अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ में तीसरे चरण का चुनाव 7 में को होना है जहां लगातार हर पार्टी अपना वादे करते नजर आ रही है लेकिन चुनाव से पहले सरगुजा जिले से एक ऐसा वाक्य निकलकर आया जहां लोगों ने इस जगह से वोट देने से मना कर दिया यूं कहे तो मतदान करने से ही मना कर दिया यह समस्या पिछले कई वर्षों से चली आ रही है मामला सरगुजा जिले के लुंड्रा विधानसभा के ग्राम लवाई डीह बरपारा का है जहां नदी के बीच में बेस इस गांव में आने-जाने में नदी रोड़ा बनती है जिसके लिए पुल के लिए ग्रामीण कई सालों से मांग कर रहे हैं लेकिन आज तक ना तो उनकी बात कोई प्रशासन का अधिकारी सुना और ना ही कोई नेता अब जब लोकसभा चुनाव में मतदान की बात आई तो गांव के लोगों ने चुनाव का ही विरोध किया और वोट बहिष्कार करने की बात कही।
ग्रामीणों का कहना है कि इस ग्राम में पहले यहां चिंतामणि महाराज जो अभी भाजपा के सांसद प्रत्याशी हैं वह पहले यहां विधायक थे और उन्होंने वादा किया था कि यहां पुल बनाया जाएगा और इसी को लेकर के इस नदी में एक महिला डूबी थी जिसको लेकर के सत्याग्रह भी किया गया था लेकिन विडंबना तो यह है कि ग्रामीण द्वारा यह कहा जा रहा है कि जिस प्रत्याशी ने वादा किया उसे वादे को उसने पूरा नहीं किया तो अब हम उसे पर कैसे भरोसा करें साथ ही और भी नेताओं पर क्यों भरोसा करें इसी को लेकर के हम वोट देने से मना करते हैं।
चुनावी विसाद हर पार्टी बिछा रही है लेकिन ऐसे मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे कई ऐसे गांव हैं जहां आज भी ऐसी समस्याएं बनी हुई है लेकिन इस पर ना तो किसी प्रशासन की नजर पड़ती है और ना किसी नेताओं की और जब चुनाव का समय आता है तो ऐसे वाक्य निकलकर सामने आते हैं बाहर हाल अब तो देखने की बात यह होगी कि क्या यह वाक्य हमेशा चलते रहेंगे या 7 तारीख को मतदान होना है और एक दिन के बीच में क्या कोई प्रशासन का अधिकारी है इन तक पहुंच पाएगा और इनका मन बूझकर वोट डलवाने ले जा पाएगा।