नई दिल्ली: महुआ ने घर खाली करवाए जाने के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी लेकिन गुरुवार को कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। पीटीई के रिपोर्ट की मानें तो इसके बाद शुक्रवार को संपदा निदेशालय ने तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा से सरकारी बंगला खाली कराने के लिए दल भेजा था। जानकारी के मुताबिक, महुआ के स्टाफ ने उनके सरकारी आवास से सभी सामान को बाहर निकाला है। आवास पर ताला लगाने के बाद संपदा विभाग को आवास की चाबी सौंप दी गई।
लगातार मिल रहे थे नोटिस
दिसंबर महीने में संसद में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर संसद की सदस्यता से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद उन्हें 7 जनवरी तक बंगला खाली करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद उन्हें एक बार और नोटिस मिला। नोटिस के खिलाफ महुआ ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने सरकार बंगले से उनके निष्कासन पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने महुआ की याचिका को खारिज कर दिया था।
कोई निष्कासन नहीं हुआ
टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा के कार्यालय ने जानकारी दी है कि महुआ मोइत्रा को आवंटित हुए नई दिल्ली के मकान नंबर 9 बी टेलीग्राफ लेन को आज सुबह 10 बजे तक पूरी तरह से खाली कर दिया गया है। घर को महुआ के वकीलों द्वारा संपदा निदेशालय को सौंप दिया गया, जो निरीक्षण कर रहे हैं और उचित प्रक्रिया में लगे हुए हैं। कार्यालय ने कहा है कि परिसर को अधिकारियों के आने से से पहले खाली कर दिया गया था। किसी भी तरह का कोई निष्कासन नहीं हुआ है।
#WATCH | Expelled parliamentarian Mahua Moitra (TMC) vacates her Government allotted accommodation in New Delhi pic.twitter.com/1S0qFC6qoQ
— ANI (@ANI) January 19, 2024
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी शिकायत में मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। दुबे ने कहा कि आरोप सुप्रीम कोर्ट के एक वकील के पत्र पर आधारित थे जो उन्हें मिला था, जिसमें मोइत्रा और व्यवसायी के बीच “रिश्वत के लेन-देन के कई सबूत मौजूद हैं। एथिक्स कमेटी ने इस मामले की जांच की थी जिसके बाद महुआ को सांसदी से बर्खास्त कर दिया गया था।