अंबिकापुर: सरगुजा संभाग का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय संत गहिरा गुरु एक बार फिर सुर्खियों  में आ गया है विश्वविद्यालय में कई सालो से पदस्थ कुल सचिव विनोद एक्का का तबादला आदेश आने के बाद छुट्टी के दिन रविवार को विश्वविद्यालय पहुंचे।और विश्वविद्यालय जाके काम करने लगे।आदेश आने के बाद छुट्टी के दिन रविवार को विश्वविद्यालय पहुंच गए।जैसे ही इसके बारे में बाकी अधिकारियो को पता चला तो वहा हडकंप मच गया।कुल सचिव विनोद एक्का का ट्रान्सफर होने के बाद भी विश्वविद्यालय जाने से उनके उपर फाइलों में छेड़ छाड़ करने का आरोप  लगा है।उनपे आरोप है की कुल सचिव विश्वविद्यालय के फाइलों को घर ले जाना चाहते थे।

राज्य सरकार ने शिकायतों के बाद संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के कुलसचिव विनोद एक्का को हटाते हुए उनका तबादला रायपुर कर दिया है। आचार संहिता के ठीक पहले आदेश जारी होने के बाद आज रविवार को अवकाश के दिन कुलसचिव विश्वविद्यालय पहुंच गए और अपने कक्ष में फाइलों को खंगालने लगे। इसे लेकर हंगामे की स्थिति बन गई।विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारियों ने स्थानांतरित कुलसचिव के कार्यालय आकर फाइलों को देखने और उनमें हेर-फेर करने का प्रयास करने की जानकारी मिलने के बाद कुलपति भी भागे-भागे विश्वविद्यालय पहुंच गए। कुलसचिव ने महत्वपूर्ण फाइलों को देखने की बात स्वीकार की।

दरअसल आपको बता दे कि  विनोद एक्का  पिछले आठ वर्षो से  कुलसचिव के पद पर जमे हुए थे। उनके खिलाफ  भर्ती में मनमानी के साथ कई शिकायत थी लेकिन उनको नही  हटाया गया था। राज्य शासन ने आदेश जारी कर उन्हें रायपुर  तबादला कर दिया  है।कुलसचिव विनोद के खिलाफ 13 मार्च को भाजपा पार्षद आलोक दुबे ने उच्चशिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से करते हुए दीक्षांत समारोह में टेंट और सामाग्रियों की खरीदी में लाखों का घोटाला करने, भोपाल की संस्था एमआईसीएस को वर्षों से परीक्षा, गोपनीय कार्य का ठेका देकर करोड़ों के भुगतान में गड़बड़ी करने, यूटीडी में घटिया बोर्ड की खरीदी में अनियमितता सहित अनुपयोगी पुस्तकों का क्रय कर लाखों की गड़बड़ी और अन्य आरोप लगाए थे।शिकायतों के बाद मनेंद्रगढ़ में बतौर सहायक प्राध्यापक कार्यरत डा. शारदा प्रसाद त्रिपाठी को संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय का सचिव बनाया गया है। वे सोमवार को ज्वाइन कर सकते हैं।

इस मामले में कुल सचिव ने उनके उपर लगे आरोपों को बेबुनियादी कहा है और उन्होंने बताया की पहले भी छुट्टी के दिनों में पहले भी दफ़्तर जाते  थे,ट्रांसफर होनें की जानकारी लगने पर फाइल को सहेजने पहुंचा था ताकी आने वाले अधिकारी को प्रभार दे सकूँ।

विश्वविद्यालय के कुलपति अशोक सिंह ने कहा कि उन्हें कुलसचिव के अवकाश के दिन आने का मतलब क्या है। वे यहां उनके आने की सूचना पर आए हैं। इस कारण मुझे भी आना पड़ा।

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