कुसमी/कुंदन गुप्ता: ब्लॉक के सेरेंगदाग व जमीरापाठ क्षेत्र अंतर्गत छत्तीसगढ़ मिनिरल डेवलपमेंट कार्पोरेशन बाक्साइट खदान विवादों में घिरते जा रही हैं। गुरुवार को जनसुनवाई में ग्रामीणों ने खदान खोलने का पुरजोर विरोध किया हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जिस जमीन पर प्लांट खोला जा रहा है वह चारागाह और निस्तारी की जमीन है और कुछ सेटलमेंट की जमीन है। इतना ही नहीं इस जमीन पर कई किसान खेती कर जीविकोपार्जन कर रहे हैं।ग्रामीणों का आरोप है की प्रशासनिक अधिकारी जनसुनवाई की खानापूर्ति कर औपचारिकता मात्र पूरी कर रहे हैं। जन सुनवाई के दौरान ग्रामीणों द्वारा विरोध प्रदर्शन भी किया गया था लेकिन उपस्थित अधिकारियों एवं कंपनी के लोगों ने उनकी बातों को अनसुना कर सिर्फ अपना पक्ष ही रखा।

ग्रामीणों ने कहा कि खदान शुरू होने से जल, जमीन व हवा दूषित होगी और वे इसके लिए तैयार नहीं हैं।वहीं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का कहना है कि एल्युमीना से ही एल्युमीनियम बनता है और एल्युमीना बाक्साइट से तैयार होता है। बाक्साइट का सामरीपाठ में भंडार है, जहां हिंडालको कंपनी माइनिंग कर रही है। बाक्साइट का ट्रांसपोर्ट उत्तरप्रदेश होता है। खदान खुलने से प्रदूषण के कारण लोग डरे हुए हैं। संबंधित कंपनी इलाके के लोगों को रोजगार देने का बात कर रही है, लेकिन लोग तैयार नहीं हैं क्योंकि क्षेत्र के आसपास स्थित अन्य प्लांट जिन्होंने ग्रामीणों को खदान खुलने के पूर्व रोजगार देने का वादा किया था, वह आज ग्रामीणों को अपने आसपास भी फटकने नहीं देते। ग्रामीणों का कहना है कि वे इस प्रोजेक्ट का विरोध शुरू से कर रहे हैं, लेकिन अफसर उनकी बात को नजर अंदाज कर रहे हैं।

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