बीजापुर:  छत्तीसगढ़ के माओवादी प्रभावित बीजापुर जिले में 40 साल बाद गणतंत्र दिवस का जश्न धूमधाम से मनाया गया। माओवादियों के प्रभाव वाले पीएलजीए बटालियन क्षेत्र में सुरक्षा बलों द्वारा स्थापित नए सुरक्षा कैंपों की बदौलत इस बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। दशकों से माओवादियों के डर के कारण इन क्षेत्रों में काला झंडा फहराया जाता रहा, लेकिन अब तिरंगे की शान लौटने से स्थानीय ग्रामीणों और बच्चों में खुशी का माहौल है। 

जिले के एसपी जितेंद्र यादव के नेतृत्व में सुरक्षा बलों ने नक्सल उन्मूलन नीति “विश्वास, विकास और सुरक्षा” के तहत इलाके में शांति और विकास का संदेश पहुंचाया। इस अवसर पर अमर शहीदों को याद कर उनकी वीरता का बखान किया गया। दंतेवाड़ा के विधायक चैतराम अटामी ने बीजापुर जिला मुख्यालय के मिनी स्टेडियम में आयोजित जिला स्तरीय समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड की सलामी ली। उन्होंने मुख्यमंत्री का संदेश भी जनता को सुनाया।  वहीं, माओवादियों के गढ़ माने जाने वाले चिन्नगेल्लुर, गुंडम, छुटबाई, कोंडापल्ली, वाटेवागु, जड़पल्ली, कावड़गांव और पीडिया जैसे क्षेत्रों में पहली बार गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया गया। सुरक्षा बलों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर मिठाई और जलपान का वितरण किया, जिससे बच्चों और लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला।  क्षेत्र में सुरक्षा कैंपों की स्थापना से विकास को गति मिली है। इन इलाकों में अब सड़कों, पुलों, बिजली, शिक्षा, पानी, स्वास्थ्य सेवाओं, मोबाइल कनेक्टिविटी और पीडीएस दुकानों जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। “नियद नेल्लानार योजना” के तहत शुरू की गई ये सुविधाएं माओवादी विचारधारा को खत्म करने और लोगों के जीवन में सुधार लाने का काम कर रही हैं। 

गणतंत्र दिवस के अवसर पर सुरक्षा बलों ने न केवल शांति और विकास का संदेश दिया, बल्कि माओवादियों के खोखले विचारों के खिलाफ जनमत भी मजबूत किया। तिरंगे के नीचे बच्चों और ग्रामीणों का जोश इस बात का संकेत था कि अब ये क्षेत्र बदलाव और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।

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