बगदाद: इराक में बड़े स्तर पर जातीय संघर्ष की खबर सामने आ रही है। इराक के शहर किरकूक में कुर्दिश और अरब निवासियों के बीच भड़की हिंसा में तीन प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई जबकि एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। यह जातीय संघर्ष कुर्दों, अरबों और तुर्कमेनिस्तान के लोगों के बीच छिड़ी है। इस हिंसक संघर्ष के बाद इराक ने उत्तरी प्रांत के जातीय रूप से मिश्रित शहर किरकुक में कर्फ्यू घोषित कर दिया है।
इराक के सुरक्षा बलों और पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि उत्तरी इराकी तेल शहर किरकुक में जातीय समूहों के बीच कई दिनों के तनाव के बाद शनिवार को हुई झड़प के दौरान तीन प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई और 14 अन्य लोग घायल हो गए।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने शनिवार को किरकुक प्रांत में कर्फ्यू का आदेश दिया और उन क्षेत्रों में तलाशी अभियान शुरू करने का आदेश भी जारी किया, जहां दंगे हुए।
इराकी सशस्त्र बलों द्वारा जारी एक बयान के अनुसार पीएम अल-सुदानी ने इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा बलों को “किरकुक शहर की सुरक्षा के साथ छेड़छाड़ करने की हिम्मत करने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने में दृढ़ रहना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सुरक्षा अधिकारियों को छोड़कर किसी को भी हथियार ले जाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।इराक में यह प्रदर्शन किरकुक की एक इमारत में किया जा रहा था जो कभी कुर्दिस्तान डेमोक्रेटिक पार्टी (केडीपी) का मुख्यालय हुआ करता था। साल 2017 से इराकी सेना ने इसे एक बेस के रूप में इस्तेमाल करना शुरू किया था। केंद्र सरकार ने सद्भावना दिखाने के लिए इमारत को केडीपी में वापस करने की योजना बनाई थी लेकिन अरब और तुर्कमेन विरोधियों ने विरोध में पिछले हफ्ते इमारत के बाहर एक शिविर स्थापित किया।
पुलिस ने कहा कि हिंसा तब भड़की जब शनिवार को कुर्द प्रदर्शनकारियों का एक समूह शिविर के पास पहुंचा। पुलिस और अस्पताल के सूत्रों ने पहले कहा था कि एक कुर्द प्रदर्शनकारी मारा गया था।
उन्होंने बताया कि गोलियों से घायल दो और कुर्द प्रदर्शनकारियों की अस्पताल में मौत के बाद मरने वालों की संख्या बढ़ गई। शहर के सुरक्षा अधिकारियों और पुलिस का कहना है कि वे मौतों की परिस्थितियों की जांच कर रहे हैं, जिसमें यह भी पता लगाया जा रहा है कि किसने पहले गोलीबारी की।