कुसमी: पहाड़ी कोरवा कन्या आश्रम धनेशपुर से 34 बोड़ी चावल ट्रेक्टर में लोड कर कालाबजारी करने के उद्देश्य से कुसमी के तरफ जा रही ट्रेक्टर को ग्रामीणों ने पकड़ कर इसकी सूचना अधिकारियों फोन पर किया जिसके पश्चात कुसमी बीईओ मंडल संयोजक व खाद्य निरीक्षक आश्रम पहुंच कर मामले की जांच शुरू कर दी
पहाड़ी कोरवा आश्रम धनेशपुर में अधीक्षिका के पद पर पदस्थ रिमनी बाई के ऊपर ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि अधीक्षिका के पति भी हास्टल के समीप शासकीय आवास में रहते हैं और वे भी हास्टल के कार्यों में दखल देते हुए हास्टल की महिला कर्मचारियों से हास्टल प्रांगण के खेत में काम करवाते हैं और उन्हें सुखी लकड़ी फाड़ने जैसी कठिन व जोखिम भरा काम करवाते हैं. इसके साथ गांव के सरपंच व कोरवा समाज के लोगो को पहले भी शिकायत मिली थी. की आश्रम की अधीक्षिका द्वारा पूर्व में भी अपने पति के सहयोग से आश्रम के चावल को कुसमी के व्यापारियों के पास बेचा जाता हैं. इसी बीच शनिवार को भी कोरवा समाज के लोगो को जानकारी हुई की अधीक्षिका के पति के ट्रेक्टर में आश्रम का चावल लोड कर त्रिपाल से ढककर उसे बेचने के लिए कुसमी के तरफ ले जाया जा रहा हैं तब ग्रामीणों ने कुसमी व करौंधा थाना में फोन कर सूचना दी. साथ ही क्षेत्रीय विधायक उद्देश्वरी पैकरा को भी अवगत कराया.
इसकी भनक लगते ही ट्रेक्टर में लोड कर चावल का कालाबाजारी करने लें जाया जा रहा ट्रेक्टर वापिस आश्रम पहुंच गया. जहाँ कुछ देर बाद जब गांव के सरपंच हबील लकड़ा व कोरवा समाज के लोग आश्रम पहुंचे तो देखे की चावल से भरी ट्रेक्टर वहा खड़ा है. और आनन-फानन में कुछ बोड़ी चावल को नीचे उतार कर आश्रम के प्रांगण में रखा गया था. पहाड़ी कोरवा समाज के बच्चो के लिए शासन से मिले राशन सामग्री को अधीक्षिका द्वारा बाजार में बेचने के प्रयास की घटना का कोरवा समाज के लोगो ने कड़ा विरोध करते हुए घटना की सूचना सहायक आयुक्त से लेकर अन्य अधिकारियों को फोन से देकर कार्यवाही की मांग किया. जिस पर सहायक आयुक्त बलरामपुर के निर्देश पर कुसमी बीईओ रामपथ यादव व मंडल संयोजक हरिशंकर सोनवानी, खाद्य निरीक्षक भानू प्रताप सिंह धनेशपुर आश्रम पहुंच कर मामले की जांच करते हुए ग्रामीणों का बयान दर्ज कर अधीक्षिका को आश्रम से हटाकर अन्यंत्र पदस्थ करने का भरोसा दिलाया है।
ट्रेक्टर चालक सुबोध लकड़ा से जाँच के लिए आश्रम पहुचे अधिकारियो की टीम ने पूछा की चावल कहा ले जा रहे थे इस पर उसने कहा की मुझे अधीक्षिका व उसके पति ने चावल को केवल कुसमी तक पहुंचाने के लिए कहा गया था.
वही अधीक्षिका रिमनी बाई ने अपनी बचाव में कहा की चावल में खराबी आ गई थी. जिसका मैं हालर करवाने कुसमी के मिल ले जा रही थी. जिससे चावल का फिर से उपयोग किया जा सके.
वही अधिकारियों ने कहा की आश्रम में प्रत्येक माह 750 किलो ही चावल मिलता है तो एक साथ करीब 16 किवंटल चावल का स्टॉक आश्रम में कैसे जमा हो गया. इस पर अधीक्षिका संतोष जनक जवाब नही दे सकी.
इस संबंध में जांच अधिकारी कुसमी बीईओ रामपथ यादव ने कहा कि सभी पक्ष के लोगों का बयान दर्ज कर लिया गया है प्रथम दृष्ट्या में चावल की हेराफेरी करने का प्रयास प्रतीत हो रहा हैं. वर्तमान अधीक्षिका को आश्रम से हटवा कर यहां दूसरे योग्य अधीक्षिका को पदस्थ करने का प्रताव उच्च कार्यालय को प्रेषित करेंगे।
खाद्य निरीक्षक कुसमी भानू प्रताप सिंह ने कहा पंचनामा तैयार कर ट्रेक्टर व चावल की जप्ती की गई हैं. जो भी उचित कार्यवाही होगी उसे उच्च अधिकारियो द्वारा किया जाएगा.