नई दिल्ली: नीरज चोपड़ा ने पहला प्रयास फाउल रहने के बाद दूसरे में आज का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंका. इसके बाद उन्होंने 86 . 32 मीटर, 84 . 64 मीटर , 87 . 73 मीटर और 83 . 98 मीटर के थ्रो फेंके.ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा ने फिर इतिहास रच दिया और विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए जिन्होंने पुरूषों की भालाफेंक स्पर्धा में 88 . 17 मीटर के थ्रो के साथ यह उपलब्धि हासिल की. भारत के किशोर जेना पांचवें स्थान पर रहे जिन्होंने अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 84 . 77 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंका. वहीं डी पी मनु छठे स्थान पर रहे जिनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 84 . 14 मीटर का था. विश्व चैम्पियनशिप में यह पहली बार हुआ है कि शीर्ष आठ में तीन भारतीय रहे हों.
Neeraj Chopra is the GOAT 🇮🇳
— Johns. (@CricCrazyJohns) August 27, 2023
First Indian to win a Gold Medal in the World Athletics Championships….!!!!!!pic.twitter.com/SyE0TtzDsX
25 वर्ष के चोपड़ा ने पहला प्रयास फाउल रहने के बाद दूसरे में आज का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंका. इसके बाद उन्होंने 86 . 32 मीटर, 84 . 64 मीटर , 87 . 73 मीटर और 83 . 98 मीटर के थ्रो फेंके. पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 87 . 82 मीटर के सत्र के अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत और चेक गणराज्य के याकूब वालेश ने कांस्य पदक जीता जिनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 86 . 67 मीटर का था. चोपड़ा ने फाउल के साथ शुरू किया लेकिन दूसरे प्रयास में बढत बनाई जो अंत तक कायम रही. पाकिस्तान के नदीम भी तीसरे दौर के बाद दूसरे स्थान पर आ गए और आखिर में पहले दो स्थान इन्हीं दोनों को मिले.
निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के बाद एक ही समय पर ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप जीतने वाले चोपड़ा दूसरे भारतीय बन गए. बिंद्रा ने 23 वर्ष की उम्र में विश्व चैम्पियनशिप और 25 वर्ष की उम्र में ओलंपिक स्वर्ण जीता था. तोक्यो में 2021 ओलंपिक में एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले चोपड़ा पहले भारतीय बने. उन्होंने 2022 में यूजीन में विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था. उनसे पहले लंबी कूद में अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 में पेरिस विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था.
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर : नीरज चोपड़ा ने फिर कर दिखाया. भारतीय एथलेटिक्स के गोल्डन ब्वॉय ने बुडापेस्ट में विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में पुरूषों की भालाफेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता. इसके साथ ही वह विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बन गए.” उन्होंने आगे लिखा ,‘‘ पूरे देश को आपकी उपलब्धियों पर गर्व है. यह पल भारतीय खेलों के इतिहास में हमेशा याद रखा जायेगा.
एक ही समय पर ओलंपिक और विश्व खिताब जीतने वाले वह तीसरे भालाफेंक खिलाड़ी बन गए. उनसे पहले चेक गणराज्य के जान जेलेज्नी और नॉर्वे के आंद्रियास टी यह कारनामा कर चुके हैं. जेलेज्नी ने 1992, 1996 और 2000 में ओलंपिक खिताब जीते जबकि 1993, 1995 और 2001 में विश्व चैम्पियनशिप जीती थी. आंद्रियास ने 2008 ओलंपिक और 2009 विश्व चैम्पियनशिप जीते थे. अब चोपड़ा के नाम खेल के सारे खिताब हो गए हैं. उन्होंने एशियाई खेल (2018), राष्ट्रमंडल खेल (2018) स्वर्ण के अलावा चार डायमंड लीग खिताब और पिछले साल डायमंड लीग चैम्पियन ट्रॉफी जीती.
वह 2016 में जूनियर विश्व चैम्पियन रहे और 2017 में एशियाई चैम्पियनशिप खिताब जीता. इस बीच एशियाई रिकॉर्ड तोड़ते हुए पहली बार फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली भारत की पुरुष चार गुणा 400 मीटर रिले टीम फाइनल में पांचवें स्थान पर रही. भारत के मोहम्मद अनस याहिया, अमोज जैकब, मोहम्मद अजमल वारियाथोडी और राजेश रमेश की चौकड़ी ने फाइनल में दो मिनट 59 . 92 सेकंड का समय निकाला. पारूल चौधरी ने नौ मिनट 15 . 31 सेकंड का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया लेकिन महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेस में 11वें स्थान पर रही.
इससे पहले रिकॉर्ड ललिता बाबर (9 :19.76) के नाम था जो 2015 विश्व चैम्पियनशिप में आठवें स्थान पर रही थी. चैम्पियनशिप के आखिरी दिन चोपड़ा के स्वर्ण ने भारतीय खेमे में खुशी की लहर भर दी. चोपड़ा, जेना, मनु, पारूल, पुरूषों की चार गुणा 400 मीटर रिले टीम और जेस्विन एल्ड्रिन ( लंबी कूद फाइनल में 11वां स्थान) के अलावा बाकी भारतीयों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा.
लंबी कूद में मुरली श्रीशंकर और 3000 मीटर स्टीपलचेस में अविनाश साबले पदक के दावेदार थे लेकिन फाइनल के लिये भी क्वालीफाई नहीं कर सके. पिछली बार विश्व चैम्पियनशिप में चोपड़ा को ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने हराया था. उस समय चोपड़ा ने 88 . 13 मीटर के साथ रजत पदक जीता था.