुनाना

मजदूरी भुगतान की जानकारी महत्वपूर्ण स्थलों पर चस्पा करना

मजदूरों का नाम व भुगतान ग्राम सभा में पढ़कर सुनाना

पूर्ण किए गए कार्यों की मात्रा व मानकों का परीक्षण कराना

सरपंच ग्रामसभा लेकर मूल्यांकन प्रतिवेदन डीएफओ को प्रस्तुत करें

परियोजना के लिए प्रोजेक्ट अधिकारी की नियुक्ति डीएफओ करेंगे, डिप्टी रेंजर या परिसर रक्षक के साथ ही अलग से अधिकारी भी हो सकता है।

सोशल आडिट कराते तो नहीं होती शिकायत जिले के प्रतिनिधियों ने निर्माण कार्यों को लेकर मुद्दा उठा चुके हैं। कुछ कार्यों की जांच भी चल रही है। अगर सोशल आडिट होती तो शिकायत की नौबत ही नहीं आती। ग्रामीणों को कोई जानकारी नहीं दी जाती। यही नहीं पंचायतों को भी इस संबंध में जानकारी नहीं होती है।


40 लाख का तालाब बन रहा 5 लाख में, तालाब में मजदूरों के हक पर चल रही जेसीबी

बलरामपुर जिले सहित कुसमी और शंकरगढ़ वन परिक्षेत्र अंतर्गत विभाग ने कैंपा योजना तहत तालाब निर्माण का कार्य मजदूरों से ना कराकर जेसीबी मशीन से कराया जा रहा है। तालाब निर्माण में भारी अनियमितता बरती जा रही है। विभाग द्वारा कार्यस्थल पर सूचना पटल भी नहीं लगाया गया है। इससे ग्रामीणों को तालाब की लागत, योजना का कार्य और तालाब की लंबाई, चौड़ाई एवं गहराई कितनी है, इसकी जानकारी नहीं मिल पा रही है। 40 लाख का तालाब बन रहा है 5 लाख रुपए में जिम्मेदार विभाग बेपरवाह घोटाला कराने में लगें हुए हैं। निर्माण कार्य स्थल पर 15 जेसीबी मशीन व 12 ट्रैक्टर लगाया गया है।

कुसमी के ग्राम धनेशपुर के छुराकोना और शंकरगढ़ के ग्राम पंचायत जारगिम के जुड़वानी में 40- 40 लाख के लागत से तालाब बनाया जा रहा है, ग्रामीणों को पता नहीं

वन विभाग द्वारा कुसमी के ग्राम धनेशपुर के छुराकोना और शंकरगढ़ के ग्राम पंचायत जारगिम के जुड़वानी में 40- 40 लाख के लागत से तालाब बनाया जा रहा है ग्रामीणों को पता नहीं। तालाब निर्माण में विभाग मजदूरों को रोजगार न देकर जेसीबी मशीनों से निर्माण कार्य धड़ल्ले से करवाया जा रहा है। विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों को अंधेरे में रखकर उन्हें काम नहीं दिया गया है। लाखों रूपए की लागत से तालाब निर्माण कार्य में भी नियमों और गाइडलाइन की भी जमकर अनदेखी की जा रही है। जबकि एक तरफ जहां शासन- प्रशासन कोरोना की तीसरी लहर में मजदूरों को उनके ही गांव में ज़्यादा से ज़्यादा काम देने का दावा कर रही है। वहीं दूसरी ओर विकासखंड में तालाबों का निर्माण जेसीबी मशीन के जरिए कराया गरीब व मजदूरो का हक छिना जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि मशीनों से कार्य होने के कारण उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है। उन्हें काम के संबंध में जानकारी भी नहीं दी जा रही है। 

सीधी बात
विजय भूषण केरकेट्टा, एसडीओ

सवाल – ​​​​कैंपा मद से राजस्व क्षेत्र में काम कराने पर सोशल आडिट का प्रावधान है। लेकिन कहीं भी नहीं कराया जा रहा है।

– मुझे इसकी जानकारी नहीं है, अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो कार्रवाई की जाएगी।

सवाल – ​​​​कार्यों की लागत के साथ ही मजदूरी भुगतान की जानकारी देने सूचना पटल भी नहीं लगाए जाते।

– मुझे इसकी जानकारी नही है, सूचना पटल लगाना जरुरी है। सवाल – कुसमी और शंकरगढ़ क्षेत्र में कैंपा मद से तालाब निर्माण में मजदूरों के स्थान पर चल रही जेसीबी।

– मौके पर जाकर खुद निरीक्षण करूंगा ग़लत पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी।

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