अम्बिकापुर: जिले के उदयपुर विकासखण्ड में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) को आवंटित परसा कोयला ब्लॉक को शुरू कराने के लिए प्रभावित ग्रामीणों ने एक बार फिर अपनी आवाज बुलंद कर दी है। परसा कोयला ब्लॉक के परिचालन के लिए आने वाले छह ग्राम साल्ही, जनार्दनपुर, हरिहरपुर, फतेहपुर, तारा, और घाटबर्रा ग्राम के 140 ग्रामीणों ने अपने हस्ताक्षरित ज्ञापन के द्वारा राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्रीयों तथा क्षेत्रिय विधायक व प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री टी एस सिंहदेव से अनुरोध किया है।
इस ज्ञापन को सौपनें इन ग्रामों से सात सदस्यीय दल ने आज रायपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री के निवास का रुख किया। इस दौरान फतेहपुर के समल सिंह पोर्ते व केश्वर सिंह पोर्ते, ग्राम साल्ही के मोहरलाल कुसरो व मनोज कुमार पोर्ते, ग्राम तारा के रंगीलाल मरकाम ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया की “हम सभी परसा कोल ब्लॉक से प्रभावित परिवार के सदस्य हैं। हमारी निजी भूमि का अधिग्रहण इस ब्लॉक लिए दो वर्ष पूर्व हुआ था, और इसके लिए हमें मुआवजा भी मिल चुका है। लेकिन इस अधिग्रहण में पुनर्वास तथा पुनर्व्यवस्थापन के तहत हमने रोजगार प्राप्त करने का विकल्प चुना है। यही नहीं हमारी अधिग्रहित भूमि का नामांतरण भी आरआरवीयूएनएल को हो गया है, किन्तु आज तक खदान शुरू न हो पाने से हम अब तक बेरोजगार घूम रहे हैं। चूंकि कानूनी तौर पर हमारी जमीन पर अब हमारा कोई अधिकार नहीं है इसलिए इसमें हम कृषि कार्य भी नहीं कर पा रहें हैं और न ही कंपनी में हमें नौकरी मिल पा रही है। इससे हमें आर्थिक क्षति भी हो रही है।“
ग्राम हरिहरपुर के राजेश्वर दास तथा ग्राम जनार्दनपुर के नोहर साय पोर्ते ने कहा कि “कुछ राजनेताओं द्वारा परसा कोयला ब्लॉक के लिए सिर्फ 10 प्रतिशत ग्रामीणों के सहमति की बात कही जा रही है जो कि सरासर गलत है। जबकि इस परियोजना के लिए प्रभावित ग्रामों की 80 प्रतिशत से ज्यादा ग्रामीणों की सहमती है। इसके शुरू होने से हमारे क्षेत्र में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना एवं स्वच्छ पेयजल इत्यादि में वृद्धि होगी साथ ही हमारे बच्चों को कक्षा 10 वीं तक की उच्च गुणवत्ता वाली केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा मण्डल की अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा निःशुल्क उपलब्ध होगी। अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के साथ 24 घंटे एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध हो सकेगी।“
ग्रामीणों ने ज्ञापन में लिखा है, कि जिले के बाहरी एनजीओ के द्वारा अपने निजी स्वार्थ के कारण वास्तविक सच्चाई को छुपाते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से यहां के कुछ लोगों के बीच नकारात्मक और भ्रम का माहौल बनाने का प्रयास किया जाता रहा है ताकि परसा कोयला ब्लॉक के खुलने में देरी हो। जबकि हम सभी लोग चाहते हैं कि यह ब्लॉक जल्दी ही खुले जिससे हमें नौकरी मिलने के साथ हमारे क्षेत्र का भी विकास हो और इन सभी का लाभ हमें भी मिल सके। इस परियोजना के न खुलने से हम सभी के परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय होने के साथ ही हमारे भविष्य तथा रोजी रोटी पर भी खतरा बढ़ता जा रहा है। इसलिए हमारे क्षेत्र में नौकरी शिक्षा स्वास्थ्य व पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं के लाभ के लिए परसा कोयला परियोजना को शीघ्र चालू कराने की कृपा करें।
अब देखना ये है कि परसा कोयला ब्लॉक को शुरू कराने के लिए ग्रामीणों की सालों से चलती आ रही इस मांग को प्रदेश के मुख्यमंत्री अपनी सहमति देते हैं या फिर इन ग्रामीणों को इसके लिए और इंतजार करना पड़ेगा।