बलरामपुर। बलरामपुर जिले के राजपुर महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर ओकरा कोठी पत्थल सहित आसपास के शिव मंदिरों में हर-हर महादेव की गुंज के साथ महाशिवरात्रि होत्सव का आयोजन किया जाएगा। रविवार को कलश यात्रा ओकरा गेउर नदी से ओकरा गांव होते हुए ओम्कारेश्वर शिव मंदिर पहुंची कलश यात्रा में सैकड़ों बालिकाएं, महिलाएं सिर पर कलश यात्रा धारण किए हुए चल रही थी।
राजपुर से तीन किलोमीटर दूर ग्राम ओकरा कोठी पत्थल एक पीपल के विशाल पेड़ के नीचे शिव मंदिर है यहां जमीन से एक-एक कर दर्जनों शिवलिंग निकले है। बगल में बेल का पेड़ व गेउर नदी लगा हुआ है समिति के द्वारा शिव मंदिर के साथ मां पार्वती मंदिर भी बनाया गया है। प्रत्येक महाशिवरात्रि पर अखण्ड, रामायण पाठ, भजन, कीतर्न के साथ पंडित के द्वारा मंत्रोचार के साथ पूजापाठ सम्पन कराया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन सुबह से ही मंदिर प्रांगण में भक्तो का तांता लगा रहता है। समिति के द्वारा भव्य भंडारे का व्यवस्था किया जाता है।महाशिवरात्रि के दिन एक मेला जैसा माहौल निर्मित हो जाता है।
इस महाशिवरात्रि महोत्सव पर 27 फरवरी कलश यात्रा, 28 फरवरी अखण्ड कीर्तन, दोपहर 1 बजे से 24 घंटे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे, हरे कृष्णा, हरे कृष्णा कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे रामजीवन गुप्ता, गणेश मोड़ मण्डली व पुजारी पंकज मिश्रा के द्वारा किया जाएगा। सम्पूर्ण रामचरित मानस पाठ 1 बजे से 24 घण्टे, रुद्राभिषेक, 1 मार्च को जगराता शाम 6 बजे से रात्रि 8 बजे तक। वही अखण्ड भण्डारा सुबह से शाम तक ओम्कारेश्वर मंदिर कोठी पत्थल में आयोजन किया जाएगा।
ओकरा कोठी पत्थल में विशाल शिवलिंग निकले है
राजपुर के ओकरा कोठी पत्थल शिव मंदिर में करीब 40 सालों से पूजापाठ की जा रही है। यहां एक पीपल पेड़ के नीचे शिवलिंग जमीन से निकले वही मंदिर बनाकर ग्रामवासी पूजापाठ करना चालू कर दिए। इसके बाद एक-एक कर दर्जनों शिवलिगं जमीन से निकल कर बाहर आ गए आसपास क्षेत्रों में प्रचार हो गया उसके बाद महाशिवरात्रि पे महामेला लगना चालू हो गया। महामेला में राजपुर सहित आसपास के श्रद्धालुगण पहुच कर भक्ति- भाव के साथ पूजा अर्चना करते है।
ओकरा कोठी पत्थल को पुरातत्व को ले लेना चाहिए
ओकरा कोठी पत्थल जितना प्रचलित हुआ उतना विकास नही हो पाया राजनितिक प्रभाव सत्ताधारी व्यक्ति भी मन्दिर के लिए सहयोग नही किए। राजपुर नगर के जनता व गांव के ग्रामीण अपने- अपने सहयोग से कुछ चंदा कर मौके पर प्रतीक्षालय का निर्माण कराया है। अगर मन्दिर को पुरातत्व अपने कब्ज़े में लेले तो मंदिर का विकास हो जायेगा आने वाला समय मे एक पर्यटन,तीर्थस्थल के नाम से जाना जाएगा।
जनसहयोग से भंडारे का आयोजन होता है
ओकरा कोठी पत्थल शिव मंदिर के समिति के द्वारा घूम- घूम कर चंदा सहयोग कर महाशिवरात्रि पर भव्य भंडारे का आयोजन किया जाता है नगर सहित आसपास के भक्तगण पहुचकर भंडारा प्रसाद ग्रहण करते है।
कलश यात्रा के दौरान महेंद्र अग्रवाल, देव शरण राम, मनोज बंसल, दसरू राम, ओमप्रकाश, विजय गुप्ता, भोला राम, प्रमोद ठाकुर, सतीश जायसवाल, दशरथ दास, प्रेम साय आदि महिलाएं- बालिकाएं उपस्थित थे।